भोपाल। राजधानी भोपाल में दुर्गानगर झुग्गी बस्ती की एक 12 बरस की मुस्कान अहिरवार झुग्गी में ही लाइब्रेरी चलाती है. करीब 3 साल पहले अपनी ही 4 किताबों से शुरू हुई इस लाइब्रेरी में अब रोज़ाना 30 से 35 बच्चे पढ़ने आते हैं. मुस्कान को उसकी इस पहल के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. वहीं मुस्कान की लाइब्रेरी में किताबों की संख्या 4 से बढ़कर अब 1100 हो गई है.
अब झुग्गी बस्ती में रहने वाली इस मुस्कान किसी पहचान की मोहताज नहीं है बल्कि अब दुनिया उसे खुद जान रही है. मुस्कान को हाल ही में हैदराबाद लिटरेचर फेस्टिवल में इंडिया रीडिंग ओलंपियाड अवॉर्ड से नवाजा गया है. उसे यह अवार्ड फूड फॉर थॉट फाउंडेशन द्वारा आई एम बॉन्ड अंडर 18 के तहत दिया गया है. इसके अलावा मुस्कान ब्रिटेन का प्रिंसेस डायना अवॉर्ड भी हासिल कर चुकी है. मुस्कान की इस पहल की नीति आयोग सरहाना कर चुका है तो वहीं राज्य शिक्षा उसे जरुरी सहयोग दे रहा है.
मुस्कान को मलाल है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एक मुलाकात के दौरान उसकी लाइब्रेरी को पक्का और बिजली, पानी से सुसज्जित करने वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि मुस्कान कहना है कि अगर भविष्य में उसकी मुलाकात सीएम कमनलाथ से होती है तो वो लाइब्रेरी को पक्करी और उसमें बिजली, पानी की व्यवस्था कराने के लिए उनसे जरुर बात करेगी.
वहीं मुस्कान की इस लाइब्रेरी में सीहोर में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर रितु किरार और टीकमगढ़ जिले के पीएचई डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद पर पदस्थ राहुल बच्चों के साथ पढ़ने और पढ़ाने की लिए आते हैं. उन्होंने इसे एक सुखुन देने वाला अनुभव बताया है.