भोपाल। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 47 आदिवासी सीटों में से 30 सीटों पर जीत दिलाने वाले आदिवासी अपने हक के लिए सीएम कमलनाथ से गुहार लगा रहे हैं. मामला बैतूल जिले के धार क्षेत्र से आया है, जहां वन विभाग ने डेढ़ सौ आदिवासी परिवारों को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया. जबकि उनकी फसल उजाड़ कर वहां पर वृक्षारोपण कर दिया है.
वन विभाग की इस कार्रवाई से नाराज बैतूल के आदिवासी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात के लिए सैनिक के भेष में भोपाल पहुंचे. पीड़ित आदिवासियों ने पहले मप्र कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह से मुलाकात की और अपनी परेशानी बताई.
आदिवासियों के नेता मन्नूलाल मरकाम ने बताया कि आज की स्थिति में जिला बैतूल के धार क्षेत्र में हमारे आदिवासियों के साथ अन्याय और अत्याचार हुआ है. उन्होंने कहा कि वे दशकों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं. लेकिन अब उन्हें उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है. उन्हें वहां से हटाया जा रहा है. वन-विभाग हमारी जमीन पर वृक्षारोपण कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस जमीन से ही उनका भरण-पोषण होता था. इसलिए वह अपनी समस्या पर सीएम कमलनाथ से मिलना चाहते हैं.
मामले में मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय शाह ने कहा कि आज हमारे 30 विधायक आदिवासी हैं. चार मंत्री बनाकर कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग को आदरांजलि प्रदान की है, जिन्होंने हमें सत्ता सौंपी है. जहां तक यह विस्थापन का मुद्दा है, बहुत पुराना है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के समय में 1996 में जो कानून आदिवासियों के बनाया गया था. उसका हनन किया जा रहा है. 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में हमारे खिलाफ आदेश आएगा। क्योंकि जो तारीख दी गई है, उससे मुझे लगता है कि तब तक सभी चुनाव संपन्न हो जाएंगे और मुद्दे से कोई नुकसान नहीं होगा.