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'मामा' को किया रवाना अब है 'चौकीदार' की बारी- सीएम कमलनाथ - bjp

आदिवासी विकास परिषद के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर तीखा तंज कसा. उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश के मतदाताओं और आदिवासी भाईयों ने मामा को रवाना किया अब चौकीदार को रवाना करना है. इसके अलावा उन्होंने सरकार के 90 दिन में किए कामों को भी गिनाया.

मुख्यमंत्री कमलनाथ
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Published : Mar 29, 2019, 11:25 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ शुक्रवार को राजधानी के मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में उन्होंने मंच से आदिवासियों को कहा कि मामा को मध्यप्रदेश से रवाना कर दिया है, अब चौकीदार की बारी है.

आदिवासी परिषद के कार्यक्रम में सीएम


मानस भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमनलाथ ने आदिवासियों को ये भी संदेश दिया कि आदिवासी भाईयों ने साइकिल चलाना सीख गए, मोटरसाइकिल चलाना सीख गए लेकिन मुंह चलाना नहीं सीखा. जब तक आदिवासी मुंह चलाना नहीं सीखेंगे, तब तक कुछ नहीं होने वाला.

इसके अलावा उन्होंने सरकार द्वारा किए गए 75 दिनों में किए गए कामों के बारे में भी चर्चा की. साथ ही बताया कि उनकी 90 दिन की सरकार के 15 दिन आचार संहिता में ही निकल गए. लेकिन सरकार ने शुरुआती 75 दिनों में कर्जमाफी जैसी कई योजनाओं को लागू कर अपनी नीति-नियत स्पष्ट कर दी है. हर सरकार का काम करने का तरीका अलग-अलग होता है. आगामी 180 दिनों में सरकार का कामकाज देखने लायक होगा.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस के पक्ष में महौल बनाते हुए कहा कि आदिवासियों ने मामा को रवाना कर दिया है और अब चौकीदार को रवाना करना है. इन 5 साल में कुछ लोग देश को दूसरी पटरी पर लेकर चले गए हैं, उसे हमें फिर से पटरी पर लाना होगा.

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ शुक्रवार को राजधानी के मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में उन्होंने मंच से आदिवासियों को कहा कि मामा को मध्यप्रदेश से रवाना कर दिया है, अब चौकीदार की बारी है.

आदिवासी परिषद के कार्यक्रम में सीएम


मानस भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमनलाथ ने आदिवासियों को ये भी संदेश दिया कि आदिवासी भाईयों ने साइकिल चलाना सीख गए, मोटरसाइकिल चलाना सीख गए लेकिन मुंह चलाना नहीं सीखा. जब तक आदिवासी मुंह चलाना नहीं सीखेंगे, तब तक कुछ नहीं होने वाला.

इसके अलावा उन्होंने सरकार द्वारा किए गए 75 दिनों में किए गए कामों के बारे में भी चर्चा की. साथ ही बताया कि उनकी 90 दिन की सरकार के 15 दिन आचार संहिता में ही निकल गए. लेकिन सरकार ने शुरुआती 75 दिनों में कर्जमाफी जैसी कई योजनाओं को लागू कर अपनी नीति-नियत स्पष्ट कर दी है. हर सरकार का काम करने का तरीका अलग-अलग होता है. आगामी 180 दिनों में सरकार का कामकाज देखने लायक होगा.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस के पक्ष में महौल बनाते हुए कहा कि आदिवासियों ने मामा को रवाना कर दिया है और अब चौकीदार को रवाना करना है. इन 5 साल में कुछ लोग देश को दूसरी पटरी पर लेकर चले गए हैं, उसे हमें फिर से पटरी पर लाना होगा.

Intro:भोपाल। आज भोपाल के मानस भवन में आयोजित मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासियों को संदेश देते हुए कहा कि आदिवासी भाई साइकिल चलाना सीख गए, मोटरसाइकिल चलाना सीख गए, लेकिन उन्होंने मुंह चलाना नहीं सीखा। जब तक आदिवासी भाई मुंह चलाना नहीं सीखेंगे, तब तक कुछ नहीं होने वाला है। वहीं उन्होंने कहा कि 75 दिन में हमने अपनी नीति और नियत का परिचय दे दिया है। अभी हमें 80 दिन हुए हैं और देखिए 180 दिन में क्या होता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ में आदिवासी वर्ग से सच्चाई का साथ देने की बात करते हुए कहा कि हमारे महापुरुष महात्मा गांधी, नेहरू जी, बाबा साहब और सरदार पटेल देश को एक पटरी पर लेकर आए थे, लेकिन पिछले 5 साल में देश दूसरी पटरी पर चला गया है। हमें फिर से उसे उसी पटरी पर लाना है।


Body:मप्र आदिवासी विकास परिषद के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जब तक आदिवासी लोग मुंह चलाना नहीं सीखेंगे, तब तक कुछ नहीं होने वाला है। साइकिल चलाना सीखने से,मोटरसाइकिल चलाना सीखने से कुछ नहीं होने वाला है।यही संदेश में आज आपको देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि आज सरकार को करीब 90 दिन हो गए हैं। 90 दिनों में से तो 15 दिन आचार संहिता में चले गए। 75 दिन में कांग्रेस की सरकार ने अपनी नीति और नियत का परिचय दिया है। जो हो सकता था हमने किसानों की बात करी थी, हमने बिजली की बात करी थी,हमने पेंशन की बात करी थी, वह हमने 75 दिन में किया। 75 दिन में हमारे नीति बन गई है, यह बात सही है कि कुछ समस्या है और 75 दिनों में इस प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन 100% सही हो जाए, यह भी कहना सही नहीं है। लेकिन 90 दिन पहले हमें कैसा प्रदेश सौंपा गया था, हमें 15 साल बाद प्रदेश मिला है। 20 साल बाद 26 दिसंबर को कांग्रेस के मंत्री मंडल ने शपथ ली है। 20 साल पहले जो बच्चे चार पांच साल के थे, उन्होंने कांग्रेस के मंत्री मंडल को शपथ लेते हुए नहीं देखा है। इस बीच जो आईएएस और आईपीएस अफसर बने, उन्होंने भी कांग्रेस की सरकार नहीं देखी थी। उन्हें भी समझना पड़ेगा और हमें भी समझना पड़ेगा. क्योंकि हर सरकार का काम करने का तरीका अलग अलग होता है। यह 75 दिन में संभव हुआ है और अभी हमने सिर्फ 80 दिन में यह काम किया है आगे देखिए हम 180 दिन में क्या काम करते हैं।


Conclusion:मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आज हमारे सामने लोकसभा की चुनौती है। अब आदिवासी समाज ने हमेशा सच्चाई का साथ दिया है। मैं तो आपसे यही चाहता हूं, आप तस्वीर देख लीजिए। 15 साल का चित्र जनता को दिखाई देगा और इस तस्वीर को देखकर लोगों को समझाइए।पहले सच्चाई को समझ गए और सच्चाई का साथ दीजिए, किसी पार्टी का साथ तो बाद में आएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि आदिवासी समाज सच्चाई का साथ देगा। वह पार्टियां जो आदिवासी समाज के नाम पर वोट लेते हैं , वह किस को ताकत देते हैं, यह आप लोगों को सोचना होगा कि किस को मजबूती देना चाहते हैं। आप को कांग्रेस से खतरा है या फिर बीजेपी से खतरा है। कांग्रेस का इतिहास बताता है कि नई पीढ़ी को कांग्रेस के इतिहास के बारे में जानना होगा, तो सबसे बड़ा खतरा उन्हें किससे है, उन्हें समझाना होगा कि किस प्रकार आदिवासी समाज को प्रदेश की रक्षा की जिम्मेदारी निभाना है। सबको मिलकर मध्य प्रदेश की जनता को और मध्य प्रदेश के आदिवासियों को पहली मामा को रवाना किया है और अब चौकीदार को रवाना करना है। अब चौकीदार की बारी है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस लोकसभा चुनाव के जरिए हमें देश को उसी पटरी पर लाना होगा जो जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी, बाबा साहब और सरदार पटेल जैसे नेता देश को एक पटरी पर लाए थे। पिछले 5 साल में कुछ लोग देश को दूसरी पटरी पर ले गए हैं,फिर से हमें अपने देश को उसी पटरी पर लाना होगा, जिससे हमारा देश आगे बढ़े।
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