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अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस विशेष: जानिए कोरोना को हराने में कौन से योगासन हैं कारगर

योग करने से शरीर निरोगी रहता है, साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ती है. योग गुरू शैलेश त्रिपाठी बताते है कि, कोरोना से बचाव में योग काफी कारगर है. साथ उन्होंने कई आसन भी बताए जिसके करने से कोरोना वायरस को हराया जा सकता है.

Yoga Guru Shailesh Tripathi
योग गुरू शैलेश त्रिपाठी
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Published : Jun 20, 2020, 5:54 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 9:05 PM IST

भिंड। योग का डंका आज पूरे विश्व में बज रहा है, शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाए रखना, असाध्य रोगों को बिना औषधि से ठीक करना, मन के तनाव को दूर कर शांति स्थापित करना, आदि योग के अनेक उद्देश्य हैं और यही वजह है कि, भारत को योग गुरु का दर्जा मिला है. पीएम नरेंद्र मोदी ने योग को दुनिया भर में प्रसारित करने का काम किया है. विश्व भर में 21 जून को अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. भिंड जिले में हर साल योग दिवस पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और योग दिवस मनाते हैं. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते कोई कार्यक्रम नहीं होगा.

कोरोना काल में ये योगासन हैं स्वस्थ्य रहने के लिए कारगर

जिला योग प्रभारी शैलेश त्रिपाठी योग गुरु बाबा रामदेव से जुड़े हैं और अब तक ना जाने कितने लोगों को योग सिखा चुके हैं. हर साल इन पर अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्य कार्यक्रम में योग कराने की जिम्मेदारी रहती है, मंच से हजारों की संख्या में लोगों को योग का अभ्यास कराते हैं. लेकिन इस बार परिस्थितियां कुछ अलग हैं.

शैलेश त्रिपाठी का कहना है कि, योग हर व्यक्ति को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए और कोविड-19 के दौर में सबसे आवश्यक जो चीज है, वो योग है. कोरोना वायरस व्यक्ति के फेफड़ों पर असर करता है. ऐसे में योग के कुछ प्राणायाम और आसन कोरोना को मात देने में काफी कारगर हैं. हर रोज सुबह- सुबह करीब 1 से डेढ़ घंटे योग जरूर करना चाहिए.

जानिए कौन से योगासन कोरोना के खिलाफ सबसे कारगर

शैलेश त्रिपाठी ने बताया कि, अगर 5 से 7 मिनट हर रोज योग में भस्त्रिका प्राणायाम करें, तो यह कोरोना वायरस पर काफी कारगर होगा, इसका कारण है कि, कोरोना सब से पहले संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों पर असर करता है. ऐसे में इस योगासन से काफी फायदा मिलता है. इस योगासन में गहरी सांस फेफड़ों में भरनी होती है, इस तरह शुद्ध हवा और ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचती है, जो उन्हें मजबूत बनाती है.

कोरोना में हार्ट अटैक और गला चोक होने जैसी स्थितियां बनती हैं, इसके लिए उज्जाई प्राणायाम, कपालभाती प्राणायाम करना चाहिए. यह हमारे शरीर के ह्रदय गला और लीवर को डैमेज होने से बचाता है. अनुलोम विलोम, कपालभाति प्राणायाम 15 से 20 मिनट करने चाहिए और उज्जाई प्राणायाम भी हमें हर रोज 30 मिनट कम से कम करना चाहिए.

योग गुरु कहते हैं कि, जो लोग नियमित योग करते हैं, उन्हें हार्टअटैक डायबिटीज जैसी बीमारियां नहीं होती, तो वहीं जो लोग योग करते हैं और कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं, वो भी 3 से 7 दिन में रिकवर हुए हैं.

कोरोना को हराने में कारगार ये योगासन

सुबह 5:30 बजे से उनकी योगा क्लास शुरू होती है, जिसमें 4 से 5 लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए योग सीखने पहुंचते हैं. योग सीखने आ रहे लोगों का कहना है कि, योग से उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी फायदा हुआ है. शासकीय सेवाओं से जुड़े लोगों का कहना है कि, हर रोज भागदौड़ की जिंदगी में इतना समय नहीं बचता. ऐसे में सुबह सुबह योगा करके दिनभर चुस्त और स्वस्थ रहते हैं.

भिंड। योग का डंका आज पूरे विश्व में बज रहा है, शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाए रखना, असाध्य रोगों को बिना औषधि से ठीक करना, मन के तनाव को दूर कर शांति स्थापित करना, आदि योग के अनेक उद्देश्य हैं और यही वजह है कि, भारत को योग गुरु का दर्जा मिला है. पीएम नरेंद्र मोदी ने योग को दुनिया भर में प्रसारित करने का काम किया है. विश्व भर में 21 जून को अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. भिंड जिले में हर साल योग दिवस पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और योग दिवस मनाते हैं. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते कोई कार्यक्रम नहीं होगा.

कोरोना काल में ये योगासन हैं स्वस्थ्य रहने के लिए कारगर

जिला योग प्रभारी शैलेश त्रिपाठी योग गुरु बाबा रामदेव से जुड़े हैं और अब तक ना जाने कितने लोगों को योग सिखा चुके हैं. हर साल इन पर अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्य कार्यक्रम में योग कराने की जिम्मेदारी रहती है, मंच से हजारों की संख्या में लोगों को योग का अभ्यास कराते हैं. लेकिन इस बार परिस्थितियां कुछ अलग हैं.

शैलेश त्रिपाठी का कहना है कि, योग हर व्यक्ति को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए और कोविड-19 के दौर में सबसे आवश्यक जो चीज है, वो योग है. कोरोना वायरस व्यक्ति के फेफड़ों पर असर करता है. ऐसे में योग के कुछ प्राणायाम और आसन कोरोना को मात देने में काफी कारगर हैं. हर रोज सुबह- सुबह करीब 1 से डेढ़ घंटे योग जरूर करना चाहिए.

जानिए कौन से योगासन कोरोना के खिलाफ सबसे कारगर

शैलेश त्रिपाठी ने बताया कि, अगर 5 से 7 मिनट हर रोज योग में भस्त्रिका प्राणायाम करें, तो यह कोरोना वायरस पर काफी कारगर होगा, इसका कारण है कि, कोरोना सब से पहले संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों पर असर करता है. ऐसे में इस योगासन से काफी फायदा मिलता है. इस योगासन में गहरी सांस फेफड़ों में भरनी होती है, इस तरह शुद्ध हवा और ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचती है, जो उन्हें मजबूत बनाती है.

कोरोना में हार्ट अटैक और गला चोक होने जैसी स्थितियां बनती हैं, इसके लिए उज्जाई प्राणायाम, कपालभाती प्राणायाम करना चाहिए. यह हमारे शरीर के ह्रदय गला और लीवर को डैमेज होने से बचाता है. अनुलोम विलोम, कपालभाति प्राणायाम 15 से 20 मिनट करने चाहिए और उज्जाई प्राणायाम भी हमें हर रोज 30 मिनट कम से कम करना चाहिए.

योग गुरु कहते हैं कि, जो लोग नियमित योग करते हैं, उन्हें हार्टअटैक डायबिटीज जैसी बीमारियां नहीं होती, तो वहीं जो लोग योग करते हैं और कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं, वो भी 3 से 7 दिन में रिकवर हुए हैं.

कोरोना को हराने में कारगार ये योगासन

सुबह 5:30 बजे से उनकी योगा क्लास शुरू होती है, जिसमें 4 से 5 लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए योग सीखने पहुंचते हैं. योग सीखने आ रहे लोगों का कहना है कि, योग से उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी फायदा हुआ है. शासकीय सेवाओं से जुड़े लोगों का कहना है कि, हर रोज भागदौड़ की जिंदगी में इतना समय नहीं बचता. ऐसे में सुबह सुबह योगा करके दिनभर चुस्त और स्वस्थ रहते हैं.

Last Updated : Jun 20, 2020, 9:05 PM IST
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