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महामारी ने 250 बच्चों को कर दिया अनाथ, प्रदेश सरकार रखेगी ख्याल

मध्य प्रदेश के 250 से ज्यादा बच्चे हैं जिन्हें इस महामारी ने अनाथ कर दिया. इनके अलावा प्रदेश में 1200 बच्चे ऐसे भी है जिन्होंने अपने माता या पिता में से किसी एक को इस महामारी में खो दिया.

250 children orphaned by pandemic in madhya pradesh
महामारी ने 250 बच्चों को कर दिया अनाथ,
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Published : May 26, 2021, 10:26 PM IST

भोपाल। कोरोना महामारी का तांडव अब थमने लगा है, लेकिन ये महामारी अपने पीछे कई परिवारों के लिए ऐसे दर्द छोड़ गई है जो शायद ताउम्र भी न भर पाए. ऐसा ही दर्द झेल रहे हैं प्रदेश के 250 से ज्यादा बच्चे, जिन्हें इस महामारी ने अनाथ कर दिया. इनके अलावा प्रदेश में 1200 बच्चे ऐसे भी है जिन्होंने अपने माता या पिता में से किसी एक को इस महामारी में खो दिया.

अनाथ बच्चों के लिए शुरू की योजना

ये आकड़े तब सामने आए हैं जब प्रदेश सरकार ने महामारी में अपने माता-पिता को खो चुके अनाथ बच्चों के लिए योजना की शुरुआत की. इस तरह की योजना शुरू करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है. मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना नाम से योजना शुरू की गई इस योजना के तहत कोविड महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले अनाथ बच्चों को सरकार हर महीने सहायता राशि देगी. इसके तहत हर बच्चे को 21 साल का होने तक हर महीने 5 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी. अगर बच्चा 21 साल के बाद भी अपना पढ़ाई जारी रखता है तो उसे 24 साल की उम्र तक ये सहायता राशि मिलेगी.

अनाथ बच्चों के खातों में 30 मई तक 5000 रुपये की राशि होगी ट्रांसफर: CM शिवराज

दूसरे बच्चों की भी की जाएगी मदद

खबरों के मुताबिक प्रदेश सरकार उन 1200 बच्चों के लिए भी एक योजना बनाने की तैयारी कर रही है जिन्होंने अपनी माता या पिता में से किसी एक को खोया है. खबर है कि सरकार ऐसे बच्चों को निजी सहायता दिलवाने की कोशिश करेगी. खबर है कि इस योजना के तहत सरकार किसी संगठन या किसी संस्थान के माध्यम से हर महीने बच्चों को 2 हजार रुपए तक की सहायता दिलाएगी.

योजना की पात्रता की समय सीमा निर्धारित

मध्य प्रदेश में मार्च 2020 से ही कोरोना संक्रमण के प्रभाव देखने को मिलने लगा था. कई बच्चे तब भी अनाथ हुए होंगे. लेकिन प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक अनाथ हुए बच्चों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा. यानी कि इन चार महीनों के पहले या बाद अगर कोई बच्चा अनाथ हुआ या होगा तो उन्हें योजना के लिए अपात्र माना जाएगा.

भोपाल। कोरोना महामारी का तांडव अब थमने लगा है, लेकिन ये महामारी अपने पीछे कई परिवारों के लिए ऐसे दर्द छोड़ गई है जो शायद ताउम्र भी न भर पाए. ऐसा ही दर्द झेल रहे हैं प्रदेश के 250 से ज्यादा बच्चे, जिन्हें इस महामारी ने अनाथ कर दिया. इनके अलावा प्रदेश में 1200 बच्चे ऐसे भी है जिन्होंने अपने माता या पिता में से किसी एक को इस महामारी में खो दिया.

अनाथ बच्चों के लिए शुरू की योजना

ये आकड़े तब सामने आए हैं जब प्रदेश सरकार ने महामारी में अपने माता-पिता को खो चुके अनाथ बच्चों के लिए योजना की शुरुआत की. इस तरह की योजना शुरू करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है. मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना नाम से योजना शुरू की गई इस योजना के तहत कोविड महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले अनाथ बच्चों को सरकार हर महीने सहायता राशि देगी. इसके तहत हर बच्चे को 21 साल का होने तक हर महीने 5 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी. अगर बच्चा 21 साल के बाद भी अपना पढ़ाई जारी रखता है तो उसे 24 साल की उम्र तक ये सहायता राशि मिलेगी.

अनाथ बच्चों के खातों में 30 मई तक 5000 रुपये की राशि होगी ट्रांसफर: CM शिवराज

दूसरे बच्चों की भी की जाएगी मदद

खबरों के मुताबिक प्रदेश सरकार उन 1200 बच्चों के लिए भी एक योजना बनाने की तैयारी कर रही है जिन्होंने अपनी माता या पिता में से किसी एक को खोया है. खबर है कि सरकार ऐसे बच्चों को निजी सहायता दिलवाने की कोशिश करेगी. खबर है कि इस योजना के तहत सरकार किसी संगठन या किसी संस्थान के माध्यम से हर महीने बच्चों को 2 हजार रुपए तक की सहायता दिलाएगी.

योजना की पात्रता की समय सीमा निर्धारित

मध्य प्रदेश में मार्च 2020 से ही कोरोना संक्रमण के प्रभाव देखने को मिलने लगा था. कई बच्चे तब भी अनाथ हुए होंगे. लेकिन प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक अनाथ हुए बच्चों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा. यानी कि इन चार महीनों के पहले या बाद अगर कोई बच्चा अनाथ हुआ या होगा तो उन्हें योजना के लिए अपात्र माना जाएगा.

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