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कमलनाथ को याद आए अर्जुन सिंह, 35 साल के बाद फिर शुरू होगी 'आपकी सरकार आपके द्वार' योजना

मध्य प्रदेश सरकार 35 साल बाद एक बार फिर से 'आपकी सरकार आपके द्वार' योजना को वापस लेकर आ रही है. जिसे पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह लेकर आये थे.

फाइल फोटो
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Published : Jul 7, 2019, 11:41 AM IST

भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस जनता को खुश करने का कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहती है यही वहज है कि कमलनाथ सरकार 35 साल पुरानी 'आपकी सरकार आपके द्वारा' योजना वापस लेकर आ रही है. योजना के तहत जनता की समस्या और शिकायतों का समाधान करने विकासखंड मुख्यालय में और ऐसे किसी गांव में शिविर लगाए जाएंगे, जहां बाजार लगता हो साथ ही ऐसे गांव का नाम गोपनीय रखा जाएगा.

'आपकी सरकार आपके द्वार' योजना लाने की तैयरी

इस योजना के तहत लगने वाले शिविरों में कलेक्टर और विभागों के जिला अधिकारी एक ही वाहन से पहुंचेंगे और समस्याओं का निराकरण करेंगे. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में अधिकारियों को देर रात निर्देश जारी कर दिए हैं. शिविर में आने वाली समस्याओं का तत्काल निराकरण करना सभी अधिकारियों के लिए जरूरी किया गया है. फिर चाहे शिविर देर रात तक ही क्यों ना लगाना पड़ जाएं. साथ ही जो समस्याएं साथ तत्काल नहीं सुलझाई जा सकती उनकी समय सीमा तय करनी होगी.ये योजना 1 अगस्त से लागू हो जाएगी. बता दें कि इस योजना को 35 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री अजुर्न सिंह लेकर आये थे.

'आपकी सरकार आपके द्वार'
⦁ योजना के तहत कलेक्टरों को साल में तीन माह ग्राम भ्रमण करना होगा या शिविर लगाने होंगे.
⦁ इसकी जानकारी जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को देना होगी.
⦁ भ्रमण के दौरान स्कूल, आंगनवाड़ी, छात्रावास, उचित मूल्य की दुकान, अस्पताल, ग्राम पंचायत सहित मध्या- भोजन, पोषण आहार आदि योजनाओं को देखा जाएगा.
⦁ शिविर में आने वाली संभावित शिकायतों और समस्याओं को लेकर विभाग के अफसरों को पहले से तैयारी रखनी होगी.
⦁ कलेक्टर को शिविर की तारीख मंत्री और विधायकों से पूछकर तय करनी होगी.

वहीं निर्देश में साफ कहा गया है कि शिविरों में दिखावा नहीं होना चाहिए. प्रभारी मंत्री, जिले के मंत्री और विधायकों का माह में कम से कम दो शिविरों में शामिल होना जरूरी किया गया है और अगर किसी वजह से मंत्री-विधायक किसी शिविर में नहीं पहुंचते हैं तो कलेक्टर शिकायत-समस्याओं को सुनेंगे. वहीं संभागायुक्त अपनी सुविधा के अनुसार शिविरों में शामिल होंगे.

कलेक्टरों को निर्देश दिए गये है कि शिविरों का प्रचार मुनादी कराकर किया जाये ताकि जनता को पता चल सके कि उनके क्षेत्र में कब शिविर लग रहा है. वहीं शिविर पूरा होने जाने पर राज्य सरकार को विस्तृत प्रतिवेदन भेजा जायेगा.

भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस जनता को खुश करने का कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहती है यही वहज है कि कमलनाथ सरकार 35 साल पुरानी 'आपकी सरकार आपके द्वारा' योजना वापस लेकर आ रही है. योजना के तहत जनता की समस्या और शिकायतों का समाधान करने विकासखंड मुख्यालय में और ऐसे किसी गांव में शिविर लगाए जाएंगे, जहां बाजार लगता हो साथ ही ऐसे गांव का नाम गोपनीय रखा जाएगा.

'आपकी सरकार आपके द्वार' योजना लाने की तैयरी

इस योजना के तहत लगने वाले शिविरों में कलेक्टर और विभागों के जिला अधिकारी एक ही वाहन से पहुंचेंगे और समस्याओं का निराकरण करेंगे. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में अधिकारियों को देर रात निर्देश जारी कर दिए हैं. शिविर में आने वाली समस्याओं का तत्काल निराकरण करना सभी अधिकारियों के लिए जरूरी किया गया है. फिर चाहे शिविर देर रात तक ही क्यों ना लगाना पड़ जाएं. साथ ही जो समस्याएं साथ तत्काल नहीं सुलझाई जा सकती उनकी समय सीमा तय करनी होगी.ये योजना 1 अगस्त से लागू हो जाएगी. बता दें कि इस योजना को 35 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री अजुर्न सिंह लेकर आये थे.

'आपकी सरकार आपके द्वार'
⦁ योजना के तहत कलेक्टरों को साल में तीन माह ग्राम भ्रमण करना होगा या शिविर लगाने होंगे.
⦁ इसकी जानकारी जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को देना होगी.
⦁ भ्रमण के दौरान स्कूल, आंगनवाड़ी, छात्रावास, उचित मूल्य की दुकान, अस्पताल, ग्राम पंचायत सहित मध्या- भोजन, पोषण आहार आदि योजनाओं को देखा जाएगा.
⦁ शिविर में आने वाली संभावित शिकायतों और समस्याओं को लेकर विभाग के अफसरों को पहले से तैयारी रखनी होगी.
⦁ कलेक्टर को शिविर की तारीख मंत्री और विधायकों से पूछकर तय करनी होगी.

वहीं निर्देश में साफ कहा गया है कि शिविरों में दिखावा नहीं होना चाहिए. प्रभारी मंत्री, जिले के मंत्री और विधायकों का माह में कम से कम दो शिविरों में शामिल होना जरूरी किया गया है और अगर किसी वजह से मंत्री-विधायक किसी शिविर में नहीं पहुंचते हैं तो कलेक्टर शिकायत-समस्याओं को सुनेंगे. वहीं संभागायुक्त अपनी सुविधा के अनुसार शिविरों में शामिल होंगे.

कलेक्टरों को निर्देश दिए गये है कि शिविरों का प्रचार मुनादी कराकर किया जाये ताकि जनता को पता चल सके कि उनके क्षेत्र में कब शिविर लग रहा है. वहीं शिविर पूरा होने जाने पर राज्य सरकार को विस्तृत प्रतिवेदन भेजा जायेगा.

Intro:कमलनाथ को याद आए अर्जुन सिंह , 35 वर्षों के बाद फिर शुरू होगी " आपकी सरकार आपके द्वार " योजना

भोपाल | मध्य प्रदेश में 15 वर्षों के बाद सत्ता में आई कांग्रेस जनता को खुश करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ना चाहती है यही वजह है कि अब कमलनाथ सरकार मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की उस योजना को लाने जा रही है जिसे 35 वर्षों पहले अर्जुन सिंह लेकर आए थे उस दौरान इस योजना को काफी पसंद भी किया गया था कमलनाथ सरकार अब आप की सरकार आपके द्वार योजना को वापस ला रही है इस योजना के तहत जनता की समस्या और शिकायतों का समाधान करने विकासखंड मुख्यालय में और ऐसे किसी गांव में शिविर लगाए जाएंगे जहां बाजार लगता है और वहां ज्यादा संख्या में लोग एकत्रित होते हैं साथ ही ऐसे गांव का नाम भी गोपनीय रखा जाएगा .
इस योजना के तहत लगने वाले शिविरों में कलेक्टर और विभागों के जिला अधिकारी एक ही वाहन से पहुंचेंगे और वहां हो रही समस्याओं का निराकरण करेंगे सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में मैदानी अधिकारियों को देर रात निर्देश जारी कर दिए हैं शिविर में आने वाली समस्याओं का तत्काल निराकरण करना सभी अधिकारियों के लिए अनिवार्य किया गया है चाहे शिविर देर रात तक ही क्यों ना लगाना पड़ जाएं साथ ही इस योजना में यह भी एक बिंदु रखा गया है कि यदि समस्या तत्काल नहीं सुलझाए जा सकती है तो उसके लिए समय सीमा तय करनी ही होगी या योजना मध्य प्रदेश में 1 अगस्त से लागू हो जाएगी .
Body:" आपकी सरकार आपके द्वार " के अंतर्गत जिला स्तर पर कलेक्टर प्रत्येक तीन माह के लिये ग्राम भ्रमण और शिविर निर्धारित कर हर माह दो भ्रमण कार्यक्रम और शिविर लगवायेंगे, जिसकी जानकारी जिले के सभी जन-प्रतिनिधियों को दी जायेगी .

राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, कमिश्नरों, कलेक्टरों को इस बारे में विस्तृत निर्देश भेजे हैं . निर्देशों में कहा गया है कि समय और धन के अप-व्यय को रोकने के लिये गाँव के आकस्मिक भ्रमण और एक समय-सारणी के अनुसार विकासखण्ड मुख्यालयों पर शिविर लगाये जायें . विभिन्न सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का निरीक्षण कर प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित की जाये। इन प्रयासों से शासन-प्रशासन को ग्रामीण नागरिकों के अधिक नजदीक ले जाने में आसानी होगी .
" आपकी सरकार आपके द्वार " के प्रथम भाग में चयनित विकासखण्ड के एक गाँव का चयन कर आम जनता से सीधे संबंध वाले विभागों के सभी जिला अधिकारी एक ही वाहन में ग्राम तक पहुँचकर शासकीय योजनाओं का जायजा लेंगे . भ्रमण वाले गाँव का नाम गोपनीय रहेगा। भ्रमण में गाँव की सभी संस्थाओं का निरीक्षण किया जायेगा . इन संस्थाओं में स्कूल, आँगनवाड़ी केन्द्र, राशन की दुकान, अस्पताल, ग्राम पंचायत का दफ्तर शामिल हैं . भ्रमण सुबह 9 से दोपहर एक बजे तक रहेगा . इसके बाद दोपहर दो बजे से विकासखण्ड स्तरीय शिविर लगेंगे . शिविर में कलेक्टर सहित भ्रमण करने वाले जिला अधिकारी शामिल रहेंगे . Conclusion:जिले के मंत्रियों और विधायकों से सम्पर्क कर शिविरों की रूपरेखा तिथिवार तय की जायेगी . कलेक्टर शिविर की सभी व्यवस्थाएँ करेंगे . प्रत्येक मंत्री और विधायक एक माह में कम से कम दो विकासखण्ड शिविरों में मौजूद रहेंगे . आमजन से अधिक संबंध वाले, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, ऊर्जा, आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, किसान-कल्याण और कृषि विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूल शिक्षा, जल-संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, सहकारिता और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभागों के जिला स्तर के अधिकारी शिविरों में आवश्यक रूप से हिस्सा लेंगे .
शिविर में आने वाले आवेदक समस्याओं का तत्काल निराकरण प्राप्त करेंगे . जिन आवेदनों का तुरंत निराकरण संभव नहीं होगा, उसके संबंध में आवेदक को सूचित किया जायेगा . एक समय-सीमा में निराकरण का कार्य किया जायेगा . शिविरों को दिखावे से दूर रखकर व्यवस्थित ढंग से लगाने और आमतौर पर उसी दिन समस्या हल करने को प्राथमिकता दी जायेगी . शिविर में आवेदकों के लिये सुविधाजनक प्रतीक्षालय का इंतजाम भी किया जायेगा . कलेक्टर द्वारा शिविर के संबंध में मुनादी एवं अन्य उपायों से भी ग्रामीणों तक सूचना पहुँचाने का कार्य किया जायेगा . संभागीय कमिश्नर भी शिविरों में सुविधानुसार मौजूद रहेंगे . शिविर पूर्ण हो जाने पर राज्य सरकार को विस्तृत प्रतिवेदन भेजा जायेगा .
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