भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा किसानों के हित में तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने पर जहां बीजेपी ने इसे किसानों के हित में लिया गया फैसला बताया है, वहीं कांग्रेस ने इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा करार दिया है. किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्का (Farmer leader Shiv kumar Sharma Kakka) ने कहा कि अभी केवल कानून वापस लेने का ऐलान किया गया है. इन्हें विधिवत वापस लिया जाए तो किसानों की सही जीत होगी.
किसानों के हित में थे कानून
कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) ने कहा कि किसानों के हित में केंद्र सरकार ने जो काम किया है, वो किसी ने नहीं किया. मप्र में किसान सम्मान निधि और फसल बीमा योजना के जरिए किसानों को संबल मिला है. किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं.
कमल पटेल ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में थे. किसान संगठनों के विरोध और आंदोलन को देखते हुए किसानों के अंसतोष को दूर करने के लिए ये कानून वापस लिए गए हैं. पीएम मोदी द्वारा लिया गया यह फैसला ऐतिहासिक है और मप्र के किसान पीएम मोदी (pm modi) के साथ हैं.
किसान विरोधी सरकार को वापस लेना पड़ा कानून
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा तानाशाही रवैया अपनाकर जिस तरह से तीन काले कानून बनाए गए थे. सैकड़ों किसानों ने विरोध स्वरूप अपनी जान गंवा दी, लेकिन तब भी भाजपा सरकार ने यह कानून वापस नहीं लिए थे. अब जब पांच राज्यों के चुनाव आने वाले हैं, भारतीय जनता पार्टी की जमीन खिसक गई है, इसलिए किसानों के उग्र विरोध को देखते हुए भाजपा सरकार द्वारा यह कानून वापस लेना पड़ गया.
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अब देश का किसान भाजपा को पहचान गया है. यह कभी किसानों का भला नहीं कर सकते हैं, केवल किसानों की अगली पीढ़ी को गुलाम करने का काम कर सकते हैं. कृषि कानून वापस लेना इस सरकार की मजबूरी थी. यह देश के किसानों की जीत है. कांग्रेस पार्टी और तमाम विपक्षी दलों ने किसानों की लड़ाई लड़ी.
अभी केवल घोषणा, विधिवत वापस हों कानूनः कक्का जी
किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्का जी ने कहा कि अभी पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है. इन कानूनों को विधिवत शीतकालीन सत्र में वापस लेने की प्रक्रिया हो तब ही सही मायने में किसानों की जीत होगी.