भोपाल। मतदान के बाद अब बीजेपी और कांग्रेस अपनी जीत को लेकर आश्वत तो जरूर हैं, लेकिन अंदर-अंदर ही बम्पर मतदान को लेकर चिंतित भी हैं कि आखिर ये मतदाता किस वजह से घरों से निकलकर भारी मतदान करने पहुंचे हैं, यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार पार्टी पदाधिकारियों से फीडबैक ले रहे हैं. खास तौर से शिवराज ने चुनाव प्रबंधन समिति से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर एक-एक सीट को लेकर फीडबैक लिया.
''सरकार है और सरकार रहेगी''
28 सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान हो चुका है, और ज्यादातर सीटों पर 80 प्रतिशत तक मतदान हुआ है, जिसके बाद से बीजेपी के माथे में चिंता की लकीर नजर आने लगी है, यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत, उपचुनाव के संयोजक भूपेंद्र सिंह , के अलावा चुनाव प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों के साथ लंच के बहाने मतदान को लेकर फीडबैक लिया. लंच पॉलिटिक्स को लेकर सीएम शिवराज का कहना है, हम सब समान कार्यकर्ता हैं और एक साथ भोजन करने आए हैं. मुख्यमंत्री हो, प्रदेश अध्यक्ष हो या अन्य कार्यकर्ता सभी बराबर हैं, और इसलिए सब साथ मे लंच करने आए हैं. तो वहीं 10 तारीख को मतगणना को लेकर शिवराज का कहना है, हम तैयार हैं. सरकार हमारी है और आगे भी रहेगी.
''बीजेपी की सरकार है, किसी को गड़बड़ करने की इजाजत नहीं''
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के कॉलेज पर नगर निगम की अतिक्रमण की कार्रवाई कर, तालाब के केचमेंट एरिया में बने अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया है. विधायक का खानू गांव में एक कॉलेज है, जहां पर अवैध निर्माण किया गया था. आज निगम ने इस निर्माण को गिरा दिया है. अवैध निर्माण पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है, प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. कानून और व्यवस्था अपना काम करेगी, किसी भी व्यक्ति को गड़बड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, इसके पहले आरिफ मसूद ने फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हुई थी. जिसके बाद कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने के मामले में पुलिस ने आरिफ मसूद सहित अन्य कई लोगों पर मामला दर्ज किया था, जिसके बाद से माना जा रहा है कि सरकार कांग्रेस विधायक पर सख्त कार्रवाई करने के मूड में है.
माना जा रहा है कि 28 विधानसभाओं में हुए भारी मतदान को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारी मतदान सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा होता है, और यही बात बीजेपी को भी डरा रही है. अब देखना यह है 10 नवंबर को प्रदेश में जनता का फैसला किसके पक्ष में होता है