भोपाल। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में हुए फर्जीवाड़े के बाद अब प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कल्याणी योजना के नाम पर कराए गए विवाह पर सवाल उठने लगे हैं. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कल्याणी योजना में हुई गड़बड़ी के खुलासे के बाद कांग्रेस ने सरकार से हाईकोर्ट के जज की निगरानी में प्रदेश स्तर पर जांच कराने की मांग की है. पिछले दो साल में कोरोना काल के दौरान कल्याणी योजना के तहत 21 हजार से ज्यादा विवाह कराए गए. इस पर करीब 122 करोड़ रुपए खर्च किए गए है. जबकि कोरोना के चलते मुख्यमंत्री कन्यादान योजना सहित मुख्यमंत्री निकाह योजना पर रोक लगी हुई थी.
3500 कन्याओं के विवाह में फर्जीवाड़ा पाया गया
बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा द्वारा विदिशा जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जमकर फर्जीवाड़े का मामला विधानसभा में उठाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे. जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने विदिशा के तत्कालीन सीईओ सहित दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया था. जांच में कन्यादान योजना में 3500 कन्याओं के विवाह में फर्जीवाड़ा पाया गया था.
कल्याणी योजना पर इसलिए उठ रहे हैं सवाल
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना विदिशा जिले में ही करीब 30 करोड़ रुपए का सरकार को चूना लगा है. हालांकि कोरोना काल में एकल शादी पर रोक नहीं थी. लेकिन बताया जाता है कि खर्च की गई राशि में पुराना पेमेंट भी करा दिया गया. साल 2020-21 में कल्याणी योजना के लिए 150 करोड़ की राशि आवंटित की गई. इसमें 21 हजार 42 हितग्राहियों को 117.74 करोड़ राशि खर्च की गई. जबकि साल 2021-22 में इसमें 50 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई. इसमें 229 हितग्राहियों को 04.57 करोड़ रुपए की राशि दी गई.
कांग्रेस ने उठाया सवाल, गड़बड़ी का आरोप
कोरोना काल में कल्याणी योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सरकार से जांच की मांग की है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि मानवीय संवेदनाओं के साथ बनाई गई योजनाओं पर प्रशासन द्वारा डाका डाला जा रहा है. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के बाद अब कल्याणी विधवा विवाह प्रोत्साहन योजना के नाम पर गड़बड़ी हुई है. कांग्रेस ने सभी विवाह योजनाओं की प्रदेश स्तर पर हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की है.
(corruption in Kanyadan Yojana) (Now Kalyani scheme under question)