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प्रदेश में होगी 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत, सरकार कर रही व्यवस्था - Bhopal News

मध्य प्रदेश में 30 अप्रैल तक 700 टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी. इसके लिए सरकार ने केंद्र और राज्यों से ऑक्सीजन से ऑक्सीजन की तैयारी तो कर ली है, लेकिन ऑक्सीजन के परिवहन के लिए 50 टैंकर की भी आवश्यकता पड़ेगी.

700 tons of oxygen will be needed in the state
प्रदेश में होगी 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत
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Published : Apr 24, 2021, 9:31 PM IST

भोपाल। काश! मध्य प्रदेश की जनता को भी कोई हनुमान की तरह हवा में उड़कर संजीवनी ला देता. जी हां बिलकुल वैसे ही जैसे भगवान लक्ष्मण घायल होने पर हनुमान जी ने संजीवनी लाकर उनकी जान बचाई थी. मध्य प्रदेश में कोरोना से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे मरीजों को आज ऐसे ही किसी संजीवनी ऑक्सीजन (oxygen) और हनुमान की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में यहां संजीवनी लाने वाला कोई नहीं है. 30 अप्रैल तक मध्य प्रदेश को 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है और सरकार के पास फिलहाल सिर्फ 70 ऑक्सीजन टैंकर बचे हैं. ऐसे में अन्य राज्यों से ऑक्सीजन कैसे लाई जाए यह सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.

  • दो मंत्रियों ने दिल्ली में जमाया है डेरा

ऑक्सीजन (Oxygen) की पूर्ति को लेकर मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया शुक्रवार से ही दिल्ली में हैं. भदौरिया ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की. इस दौरान राज्यों को ऑक्सीजन अलॉटमेंट के साथ टैंकरों की उपलब्ध कराने की भी मांग की.

  • ऑक्सीजन ऑडिट होगा- सीएम शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के साथियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चर्चा करते हुए बताया कि हमने ऑक्सीजन बचाने के लिए ऑक्सीजन ऑडिट की व्यवस्था की है. सभी अस्पतालों को पोर्टल में जोड़ते हुए ऑक्सीजन के उचित उपयोग के लिए कहा गया है. खंडवा का उदाहरण देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले खंडवा में 80 सिलेंडर उपयोग होते थे, लेकिन अब इनकी संख्या घटकर 25 हो गई है. इसके साथ ही बीना रिफाइनरी में उपलब्ध ऑक्सीजन का उपयोग करने के लिए रिफाइनरी के पड़ोस में ही एक हजार बिस्तर का अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है.

ऑक्सीजन प्लांट संचालक के सामने नतमस्तक हुए मंत्री प्रद्युम्न सिंह

  • ऑक्सीजन लाने मध्य प्रदेश को चाहिए 50 टैंकर

दरअसल मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टैंकरों की भी कमी है. इसमें सरकार के पास सिर्फ 70 ऑक्सीजन के टैंकर हैं और मौजूदा कोरोना की स्पीड को देखते हुए आने वाले सप्ताह में मध्य प्रदेश को करीब 700 टन ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी होगी. ऐसे में ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट के लिए करीब 50 टैंकर की जरूरत होगी.

  • लग चुके है एक हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के केंद्रीय मंत्रियों से हुई बातचीत के बाद अब सरकार को भरोसा है कि, मध्यप्रदेश को रोजाना 643 मेट्रिक टन गैस मिलेगी. केंद्र की तरफ से प्रदेश सरकार को करीब साढे़ 450 मेट्रिक टन गैस उपलब्ध हो चुकी है. इसके अलावा सरकार ने करीब दो हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी खरीदे हैं, जिसमें से करीब एक हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगा चुके हैं. इसके अलावा सरकार अपने-अपने स्तर पर और छोटे ऑक्सीजन प्लांट भी लगा रही है.

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  • प्रदेश में हो जाएंगे एक लाख कोरोना मरीज

दरअसल सरकार को अनुमान है कि 30 अप्रैल तक प्रदेश में करीब एक लाख कोरोना मरीज हो जाएंगे. ऐसे में ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत होगी और यही वजह है कि सरकार रेल मार्ग और वायुसेना के विमान की मदद से मध्य प्रदेश ऑक्सीजन ला रही है.

भोपाल। काश! मध्य प्रदेश की जनता को भी कोई हनुमान की तरह हवा में उड़कर संजीवनी ला देता. जी हां बिलकुल वैसे ही जैसे भगवान लक्ष्मण घायल होने पर हनुमान जी ने संजीवनी लाकर उनकी जान बचाई थी. मध्य प्रदेश में कोरोना से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे मरीजों को आज ऐसे ही किसी संजीवनी ऑक्सीजन (oxygen) और हनुमान की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में यहां संजीवनी लाने वाला कोई नहीं है. 30 अप्रैल तक मध्य प्रदेश को 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है और सरकार के पास फिलहाल सिर्फ 70 ऑक्सीजन टैंकर बचे हैं. ऐसे में अन्य राज्यों से ऑक्सीजन कैसे लाई जाए यह सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.

  • दो मंत्रियों ने दिल्ली में जमाया है डेरा

ऑक्सीजन (Oxygen) की पूर्ति को लेकर मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया शुक्रवार से ही दिल्ली में हैं. भदौरिया ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की. इस दौरान राज्यों को ऑक्सीजन अलॉटमेंट के साथ टैंकरों की उपलब्ध कराने की भी मांग की.

  • ऑक्सीजन ऑडिट होगा- सीएम शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के साथियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चर्चा करते हुए बताया कि हमने ऑक्सीजन बचाने के लिए ऑक्सीजन ऑडिट की व्यवस्था की है. सभी अस्पतालों को पोर्टल में जोड़ते हुए ऑक्सीजन के उचित उपयोग के लिए कहा गया है. खंडवा का उदाहरण देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले खंडवा में 80 सिलेंडर उपयोग होते थे, लेकिन अब इनकी संख्या घटकर 25 हो गई है. इसके साथ ही बीना रिफाइनरी में उपलब्ध ऑक्सीजन का उपयोग करने के लिए रिफाइनरी के पड़ोस में ही एक हजार बिस्तर का अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है.

ऑक्सीजन प्लांट संचालक के सामने नतमस्तक हुए मंत्री प्रद्युम्न सिंह

  • ऑक्सीजन लाने मध्य प्रदेश को चाहिए 50 टैंकर

दरअसल मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टैंकरों की भी कमी है. इसमें सरकार के पास सिर्फ 70 ऑक्सीजन के टैंकर हैं और मौजूदा कोरोना की स्पीड को देखते हुए आने वाले सप्ताह में मध्य प्रदेश को करीब 700 टन ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी होगी. ऐसे में ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट के लिए करीब 50 टैंकर की जरूरत होगी.

  • लग चुके है एक हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के केंद्रीय मंत्रियों से हुई बातचीत के बाद अब सरकार को भरोसा है कि, मध्यप्रदेश को रोजाना 643 मेट्रिक टन गैस मिलेगी. केंद्र की तरफ से प्रदेश सरकार को करीब साढे़ 450 मेट्रिक टन गैस उपलब्ध हो चुकी है. इसके अलावा सरकार ने करीब दो हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी खरीदे हैं, जिसमें से करीब एक हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगा चुके हैं. इसके अलावा सरकार अपने-अपने स्तर पर और छोटे ऑक्सीजन प्लांट भी लगा रही है.

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  • प्रदेश में हो जाएंगे एक लाख कोरोना मरीज

दरअसल सरकार को अनुमान है कि 30 अप्रैल तक प्रदेश में करीब एक लाख कोरोना मरीज हो जाएंगे. ऐसे में ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत होगी और यही वजह है कि सरकार रेल मार्ग और वायुसेना के विमान की मदद से मध्य प्रदेश ऑक्सीजन ला रही है.

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