भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते एक हफ्ते से मानसून ने विकराल रूप धारण कर लिया है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश का सबसे बुरा असर निचले इलाकों और नदी से सटे जिलों पर पड़ा है. राज्य में बाढ़ और उससे जुड़ी घटनाओं में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1250 गांव बाढ़ की चपेट में आने से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.
इन जिलों में भारी नुकसान
प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, गुना, अशोकनगर, भिंड और मुरैना में काफी नुकसान हुआ है. इन जिलों के गांव में बाढ़ की स्थिति बनने से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. हालांकि, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, वायुसेना और सेना की मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने का काम लगातार किया जा रहा है.
एमपी में अब तक 8800 लोगों को रेस्क्यू
मीडिया रिपोर्ट से मिले आंकड़ों के मुताबिक, मध्यप्रदेश में बाढ़ के खतरे को देखते हुए लगभग 29 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था, जबकि बाढ़ प्रभावित इलाकों से अबतक 8800 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. यहां अलग-अलग इलाकों में राहत और बचाव कार्य के लिए सरकार ने एनडीआरएफ की आठ यूनिट तैनात की है. इसके अलावा एयरफोर्स के 3 हेलीकॉप्टर और एसडीआरएफ की 29 टीम तैनात हैं. इसके साथ ही बता दें कि प्रदेश के अगल-अलग इलाकों में पानी के तेज बहाव और बाढ़ के कारण करोड़ों की सार्वजनिक संपत्ति का भी नुकसान हुआ है.
इन इलाकों में बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश के रीवा, शहडोल, भोपाल, उज्जैन, सागर संभाग ग्वालियर और चंबल संभागों के अलग-अलग जिलों में बारिश का अनुमान है. विभाग के अनुसार होशंगाबाद और इंदौर संभाग के कुछ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, पिछले 24 घंटों में प्रदेश के भोपाल और ग्वालियर संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर बारिश दर्ज की गई है.
फिर बढ़ा नदियों का जलस्तर
दरअसल, प्रदेश में बीते एक हफ्ते से रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश के कारण निचले इलकों में बाढ़ की स्थित बनी हुई है. वहीं ग्वालियर-चंबल संभाग में बाढ़ से तबाही मचाने वाली चम्बल और सिंध नदी का जलस्तर चार दिन बाद कम होने लगा था, जिससे लोग राहत महसूस कर ही रहे थे, तभी अचानक से नदी का जलस्तर फिल बढ़ने लगा है, जहां चंबल नदी खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर बह रही है, वर्तमान में बरही स्थित चंबल घाट पर जलस्तर करीब 127 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 122 मीटर है.
उफान पर सिंध नदी
वही सिंध नदी भी 13 मीटर जलस्तर पर बह रही है, जोकि खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही है, जिसके चलते नदियों के किनारे बसे दर्जनों गांव पानी-पानी हो गए हैं. दोबारा बाढ़ का खतरा मंडराने पर कलेक्टर ने रविवार रात हाई अलर्ट जारी कर दिया है.
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बता दें कि भिंड जिले में सिर्फ यही दो नदियां ही नहीं, बल्कि क्वारी और वेसली नदी के हालत भी बाढ़ जैसे बन रहे हैं, जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र से गुजरी क्वारी नदी का जलस्तर भी बढ़ चुका है, जिसके किनारे बसे बगुलरी, जवासा, कचौंगरा समेत आधा दर्जन गांव खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भिजवा दिया गया है, वहीं वाली नदी भी धीरे धीरे चढ़ रही है, भारौली स्थित बबेडि पर बना वेसली नदी के पुल पर पानी चढ़ चुका है, ऐसे में भिंड से भारौली के बीच आवागमन बाधित हो गया है. वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग के माने तो प्रदेश में अभी कुछ दिनों तक इसी तरह बारिश का सिलसिला लगातार जारी रहेगा. ऐसे में प्रशासन की ओर से लगातार बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है.