भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले साढ़े 4 साल में महिलाओं से ज्यादती के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, साल 2017 से 30 जून 2021 तक प्रदेश में हर दिन औसतन 16 महिलाओं से ज्यादती हो रही है, साथ ही यह भी सामने आया है कि इस दौरान (Women Crime in MP) 2600 से ज्यादा महिलाओं की हत्या हुई है. विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से ये जानकारी दी गई है. विधानसभा में कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी की तरफ से गैंगरेप के बारे में पूछे गए सवाल पर जवाब मिला कि गैंगरेप के साथ हत्या के तीन दर्जन मामले पुलिस के सामने आए हैं, जबकि पुलिस के काम में लापरवाही के मामले भी संज्ञान में आए हैं जिसमें पुलिस निरीक्षक उप निरीक्षक और सहायक उपनिरीक्षक शामिल हैं.
2020 में सबसे ज्यादा महिलाओं की हत्या
विधानसभा में विधायक जीतू पटवारी के पूछे गए सवाल के जवाब में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि साल 2017 में 549, 2018 में 583, 2019 में 577, 2020 में 633, जून 2021 तक 332 महिलाओं की हत्या हुई है, यानि कुल मिलाकर 2663 महिलाओं की हत्या की गई है, जिसमें सबसे ज्यादा हत्या साल 2020 में हुई है.
26708 महिलाओं से रेप
महिलाओं से रेप के मामले भी प्रदेश में कम नहीं हुए हैं, (Crime Against Women) इन साढ़े 4 सालों में 26708 महिलाओं से रेप के प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें गैंगरेप और हत्या के 37 मामले दर्ज किए गए हैं.
खाकी भी दागीमहिला अपराधों को लेकर पुलिस अफसर भी आरोपी बने हैं, इसमें 10 पुलिस निरीक्षक, 9 उप निरीक्षक और 6 सहायक उपनिरीक्षक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए हैं, सभी मामलों में पुलिस ने 16038 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि पुलिस की पकड़ से अभी भी 1353 आरोपी दूर हैं.
प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी कहते हैं कि विधानसभा से मिली जानकारी में साफ जाहिर है कि मध्यप्रदेश में लगातार महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं घट रही हैं और सरकार सिर्फ कागजी दावा कर रही है, जबकि हकीकत कुछ और ही है.
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि मध्यप्रदेश में महिलाओं के साथ यदि कुछ घटनाएं होती हैं तो थाने में उसकी रिपोर्ट लिखी जाती है और कार्रवाई भी होती है, पर कमलनाथ सरकार में रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की जाती थी और जहां तक कानून की बात है तो शिवराज सरकार देश की पहली सरकार है, जिसने बच्चियों से रेप और हत्या करने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान किया है.
नाबालिग से रेप पर फांसी की सजा का प्रावधान
जानकारों के मुताबिक महिला अपराध पर रोक लगाने के लिए सरकार ने सख्त कानून बनाया है, जिसके तहत दुष्कर्मी को फांसी की सजा तो सुनाई गई, पर अब तक कोई भी रेपिस्ट फांसी के तख्ते पर नहीं पहुंच पाया है, पुलिस की जांच ऐसे मामलों में अमूमन ठीक नहीं रहती, साइंटिफिक एविडेंस की बात करें तो इसमें लापरवाही बढ़ती जाती है और नतीजा ट्रायल लंबा खिंच जाता है, कड़े कानून बनाने की वकालत समाज में हो रही है, पर यह भी देखा जाता है कि जितने सख्त कानून हुए उतना ही ज्यादा बर्बरता बढ़ी है, रेप करने के बाद पीड़ितों का कत्ल कर दिया जाता है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में दलित बच्चियों के साथ रेप की 214 घटनाएं दर्ज हुई हैं, दलित बच्चों से छेड़छाड़ के मामले में भी मध्यप्रदेश का रिकॉर्ड शर्मनाक है, प्रदेश में 114 दलित बच्चों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं दर्ज की गई हैं.
क्राइम अगेंस्ट वूमेन की स्थिति चिंताजनक
मध्यप्रदेश में क्राइम अगेंस्ट वूमेन (Crime Against Women) की स्थिति चिंताजनक है, सदन में मिले जवाब से साफ है कि अभी भी महिलाएं महफूज नहीं हैं, भले ही शिवराज सरकार कितने भी कागजी दावे करे, पर हकीकत यह है कि अभी भी लगातार महिलाओं के साथ छेड़खानी और सामूहिक रेप हो रहे हैं, हैरान करने वाली बात यह है कि दो दर्जन से ज्यादा अफसर भी इस तरह के कृत्यों में शामिल पाए गए हैं, दूसरी तरफ पुलिस कार्रवाई में अब तक 16000 से ज्यादा आरोपियों को अरेस्ट किया जा चुका है. सरकार के इन आंकड़ों के बाद से प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं.