भोपाल। राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. प्रशासन की ओर से की जा रही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बावजूद भी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. हालांकि पिछले कुछ दिनों से चला आ रहा आंकड़ा 19 जून यानि शुक्रवार को कम जरूर हुआ है, क्योंकि अब तक लगातार 50 की संख्या से ज्यादा ही मरीज प्रत्येक दिन सामने आ रहे थे, लेकिन इसमें थोड़ी कमी देखी गई है, जहां राजधानी में शुक्रवार को 22 नए संक्रमित मरीज मिले हैं. हालांकि एक महिला प्रोफेसर की मौत भी हो गई है.
बुजुर्गों के लिए खतरा बनता जा रहा कोरोना
राजधानी में बुजुर्गों के लिए कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा दिखाई दे रहा है. शुक्रवार को बैरागढ़ की सीपीआर कॉलोनी में 60, 62 और 68 वर्षीय 3 बुजुर्गों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वहीं बैरागढ़ के ही वन ट्री हिल्स कॉलोनी में भी एक 60 वर्षीय बुजुर्ग और एक 41 वर्षीय महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई है. कोहेफिजा में भी 67 और पीर गेट में 63 वर्षीय बुजुर्ग संक्रमित हुए हैं. वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को ही 40 मरीज स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौट चुके है. हालांकि एक्सीलेंस कॉलेज की एक वरिष्ठ प्रोफेसर की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई है. अब तक कोरोना संक्रमण से कुल 81 मरीजों की मौत हो चुकी है. वरिष्ठ प्रोफेसर राजधानी में पदस्थ आईएएस की बहन है.
आंकड़ा पहुंचा 2457
शुक्रवार को कुल 1147 सैंपल की जांच की गई है. इसमें से 22 पॉजिटिव मिले हैं, तो वहीं 1 हजार 105 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. बाकी की रिपोर्ट आना शेष है. नए पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि होने के बाद कुल संख्या बढ़कर 2 हजार 457 तक पहुंच गई है.
नए हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहे क्षेत्र
बैरागढ़ क्षेत्र भी अब एक नए हॉटस्पॉट के रूप में उभरता जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जहांगीराबाद क्षेत्र में अब पॉजिटिव मरीज निकलने की संख्या काफी कम हो गई है. इस क्षेत्र के ज्यादातर कंटेनमेंट क्षेत्र भी खोल दिए गए हैं, लेकिन शहर के कुछ अन्य क्षेत्र नए हॉटस्पॉट के रूप में सरकार की परेशानी बढ़ा रहे हैं, क्योंकि अब शहर के कई नए क्षेत्रों से भी पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं.
जांच के लिए प्रशासन ने बनाई टीम
संक्रमण को रोकने के लिए अब ऐसे सभी क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है, जहां पर प्रशासन द्वारा बनाई गई टीमों द्वारा जांच की जाएगी. करीब 500 टीमें जांच करने के लिए बनाई गई है, जो घनी बस्तियों और स्लम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जांच करेंगी.