भिंड। वैसे तो वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए वाहनों से लालबत्ती हटवा दी गई. खुद मुख्यमंत्री तक आज लाल बत्ती का उपयोग नहीं कर सकते, लेकिन हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि पर्व पर नगर में लाल बत्ती लगी पालकी में विराजे वन खंडेश्वर महादेव बारात लेकर निकले. श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पूजा-अर्चना और आरती की. कालेश्वर महादेव मंदिर से शुरू हुई शिव बारात वन खंडेश्वर महादेव पहुंची, जहां विधि विधान से शिव-गौरा का प्रतीकात्मक विवाह संपन्न हुआ. इस दौरान भजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया.
भिंड शहर में 11वीं बार महाशिवरात्रि पर्व पर शाम को भोलेनाथ की बारात निकली. जिसमें शहर भर के लोग शामिल हुए. नाचते-गाते श्रद्धालु और भव्य बारात का नजारा देखने लायक था. शिव बारात में 11 रथ, 7 बग्गी और 10 बैंड पालकी के आगे चल रहे थे. इस दौरान बाहर से आए कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. बारात में देवताओं के साथ ही भूत-प्रेत भगवान शंकर की सवारी नंदी के अलावा शहर के लोग शामिल हुए. भगवान शिव के साथ ब्रह्मा, विष्णु, श्री राम के अलावा अन्य देवी-देवताओं की झांकियां भी शामिल हुईं. शिव बारात का शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया.
खास बात ये है कि जो कलाकार शिव और गौरी बनते हैं. वो असल जीवन में भी पति पत्नी होते हैं. उन्हीं की वरमाला वहां होती है. इस विवाह में सभी देवी-देवता शामिल होते हैं.