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12 बरस की मुस्कान किसी पहचान की नहीं मोहताज, शिवराज सिंह के एक वादे का है मलाल

छोटी सी उम्र में बच्चों को पढ़ाने की ज़िद से दुनिया में मशहूर हुई है मुस्कान

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Published : Feb 3, 2019, 3:45 PM IST

मुस्कान अहिरवार

भोपाल। राजधानी भोपाल में दुर्गानगर झुग्गी बस्ती की एक 12 बरस की मुस्कान अहिरवार झुग्गी में ही लाइब्रेरी चलाती है. करीब 3 साल पहले अपनी ही 4 किताबों से शुरू हुई इस लाइब्रेरी में अब रोज़ाना 30 से 35 बच्चे पढ़ने आते हैं. मुस्कान को उसकी इस पहल के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. वहीं मुस्कान की लाइब्रेरी में किताबों की संख्या 4 से बढ़कर अब 1100 हो गई है.

मुस्कान अहिरवार
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अब झुग्गी बस्ती में रहने वाली इस मुस्कान किसी पहचान की मोहताज नहीं है बल्कि अब दुनिया उसे खुद जान रही है. मुस्कान को हाल ही में हैदराबाद लिटरेचर फेस्टिवल में इंडिया रीडिंग ओलंपियाड अवॉर्ड से नवाजा गया है. उसे यह अवार्ड फूड फॉर थॉट फाउंडेशन द्वारा आई एम बॉन्ड अंडर 18 के तहत दिया गया है. इसके अलावा मुस्कान ब्रिटेन का प्रिंसेस डायना अवॉर्ड भी हासिल कर चुकी है. मुस्कान की इस पहल की नीति आयोग सरहाना कर चुका है तो वहीं राज्य शिक्षा उसे जरुरी सहयोग दे रहा है.

मुस्कान को मलाल है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एक मुलाकात के दौरान उसकी लाइब्रेरी को पक्का और बिजली, पानी से सुसज्जित करने वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि मुस्कान कहना है कि अगर भविष्य में उसकी मुलाकात सीएम कमनलाथ से होती है तो वो लाइब्रेरी को पक्करी और उसमें बिजली, पानी की व्यवस्था कराने के लिए उनसे जरुर बात करेगी.

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वहीं मुस्कान की इस लाइब्रेरी में सीहोर में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर रितु किरार और टीकमगढ़ जिले के पीएचई डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद पर पदस्थ राहुल बच्चों के साथ पढ़ने और पढ़ाने की लिए आते हैं. उन्होंने इसे एक सुखुन देने वाला अनुभव बताया है.

भोपाल। राजधानी भोपाल में दुर्गानगर झुग्गी बस्ती की एक 12 बरस की मुस्कान अहिरवार झुग्गी में ही लाइब्रेरी चलाती है. करीब 3 साल पहले अपनी ही 4 किताबों से शुरू हुई इस लाइब्रेरी में अब रोज़ाना 30 से 35 बच्चे पढ़ने आते हैं. मुस्कान को उसकी इस पहल के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. वहीं मुस्कान की लाइब्रेरी में किताबों की संख्या 4 से बढ़कर अब 1100 हो गई है.

मुस्कान अहिरवार
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अब झुग्गी बस्ती में रहने वाली इस मुस्कान किसी पहचान की मोहताज नहीं है बल्कि अब दुनिया उसे खुद जान रही है. मुस्कान को हाल ही में हैदराबाद लिटरेचर फेस्टिवल में इंडिया रीडिंग ओलंपियाड अवॉर्ड से नवाजा गया है. उसे यह अवार्ड फूड फॉर थॉट फाउंडेशन द्वारा आई एम बॉन्ड अंडर 18 के तहत दिया गया है. इसके अलावा मुस्कान ब्रिटेन का प्रिंसेस डायना अवॉर्ड भी हासिल कर चुकी है. मुस्कान की इस पहल की नीति आयोग सरहाना कर चुका है तो वहीं राज्य शिक्षा उसे जरुरी सहयोग दे रहा है.

मुस्कान को मलाल है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एक मुलाकात के दौरान उसकी लाइब्रेरी को पक्का और बिजली, पानी से सुसज्जित करने वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि मुस्कान कहना है कि अगर भविष्य में उसकी मुलाकात सीएम कमनलाथ से होती है तो वो लाइब्रेरी को पक्करी और उसमें बिजली, पानी की व्यवस्था कराने के लिए उनसे जरुर बात करेगी.

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वहीं मुस्कान की इस लाइब्रेरी में सीहोर में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर रितु किरार और टीकमगढ़ जिले के पीएचई डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद पर पदस्थ राहुल बच्चों के साथ पढ़ने और पढ़ाने की लिए आते हैं. उन्होंने इसे एक सुखुन देने वाला अनुभव बताया है.

Intro:छोटी सी उम्र में बच्चों को पढ़ाने की जिद से दुनिया में मशहूर हुई है मुस्कान

भोपाल राजधानी का सबसे पॉश इलाका अरेरा हिल्स यहां पर एक छोटा सा स्लम एरिया बना हुआ है बाहर से देखने पर यह आम झुग्गी बस्ती नजर आती है लेकिन जैसे ही आप इस झुग्गी बस्ती के अंदर प्रवेश करते हैं तो यहां पर केवल एक बच्ची की चर्चा सभी की जुबान पर रहती है यह बच्ची है मुस्कान अहिरवार


शिक्षा के प्रति हमेशा जागरुक रहने वाली मुस्कान ना केवल स्वयं शिक्षा प्राप्त कर रही है बल्कि इस स्लम एरिया में रहने वाले सभी छोटे बच्चों को भी शिक्षा प्राप्त करने के लिए जागरूक कर रही है

आज इस क्षेत्र में मुस्कान किसी पहचान की मोहताज नहीं है बल्कि आज मुस्कान को दुनिया भर में पहचान मिल चुकी है इस छोटी सी बच्ची ने अपने घर के सामने एक रस्सी की डोरी पर चार किताबें डालकर एक छोटी सी लाइब्रेरी शुरू की थी उद्देश केवल यही था स्वयं की शिक्षा के साथ ही उसके साथ खेलने वाले बच्चे भी शिक्षित हो सके वर्ष 2016 में मुस्कान अहिरवार ने इस छोटी सी लाइब्रेरी की शुरुआत की थी


Body:मुस्कान के द्वारा शुरू की गई इस छोटी सी लाइब्रेरी की सूचना पास में ही बने राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों को भी हो गई कुछ अधिकारियों ने वहां जाकर जानकारी हासिल की और मुस्कान की लाइब्रेरी का अवलोकन किया मुस्कान के पास उस समय गिनी चुनी ही किताबें थी इसके बाद राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों की पहल पर मुस्कान को कई पुस्तकें मुहैया कराई गई इसके बाद मुस्कान की इस लाइब्रेरी में धीरे धीरे कई पुस्तकों का जमावड़ा हो गया 24 बच्चों से शुरू की गई है छोटी सी लाइब्रेरी में अब 25 से 30 बच्चे प्रतिदिन शिक्षा प्राप्त करने के लिए एकत्रित होते हैं मुस्कान शाम के समय 5:00 से 7:00 तक बच्चों की इस लाइब्रेरी को चलाती है अब मुस्कान की लाइब्रेरी उसके घर के सामने नहीं बल्कि पास में ही बने एक झांकी स्थल पर शिफ्ट कर दी गई है मुस्कान की लाइब्रेरी को राजधानी के कई समाजसेवी सहयोग करते हैं

भोपाल के स्लम एरिया में रहने वाली 12 वर्ष की मुस्कान अहिरवार को उनकी लाइब्रेरी के लिए लगातार पुरस्कारों से नवादा जाता रहा है इस बाल पुस्तकालय के लिए हैदराबाद लिटरेचर फेस्टिवल में इंडिया रीडिंग ओलंपियाड अवॉर्ड से भी मुस्कान को नवाजा गया है मुस्कान को यह अवार्ड फूड फॉर थॉट फाउंडेशन द्वारा आई एम बॉन्ड अंडर 18 के तहत दिया गया है

किताबी मस्ती केंद्र बाल पुस्तकालय को संचालित करने वाली मुस्कान अहिरवार का कहना है कि वे अभी हैदराबाद से लौट कर आई है वहां पर उन्हें हैदराबाद लिटरेचर फेस्टिवल में इंडिया रीडिंग ओलंपियाड अवार्ड दिया गया है इसके पहले भी उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं मुस्कान का कहना है कि वर्ष 2016 में उन्होंने यह लाइब्रेरी शुरू की थी उस समय हमारे पास काफी कम पुस्तक थी लेकिन अब हमारे पास बहुत सारी पुस्तकें हैं राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों के माध्यम से काफी सहयोग मिल रहा है यह बाल पुस्तकालय प्रत्येक दिन शाम के समय खुलता है और यहां 25 से 30 बच्चे प्रत्येक दिन पढ़ने के लिए आते हैं मुस्कान ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र के माध्यम से 10 10 वॉलिंटियर्स की टीम बनाई गई थी और उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षित करने के लिए भेजा गया था इसके तहत मेरी लाइब्रेरी में भी कुछ वॉलिंटियर्स आए थे जिन्होंने बच्चों को शिक्षा प्राप्त करवाई थी लेकिन सभी की नौकरी लग जाने के कारण अब सब लोग तो नहीं आते हैं लेकिन ज्यादातर दीदी और भैया आज भी यहां समय निकाल कर आते हैं मुस्कान का कहना है कि उन्हें काफी अच्छा लगता है जब बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं क्योंकि लाइब्रेरी शुरू करने का उद्देश्य केवल यही है कि सभी बच्चे शिक्षित हो क्योंकि देखने में आया है कि स्लम एरिया में रहने वाले बच्चे शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से उन्हें अपने आगे की जिंदगी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है यही वजह रही कि मैंने एक छोटी सी लाइब्रेरी से शुरुआत की और आसपास के बच्चों को बुलाकर अपने साथ पढ़ाई के लिए जागरुक किया मुस्कान का कहना है कि इस लाइब्रेरी की वजह से आज काफी बच्चे रोज स्कूल भी जा रहे हैं और इस लाइब्रेरी के माध्यम से भी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं

मुस्कान को आज भी एक चीज का मलाल है जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है दरअसल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनकी मुलाकात राजधानी के समन्वय भवन में आयोजित एक सम्मान समारोह के दौरान हुई थी इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने मुस्कान अहिरवार को सम्मानित भी किया था उस समय मुस्कान ने शिवराज सिंह चौहान से पक्की लाइब्रेरी और बिजली पानी की व्यवस्था कराने के लिए कहा था मुस्कान की इस मांग पर शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें वचन दिया था कि वह जल्द से जल्द उन्हें पक्की लाइब्रेरी और बिजली पानी की व्यवस्था करवा देंगे लेकिन वह अब तक पूरी नहीं हो पाई है क्योंकि अब सरकार भी बदल गई है और मुख्यमंत्री कमलनाथ बन चुके हैं ऐसी स्थिति में मुस्कान को अपनी पक्की लाइब्रेरी का इंतजार है मुस्कान का कहना है कि उस समय मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें वचन दिया था कि जल्द ही उन्हें पक्की लाइब्रेरी बनवा देंगे लेकिन वह बोल नहीं सकी है अब नए मुख्य मंत्री कमलनाथ बने हैं तो उम्मीद करती हूं कि कभी उनसे मुलाकात हो जाए तो मैं उनसे भी यही बात कहूंगी कि वह मेरी लाइब्रेरी को पक्का बनवा दे और लाइट और पानी की व्यवस्था कर दे क्योंकि हम जहां पर अभी लाइब्रेरी चला रहे हैं यहां पर पढ़ाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और यहां पर शोर शराबा ज्यादा रहता है .





Conclusion:जब हम यहां पर पहुंचे तो कुछ बड़े लोग भी बच्चों को शिक्षा प्राप्त करवा रहे थे जब हमने उनसे जानकारी ली तो सभी शासकीय नौकरी में पदस्थ है और समय निकालकर वे यहां पर बच्चों के बीच आते हैं

सीहोर में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर रितु किरार का कहना है कि राज्य शिक्षा केंद्र में ट्रेनिंग के दौरान मित्र राहुल के साथ मेरा मुस्कान की लाइब्रेरी में आगमन हुआ था बच्चों को शिक्षा देने के उद्देश्य से ही हम यहां पर आए थे बच्चों के बीच आना और बच्चों को पढ़ाई करवाना मन को काफी सुकून देता है मुस्कान की लाइब्रेरी में आने वाले बच्चे काफी काबिल है जिस तरह से हम छोटे थे और हमारे परिजन हमें शिक्षा प्राप्त कराने के लिए प्रोत्साहित किया करते थे कुछ उसी तरह से हम इन बच्चों के बीच आकर यह काम कर रहे हैं उन्होंने बताया कि अब क्योंकि मेरी नौकरी लग चुकी है और मैं सीहोर में पदस्थ हूं लेकिन इसके बावजूद भी काम की व्यस्तता के बीच बच्चों के बीच आना मन को बेहद सुकून प्रदान करता है जो काम का बोझ दिमाग में होता है वह बच्चों के बीच आने के बाद दिमाग से पूरी तरह से हट जाता है बच्चों के बीच आना और इनके मासूम चेहरे को देखना बस यही तो सबसे बड़ा सुकून है इनके पास आने से एक नई एनर्जी शरीर में आती है मुझे जब भी समय मिलता है मैं इन बच्चों के बीच आकर इन्हें पढ़ाने का काम करती हूं और आगे भी करती रहूंगी

टीकमगढ़ जिले के पीएचई डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद पर पदस्थ राहुल का कहना है कि मुस्कान की लाइब्रेरी से जुड़े हुए मुझे 2 साल पूरे हो चुके हैं राज्य शिक्षा केंद्र के माध्यम से मैं यहां पर ट्रेनिंग के लिए आया था पिछले वर्ष मेरी नौकरी लग गई और मैं टीकमगढ़ जिले में पोस्टेड हो गया लेकिन इसके बावजूद भी मैं शनिवार और रविवार को समय निकालकर इन बच्चों के बीच आता हूं और इन्हें एक शिक्षक की तरह पढ़ाई कराने का काम करता हूं टीकमगढ़ में पीएचईडिपार्टमेंट में काफी काम रहता है क्योंकि हमारे पास पेयजल का काम है और इस काम की वजह से काफी तनाव भी हो जाता है लेकिन जब मैं इन बच्चों के बीच आता हूं तो सारा तनाव एक पल में दूर हो जाता है इनके बीच आ ना मानो ऐसा लगता है जैसे हम अभी भी बच्चे ही है मुस्कान की जानकारी मुझे राज्य शिक्षा केंद्र के माध्यम से हुई थी कि यह बच्ची स्लम एरिया में बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए एक छोटी सी लाइब्रेरी चला रही है जब हमें यह महसूस हुआ कि एक छोटी सी बच्ची किस तरह से यह काम कर रही है तो इसे देखने के लिए हम यहां पर आए थे जिस दिन हम यहां पर आए थे उस दिन से लेकर अभी तक हम लगातार यहां पर बच्चों के बीच आ रहे हैं मुस्कान एक बहुत ही अच्छी सोच लेकर काम कर रही है छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी सोच रखना अपने आप में काबिले तारीफ है मुस्कान के इस कार्य के लिए उसे लगातार सम्मानित भी किया जा रहा है .


आपको बता दें कि 26 जनवरी 2016 को मुस्कान ने राज्य शिक्षा केंद्र के सहयोग से अपना बाल पुस्तकालय किताबी मस्ती केंद्र शुरू किया था इस पुस्तकालय को शुरू करने के लिए मुस्कान ने अपने घर के बाहर लक्ष्य पर कुछ किताबें लटका कर आसपास के सभी बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए जागरूक करना शुरू किया था जिस समय मुस्कान ने यह पाल पुस्तकालय शुरू किया था उस समय एक दो बच्चे ही यहां आया करते थे लेकिन अब यह तादाद बढ़ती जा रही है आसपास के क्षेत्र के रहने वाले लोग भी अपने बच्चों को मुस्कान की इस लाइब्रेरी में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजते हैं मुस्कान के इस बाल पुस्तकालय में 1100 सौ से ज्यादा किताबें संग्रहित हो चुकी है मुस्कान अहिरवार को इस पहल के लिए नीति आयोग ने भी सराहा है और वुमन ट्रांसफॉर्मिंग अवॉर्ड 2017 दिया है इसके साथ ही ब्रिटेन का प्रिंसेस डायना अवार्ड 2019 एवं सूशिक्षा अवार्ड भी मुस्कान को मिल चुका है मुस्कान को इस तरह लगातार अवार्ड मिलने से राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारी भी बेहद प्रसन्न रहते हैं


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