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जिला अस्पताल में मौत के बाद हंगामा, नई व्यवस्था का भारी विरोध

भिंड के जिला अस्पताल में कोरोना मरीज के साथ अब अटेंडर पर पाबंदी लगा दी गई है. परिजन इस फैसले का विरोध कर रहे थे, इस बीच भर्ती एक महिला की मौत हो गई. जिसके बाद अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ.

Woman killed due to arbitrariness of administration in Bhind
भिंड में प्रशासन की मनमानी से महिला की मौत
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Published : Apr 30, 2021, 1:53 PM IST

भिंड। जिला अस्पताल में कोरोना ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है. कोरोना कंट्रोल के नाम पर अधिकारी मनमानी पर उतारू हैं. हर दिन लाशें उठ रही हैं. मरीजों को ना तो सही इलाज मिल रहा है. और ना ही सही देखभाल हो रही है. और इन सबके बीच मरीज तड़प-तड़पकर मर रहे हैं.

भिंड में प्रशासन की मनमानी से महिला की मौत

दरअसल जिला अस्पताल में गुरुवार शाम अचानक पुलिस और प्रशासन ने मरीज़ों के अटेंडर के अंदर रहने पर पाबंदी लगा दी. लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने खदेड़ा तो ज़िला कप्तान कहे जाने वाले एसपी ने भी अटेंडेंट पर लात मारी और उसे बाहर कर दिया. हंगामा बढ़ता देख अधिकारी तो मौके से निकल गए, लेकिन अपने मरीजों तक पहुंचने के लिए अटेंडर तड़पते, रोते बिलखते नज़र आए, लेकिन कोई भी उनकी सुनवाई के लिए मौजूद नहीं था, पुलिसकर्मियों ने भी अंदर नहीं जाने दिया.

हंगामे के बीच कलेक्टर एसपी भागे
  • प्रशासन की नई व्यवस्था, परिजन को नो एंट्री

अधिकारियों ने ईटीवी भारत से बातचीत कर इस नई व्यवस्था के बारे में चर्चा की, तो भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस ने बताया कि लगातार संक्रमित मरीज़ों के अटेंडर अंदर उनके पास जा रहे थे. जिससे लोगों की भीड़ बढ़ रही थी. इसी के चलते बेरिकेटिंग लगाकर उन्हें अंदर जाने से रोका जा रहा है. जिससे संक्रमण का फैलाव ना हो, साथ ही परिजन भी संक्रमण की चपेट में ना आएं. कल से एक अटेंडर को पास जारी किए जाएंगे. वहीं भिंड एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अब पुलिस बेवजह भीड़ करने वाले और संक्रमितों के बीच जाने वाले लोगों पर कार्रवाई करेगी.

लापरवाही की हद ! 5 घंटे तक श्मशान की जमीन पर पड़ा रहा संक्रमित गर्भवती का शव

  • परिजनों का आरोप एसपी ने लात मारकर किया बाहर

कलेक्टर और एसपी अपनी बात कहकर चलते बने, लेकिन परेशान परिजनों ने भी प्रशासन के इस फ़ैसले पर आक्रोश जताया, परिजन का कहना था कि उनके मरीज अंदर भर्ती हैं, लेकिन स्टाफ़ उन पर ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में कोई देख-रेख के लिए नहीं रहेगा, तो कैसे काम चलेगा. कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें पानी तक पिलाना पड़ता है, लेकिन कोई वहां ध्यान देने के लिए नहीं है. अगर उन्हें कुछ होता है, तो क्या प्रशासन उसकी ज़िम्मेदारी लेगा. आक्रोशित परिजनों ने भिंड के एसपी पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि अंदर से सभी परिजन को बाहर कर दिया गया, उन्होंने लात मारकर एक परिजन को बाहर किया.

  • भर्ती महिला मरीज की मौत

परिजनों और प्रशासन के बीच हंगामा चल ही रहा था, कि अंदर से चीखने चिल्लाने की आवाज़ें आने लगी, पता चला कि इस नई व्यवस्था के चलते अस्पताल में भर्ती एक महिला मरीज की मौत हो गई, रोते बिलखते परिजन ने बताया कि 6 दिन पहले उन्होंने मरीज को भर्ती कराया था. डॉक्टर ने परेशानी तक नहीं बताई, कोरोना जांच भी निगेटिव आई थी, फिर भी उन्हें कोरोना संक्रमित मरीज़ों के साथ इलाज के लिए रख दिया. कोई नर्स तक उन्हें देखने नहीं गई और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने महिला की जान ले ली.

भिंड। जिला अस्पताल में कोरोना ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है. कोरोना कंट्रोल के नाम पर अधिकारी मनमानी पर उतारू हैं. हर दिन लाशें उठ रही हैं. मरीजों को ना तो सही इलाज मिल रहा है. और ना ही सही देखभाल हो रही है. और इन सबके बीच मरीज तड़प-तड़पकर मर रहे हैं.

भिंड में प्रशासन की मनमानी से महिला की मौत

दरअसल जिला अस्पताल में गुरुवार शाम अचानक पुलिस और प्रशासन ने मरीज़ों के अटेंडर के अंदर रहने पर पाबंदी लगा दी. लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने खदेड़ा तो ज़िला कप्तान कहे जाने वाले एसपी ने भी अटेंडेंट पर लात मारी और उसे बाहर कर दिया. हंगामा बढ़ता देख अधिकारी तो मौके से निकल गए, लेकिन अपने मरीजों तक पहुंचने के लिए अटेंडर तड़पते, रोते बिलखते नज़र आए, लेकिन कोई भी उनकी सुनवाई के लिए मौजूद नहीं था, पुलिसकर्मियों ने भी अंदर नहीं जाने दिया.

हंगामे के बीच कलेक्टर एसपी भागे
  • प्रशासन की नई व्यवस्था, परिजन को नो एंट्री

अधिकारियों ने ईटीवी भारत से बातचीत कर इस नई व्यवस्था के बारे में चर्चा की, तो भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस ने बताया कि लगातार संक्रमित मरीज़ों के अटेंडर अंदर उनके पास जा रहे थे. जिससे लोगों की भीड़ बढ़ रही थी. इसी के चलते बेरिकेटिंग लगाकर उन्हें अंदर जाने से रोका जा रहा है. जिससे संक्रमण का फैलाव ना हो, साथ ही परिजन भी संक्रमण की चपेट में ना आएं. कल से एक अटेंडर को पास जारी किए जाएंगे. वहीं भिंड एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अब पुलिस बेवजह भीड़ करने वाले और संक्रमितों के बीच जाने वाले लोगों पर कार्रवाई करेगी.

लापरवाही की हद ! 5 घंटे तक श्मशान की जमीन पर पड़ा रहा संक्रमित गर्भवती का शव

  • परिजनों का आरोप एसपी ने लात मारकर किया बाहर

कलेक्टर और एसपी अपनी बात कहकर चलते बने, लेकिन परेशान परिजनों ने भी प्रशासन के इस फ़ैसले पर आक्रोश जताया, परिजन का कहना था कि उनके मरीज अंदर भर्ती हैं, लेकिन स्टाफ़ उन पर ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में कोई देख-रेख के लिए नहीं रहेगा, तो कैसे काम चलेगा. कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें पानी तक पिलाना पड़ता है, लेकिन कोई वहां ध्यान देने के लिए नहीं है. अगर उन्हें कुछ होता है, तो क्या प्रशासन उसकी ज़िम्मेदारी लेगा. आक्रोशित परिजनों ने भिंड के एसपी पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि अंदर से सभी परिजन को बाहर कर दिया गया, उन्होंने लात मारकर एक परिजन को बाहर किया.

  • भर्ती महिला मरीज की मौत

परिजनों और प्रशासन के बीच हंगामा चल ही रहा था, कि अंदर से चीखने चिल्लाने की आवाज़ें आने लगी, पता चला कि इस नई व्यवस्था के चलते अस्पताल में भर्ती एक महिला मरीज की मौत हो गई, रोते बिलखते परिजन ने बताया कि 6 दिन पहले उन्होंने मरीज को भर्ती कराया था. डॉक्टर ने परेशानी तक नहीं बताई, कोरोना जांच भी निगेटिव आई थी, फिर भी उन्हें कोरोना संक्रमित मरीज़ों के साथ इलाज के लिए रख दिया. कोई नर्स तक उन्हें देखने नहीं गई और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने महिला की जान ले ली.

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