mp crime : भिंड। गोहद में दिल दहला देने वाली हत्या की एक वारदात ने रिश्तों की अहमियत पर सवाल खड़े कर दिए हैं. युवक ने जिसके साथ 7 जन्म का बंधन निभाने के लिए 7 फेरे लिए थे, उसी पत्नी ने साजिश रचकर मर्डर करा दिया. फिलहाल, कोट परोसा गांव से अचानक गुमशुदा हुए करण सिंह भदौरिया उर्फ मोनू की लाश के अवशेष पुलिस ने बरामद कर लिए हैं. आरोपी पत्नी समेत कुल 5 लोगों की गिरफ्तारी भी कर ली गई है.
पति, पत्नी और वो : रघुवीर सिंह भदौरिया ने बीती 10 फरवरी को गोहद चौराहा पुलिस थाने में अपने बेटे करन के अचानक गायब होने की सूचना दी थी. पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर मामले में जांच शुरू की. पड़ताल के दौरान पुलिस को पता चला कि करन की पत्नी का शादी से पहले अनुराग चौहान के साथ अफेयर था. उसके हाथ पर ब्लेड से अंग्रेजी का 'A' भी बना हुआ था. इस बात को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद भी होता रहता था.
आरोपी ने कबूल की हत्या की वारदात : लव एंगल के सामने आने के बाद पुलिस ने जांच की दिशा इसी ओर मोड़ दी. हिरासत में लेकर पूछताछ की तो अनुराग पुलिस की थर्ड डिग्री के सामने ज्यादा देर तक टिक नहीं सका. उसने कबूल कर लिया कि करन की पत्नी के साथ उसका शादी से पहले से ही प्रेम प्रसंग चल रहा है. यह रिश्ता शादी के बाद भी बदस्तूर जारी है. दोनों अपने बीच करन को सह नहीं पा रहे थे. इसी के चलते दोनों ने उसे अपने रास्ते से हटाने का निश्चय कर लिया और तैयार की करन की हत्या की साजिश.
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दोस्त बनकर दिया दगा : अनुराग ने बताया कि 8 फरवरी को करन की पत्नी ने उसे जानकारी दी कि वह अंडमान एक्सप्रेस से 9 फरवरी की दोपहर ग्वालियर आ रहा है. अनुराग दोपहर करीब 2 बजे मोटर साइकिल से अपने दोस्त के साथ ग्वालियर पहुंच गया. वहां पहुंचकर उसने अपनी बाइक दोस्त को दे दी और खुद रेलवे स्टेशन के बाहर करन का इंतजार करने लगा. करन जैसे ही रेलवे स्टेशन से बाहर आया तो अनुराग ने पीछा करना शुरू कर दिया. उसके साथ बस में बैठकर दोस्ती कर ली. अनुराग ने करन को बताया कि वह कार से अपने दोस्तों के साथ मेहगांव से पोरसा जा रहा है. उसे भी रास्ते में घर तक छोड़ देगा. करन मान गया.
लाश को जलाया, नदी में फेंके हिस्से : मेहगांव में अनुराग के 3 दोस्त- करन तोमर, किशन चौहान और शैलेंद्र बघेल मिले. सभी कार में बैठकर पोरसा की तरफ चल दिए. रास्ते में ही अनुराग ने अपने तीनों दोस्तों के साथ मिलकर गमछे से करन की गला घोंटकर हत्या कर दी. सभी उसकी लाश को पाण्डरी मंदिर के आगे बीहड़ में फेंक कर वापस भिंड आ गए. अनुराग अपने एक अन्य दोस्त के साथ वापस उसी जगह पहुंचा और लाश को झाड़ियों मे फेंककर आग लगा दी. अगली रात वे फिर वहीं पहुंचे और अधजली लाश के हिस्सों को बोरे में भरकर उत्तर प्रदेश के थाना सहसौ के आगे चम्बल नदी में फेंक दिया.