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अफगानी महिलाओं के लिए 'डेथ वैली' बना 'तालिबान'! नया फरमान- नेल पॉलिश लगाई तो काट देंगे उंगलियां

तालिबान (Taliban) ने महिलाओं के जींस (Jeans) पहनने पर प्रतिबंद के बाद लड़कियों को नेल पॉलिश (Nail Polish) के इस्तेमाल से दूर रहने का सख्त फरमान जारी कर दिया है.

afghanistan crisis
अफगानिस्ता में तालिबान
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Published : Aug 24, 2021, 12:19 PM IST

Updated : Aug 24, 2021, 1:52 PM IST

हैदराबाद। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद तालिबान (Taliban) ने अब अपना असली क्रूर चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है. तालिबान के नए फरमान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां जीना लोगों के लिए जहन्नुम से भी बदतर है. महिलाओं के जींस (Jeans) पहनने पर प्रतबंद के बाद लड़कियों को नेल पॉलिश (Nail Polish) के इस्तेमाल से दूर रहने का सख्त फरमान जारी किया गया है, और अगर कोई ऐसा करते हुए पाया जाता है, तो उसकी उंगलियां काट दी जाएंगी.


महिलाओं पर तालिबानियों का जुल्म
तालिबान ने अफगानिस्तान में लड़कियों के जींस पहनने पर पहले से ही रोक लगा रखी है. इसके बाद अब लड़कियों को नेल पॉलिश के इस्तेमाल से दूर रहने की हिदायत दी है. अफगानी न्यूजपेपर Etilaatroz की एक रिपोर्ट में बताया गया कि मीड़िया के एक जर्नलिस्ट की भी पारंपरिक अफगानी पोशाक नहीं पहनने पर तालिबानी आतंकियों ने बेरहमी से पिटाई की थी. कंधार में तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के जारी इस नए फतवे में नेल पॉलिश लगाना प्रतिबंधित कर दिया है. इसके अलावा महिलाओं को हील वाले सैंडल न पहनने की हिदायत दी है.

अफगानिस्तान से 31 अगस्त तक निकासी पर ध्यान केंद्रित कर रहा अमेरिका

अफगानिस्तान में बदतर हो सकती है स्थिति
उधर, संयुक्त राष्ट्र की बच्चों से संबंधित एजेंसी यूनिसेफ ने आशंका जतायी है कि अफगानिस्तान में भीषण सूखे, सर्दी के आगमन और कोरोना वायरस महामारी के चलते मानवीय स्थिति बदतर हो सकती है.


यूनिसेफ ने कहा कि अफगानिस्तान में पहले ही एक करोड़ बच्चे मानवीय सहायता पर निर्भर हैं और इस साल लगभग 10 लाख बच्चों के जानलेवा कुपोषण से ग्रस्त होने की आशंका है. लगभग 42 लाख बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं, जिनमें 22 लाख लड़कियां हैं. अफगानिस्तान एक गरीब देश है, जो अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर है. वहां इस महीने की शुरुआत में तालिबान के नियंत्रण से पहले भी यही स्थिति थी.


यूनिसेफ की निदेशक हेनरिटा फोर ने सोमवार को एक बयान में कहा कि 'यह एक चिंताजनक वास्तविकता है, जिसका अफगान बच्चे सामना कर रहे हैं और मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम व सरकार में बदलाव से परे, यह वास्तविकता ऐसी ही रहेगी.'


उन्होंने कहा कि एजेंसी अफगानिस्तान में अपनी मौजूदगी को लेकर प्रतिबद्ध है और अपने अभियानों को बढ़ा रही है. यूनिसेफ उन इलाकों में मदद पहुंचाने की उम्मीद करता है, जहां मौजूदा युद्ध के कारण पहुंचना मुश्किल है.

हैदराबाद। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद तालिबान (Taliban) ने अब अपना असली क्रूर चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है. तालिबान के नए फरमान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां जीना लोगों के लिए जहन्नुम से भी बदतर है. महिलाओं के जींस (Jeans) पहनने पर प्रतबंद के बाद लड़कियों को नेल पॉलिश (Nail Polish) के इस्तेमाल से दूर रहने का सख्त फरमान जारी किया गया है, और अगर कोई ऐसा करते हुए पाया जाता है, तो उसकी उंगलियां काट दी जाएंगी.


महिलाओं पर तालिबानियों का जुल्म
तालिबान ने अफगानिस्तान में लड़कियों के जींस पहनने पर पहले से ही रोक लगा रखी है. इसके बाद अब लड़कियों को नेल पॉलिश के इस्तेमाल से दूर रहने की हिदायत दी है. अफगानी न्यूजपेपर Etilaatroz की एक रिपोर्ट में बताया गया कि मीड़िया के एक जर्नलिस्ट की भी पारंपरिक अफगानी पोशाक नहीं पहनने पर तालिबानी आतंकियों ने बेरहमी से पिटाई की थी. कंधार में तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के जारी इस नए फतवे में नेल पॉलिश लगाना प्रतिबंधित कर दिया है. इसके अलावा महिलाओं को हील वाले सैंडल न पहनने की हिदायत दी है.

अफगानिस्तान से 31 अगस्त तक निकासी पर ध्यान केंद्रित कर रहा अमेरिका

अफगानिस्तान में बदतर हो सकती है स्थिति
उधर, संयुक्त राष्ट्र की बच्चों से संबंधित एजेंसी यूनिसेफ ने आशंका जतायी है कि अफगानिस्तान में भीषण सूखे, सर्दी के आगमन और कोरोना वायरस महामारी के चलते मानवीय स्थिति बदतर हो सकती है.


यूनिसेफ ने कहा कि अफगानिस्तान में पहले ही एक करोड़ बच्चे मानवीय सहायता पर निर्भर हैं और इस साल लगभग 10 लाख बच्चों के जानलेवा कुपोषण से ग्रस्त होने की आशंका है. लगभग 42 लाख बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं, जिनमें 22 लाख लड़कियां हैं. अफगानिस्तान एक गरीब देश है, जो अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर है. वहां इस महीने की शुरुआत में तालिबान के नियंत्रण से पहले भी यही स्थिति थी.


यूनिसेफ की निदेशक हेनरिटा फोर ने सोमवार को एक बयान में कहा कि 'यह एक चिंताजनक वास्तविकता है, जिसका अफगान बच्चे सामना कर रहे हैं और मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम व सरकार में बदलाव से परे, यह वास्तविकता ऐसी ही रहेगी.'


उन्होंने कहा कि एजेंसी अफगानिस्तान में अपनी मौजूदगी को लेकर प्रतिबद्ध है और अपने अभियानों को बढ़ा रही है. यूनिसेफ उन इलाकों में मदद पहुंचाने की उम्मीद करता है, जहां मौजूदा युद्ध के कारण पहुंचना मुश्किल है.

Last Updated : Aug 24, 2021, 1:52 PM IST
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