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150 आदिवासी परिवारों ने वन-विभाग पर लगाया जमीन से बेदखल करने का आरोप, सीएम से लगाई न्याय की गुहार - बैतूल के आदिवासी

बैतूल में वन विभाग ने डेढ़ सौ आदिवासी परिवारों को उनकी जमीन से बेदखल कर वहां वृक्षारोपण कर दिया है. इससे नाराज आदिवासी मामले की शिकायत करने सीएम कमलनाथ के पास पहुंचे.

आदिवासी परिवारों ने वन-विभाग पर लगाया जमीन से बेदखल करने का आरोप
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Published : Sep 24, 2019, 12:03 AM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 47 आदिवासी सीटों में से 30 सीटों पर जीत दिलाने वाले आदिवासी अपने हक के लिए सीएम कमलनाथ से गुहार लगा रहे हैं. मामला बैतूल जिले के धार क्षेत्र से आया है, जहां वन विभाग ने डेढ़ सौ आदिवासी परिवारों को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया. जबकि उनकी फसल उजाड़ कर वहां पर वृक्षारोपण कर दिया है.

आदिवासी परिवारों ने वन-विभाग पर लगाया जमीन से बेदखल करने का आरोप

वन विभाग की इस कार्रवाई से नाराज बैतूल के आदिवासी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात के लिए सैनिक के भेष में भोपाल पहुंचे. पीड़ित आदिवासियों ने पहले मप्र कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह से मुलाकात की और अपनी परेशानी बताई.

आदिवासियों के नेता मन्नूलाल मरकाम ने बताया कि आज की स्थिति में जिला बैतूल के धार क्षेत्र में हमारे आदिवासियों के साथ अन्याय और अत्याचार हुआ है. उन्होंने कहा कि वे दशकों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं. लेकिन अब उन्हें उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है. उन्हें वहां से हटाया जा रहा है. वन-विभाग हमारी जमीन पर वृक्षारोपण कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस जमीन से ही उनका भरण-पोषण होता था. इसलिए वह अपनी समस्या पर सीएम कमलनाथ से मिलना चाहते हैं.

मामले में मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह ने कहा कि आज हमारे 30 विधायक आदिवासी हैं. चार मंत्री बनाकर कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग को आदरांजलि प्रदान की है, जिन्होंने हमें सत्ता सौंपी है. जहां तक यह विस्थापन का मुद्दा है, बहुत पुराना है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के समय में 1996 में जो कानून आदिवासियों के बनाया गया था. उसका हनन किया जा रहा है. 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में हमारे खिलाफ आदेश आएगा। क्योंकि जो तारीख दी गई है, उससे मुझे लगता है कि तब तक सभी चुनाव संपन्न हो जाएंगे और मुद्दे से कोई नुकसान नहीं होगा.

भोपाल। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 47 आदिवासी सीटों में से 30 सीटों पर जीत दिलाने वाले आदिवासी अपने हक के लिए सीएम कमलनाथ से गुहार लगा रहे हैं. मामला बैतूल जिले के धार क्षेत्र से आया है, जहां वन विभाग ने डेढ़ सौ आदिवासी परिवारों को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया. जबकि उनकी फसल उजाड़ कर वहां पर वृक्षारोपण कर दिया है.

आदिवासी परिवारों ने वन-विभाग पर लगाया जमीन से बेदखल करने का आरोप

वन विभाग की इस कार्रवाई से नाराज बैतूल के आदिवासी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात के लिए सैनिक के भेष में भोपाल पहुंचे. पीड़ित आदिवासियों ने पहले मप्र कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह से मुलाकात की और अपनी परेशानी बताई.

आदिवासियों के नेता मन्नूलाल मरकाम ने बताया कि आज की स्थिति में जिला बैतूल के धार क्षेत्र में हमारे आदिवासियों के साथ अन्याय और अत्याचार हुआ है. उन्होंने कहा कि वे दशकों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं. लेकिन अब उन्हें उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है. उन्हें वहां से हटाया जा रहा है. वन-विभाग हमारी जमीन पर वृक्षारोपण कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस जमीन से ही उनका भरण-पोषण होता था. इसलिए वह अपनी समस्या पर सीएम कमलनाथ से मिलना चाहते हैं.

मामले में मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह ने कहा कि आज हमारे 30 विधायक आदिवासी हैं. चार मंत्री बनाकर कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग को आदरांजलि प्रदान की है, जिन्होंने हमें सत्ता सौंपी है. जहां तक यह विस्थापन का मुद्दा है, बहुत पुराना है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के समय में 1996 में जो कानून आदिवासियों के बनाया गया था. उसका हनन किया जा रहा है. 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में हमारे खिलाफ आदेश आएगा। क्योंकि जो तारीख दी गई है, उससे मुझे लगता है कि तब तक सभी चुनाव संपन्न हो जाएंगे और मुद्दे से कोई नुकसान नहीं होगा.

Intro:भोपाल। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 47 आदिवासी सीटों में से 30 सीटों पर जिताने वाला आदिवासी समाज अपने हक के लिए भटक रहा है. ताजा मामला बैतूल जिले के धार क्षेत्र में आया है, जहां वन विभाग ने डेढ़ सौ आदिवासी परिवारों को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया है और उनकी फसल उजाड़ कर वहां पर वृक्षारोपण कर दिया है। वन विभाग की इस कार्रवाई से नाराज बैतूल के आदिवासी सैनिक का भेष रखकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात के लिए भोपाल पहुंचे हैं। पीड़ित आदिवासियों ने पहले मप्र कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह से मुलाकात की और अपनी परेशानी बताई। मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने आदिवासी भाइयों के साथ छल कपट किया है और 1996 में केंद्र की नरसिम्हा राव सरकार द्वारा दिए गए जमीन के हक को छीनने का काम किया है।


Body:मुख्यमंत्री को अपनी पीड़ा सुनाने पहुंचे आदिवासियों के नेता मन्नूलाल मरकाम ने बताया कि आज की स्थिति में जिला बैतूल के धार क्षेत्र में हमारे आदिवासियों के साथ अन्याय और अत्याचार हुआ है। वह निरंतर सदियों से बस एक गरीब आदिवासियों को जमीन से बेदखल किया जा रहा है। उन्हें हटाया जा रहा है, उनकी लगी हुई फसल को काट कर फेंक दिया है और वन विभाग वहां पर वृक्षारोपण कर रहा है। उनके परिवार उस जमीन पर आधारित हैं, उसी से उनका पालन पोषण होता है। उनका अपना जीवन है, उनको बेदखल किया जा रहा है। इसलिए आज हम लोग राजा साहब से मुलाकात कर मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे हैं।


Conclusion:इस मामले में मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह ने कहा कि आज हमारे 30 विधायक आदिवासी हैं। चार मंत्री बनाकर कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग को आदरांजलि प्रदान की है, जिन्होंने हमें सत्ता सौंपी है। जहां तक यह विस्थापन का मुद्दा है, बहुत पुराना है और मैं तो आरोप लगा रहा हूं कि मोदी सरकार ने, हमने 1996 में जो कानून आदिवासियों के बल लिए बनाया था कि जो जहां काबिल होगा, उसे कमजोर करने का काम किया है। इस मामले में जानबूझकर 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में हमारे खिलाफ आदेश आएगा। क्योंकि जो तारीख दी गई है, उससे मुझे लगता है कि तब तक सभी चुनाव संपन्न हो जाएंगे और मुद्दे से कोई नुकसान नहीं होगा।उन्होंने कहा कि इससे पहले आपने देखा होगा कि एट्रोसिटी एक्ट के जरिए हमने आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग को सुरक्षा प्रदान की थी। लेकिन इस कानून को भी भाजपा सरकार ने कमजोर करने की कोशिश की और इसी कारण आंदोलन हुआ, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई। इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रिव्यू पिटिशन दायर की थी। बेदखल एक्ट के खिलाफ भी हम लोगों ने रिव्यू पिटिशन लगाई थी। हमें यह कहते हुए और बताते हुए अफसोस हो रहा है कि इस मामले में केंद्र सरकार ने हमसे छल कपट किया और परसों हुई सुनवाई में केंद्र की तरफ से कोई नहीं पहुंचा।

बाइट - मन्नूलाल मरकाम - आदिवासी नेता।
बाइट - अजय शाह - मप्र आदिवासी कांग्रेस।
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