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Teachers Day 2022: भिंड के राजौरिया सर ने बनाए गणित आसान करने वाले टूल्स, जानिए क्यों लगन को सराह रही भारत सरकार - Teachers Day 2022

कई बार देखा जाता है कि गणित जैसे विषय से छात्र घबराते हैं, क्योंकि गणित के कठिन सवालों से बच्चों को डर लगता है. लेकिन गणित के सवालों को हल करने की ट्रिक और पढ़ाने वाला शिक्षक उसे सरल बना दे तो बच्चों के लिए मैथ्स भी फैवरेट सब्जेक्ट बन जाता है. ऐसे ही गणित विषय को शिक्षक राजनारायण राजौरिया पिछले 42 सालों से बच्चों के लिए खेल खेल में सरल बनाने में जुटे हुए हैं. Rajnarayan Rajoria developed mathematic tools, bhind teacher Rajnarayan Rajoria, Teachers Day 2022

Rajnarayan Rajoria developed mathematic tools
भिंड शिक्षक राजनारायण राजोरिया
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Published : Sep 3, 2022, 5:47 PM IST

भिंड। शहर के शासकीय माध्यमिक विद्यालय मध्यवर्ती में पदस्थ राजौरिया सर के पढ़ाने का अंदाज ही निराला है, गणित विषय के शिक्षक राजनारायण राजौरिया पिछले 42 वर्षों से शिक्षक हैं और गणित में रुचि रखने के चलते बच्चों के लिए इस विषय को सरल बनाने में जुटे हुए हैं. खास बात ये है कि उनके इन प्रयासों के लिए उन्हें राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया है. राजौरिया सर ने गणित को सरल रूप में सिखाने के लिए दो किताबें भी लिखी हैं, उनकी किताब भारतीय गणित विज्ञान काफी लोकप्रिय है. इतना ही नहीं राजौरिया ने घर में निकलने वाले वेस्ट मटेरियल जैसे लकड़ी, गत्ता, प्लास्टिक, वगैरा से सरल रूप से गणित सीखने के लिए सैकड़ों डिजाइन और एक्सपेरिमेंटल टूल बनाए हैं. जिसकी मदद से खेल-खेल में बच्चे गणित समझ लेते हैं. Rajnarayan Rajoria developed mathematic tools

बच्चों को डेमन्स्ट्रेशन के जरिए सिखाते हैं मैथ: शिक्षक राजनारायण राजौरिया के जुनून को इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे अपने बनाए एक्सपेरिंटल टूल्स को स्कूल में लेकर जाते हैं और उनसे बच्चों से लिव डेमन्स्ट्रेशन करते हुए सिखाते हैं. उनकी क्लास के बच्चे भी कहते हैं कि उनके सर का इस तरह से सिखाने का तरीका उन्हें बेहद पसंद हैं, उनकी क्लास में हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है और खेलने के लिए भी. वहीं शिक्षक राजनारायण राजौरिया कहते हैं कि इस तरह से बच्चे बिना किताब पढ़े गणित सीखते हैं, बच्चे वे सवालों को पहले हल करते हैं किताब बाद में देखते हैं. स्कूल के अलावा उन्होंने घर में भी गणित की प्रयोगशाला बना रखी है. स्कूल के बाद भी वो बच्चों के कठिन प्रश्नों को हल करते हैं. स्कूल की हेडमास्टर भी कहती हैं कि "राजौरिया सर के बारे में काफी सुना था, अब मैं उनके साथ काम करती हूं, अच्छा लगता है जब बच्चे शिक्षकों से सीखकर आगे बढ़ते हैं उनका रिजल्ट अच्छा आता है." bhind teacher Rajnarayan Rajoria

उपलब्धि से मिला सम्मान: राजनारायण राजौरिया गणित के लिए उनकी इस लगन के लिए भारत सरकार और लेकर अलग अलग प्रदेश सरकार उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं. साल 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति स्व प्रणव मुखर्जी ने उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान राष्ट्रपति सम्मान से नवाजा था, मध्यप्रदेश सरकार ने भी उन्हें रामानुजन पुरस्कार से लेकर राज्य शिक्षक सम्मान दिया है. साल 2014 में उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिसके बाद से कई अवार्डस आज उनके घर की शोभा बढ़ा रहे हैं. Teachers Day 2022

डीएसटी कार्यक्रमों में आता है बुलावा: 61 साल के शिक्षक राजनारायण सर की गणित के प्रति उपलब्धि सिर्फ स्कूल या घर तक ही सीमित नहीं हैं. ना सिर्फ मध्यप्रदेश सरकार बल्कि अलग अलग राज्यों की सरकारें और खुद भारत सरकार के डीएसटी (डिपार्टमेंट ऑफ साइयन्स एंड टेक्नॉलजी) द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में ट्रेनिंग कार्यशालाओं में उन्हें विशेष तौर पर उन्हें बुलाया जाता है. जहां वे अपने गणित सिखाने के तरीके और एक्सपेरिमेंट से दूसरों को भी ट्रेनिंग देते हैं, वे अब तक कई प्रतिष्ठित विश्व विद्यालयों में भी मैथ्स सेमिनार लेने जा चुके है.

Teachers Day 2022: नीरज सक्सेना ने बैलगाड़ी से पहुंचाई बच्चों तक किताबें, अब मिलेगा राष्ट्रपति सम्मान

राजौरिया सर से इन्स्पाइअर हो रहे लोग: राजनारायण कहते है कि "अच्छा लगता है जब कोई आपके कार्य की सराहना करता है, मैं इन कार्यक्रमों में जाता हूं तो कई बार नए लोगों से खासकर गणितज्ञों से मिलने का अवसर मिलता है. मैं उनसे सीखता हूं, कुछ लोग मुझसे सीखते हैं. कई लोगों ने तो मुझसे इन्स्पाइअर हो कर इन टूल्स के साथ नए एक्सपेरिमेंटल टूल भी तैयार किए हैं."

बच्चों का संवर रहा भविष्य: एक ओर जहां चंबल का भिंड जिला शिक्षा और पिछड़ेपन का शिकार है, जहां पर रोजगार और शिक्षा के सीमित साधन है, उसके बावजूद यह शिक्षक गणित को सरल रूप में सिखाने और समझाने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर बच्चों का भविष्य सवार रहा है.

भिंड। शहर के शासकीय माध्यमिक विद्यालय मध्यवर्ती में पदस्थ राजौरिया सर के पढ़ाने का अंदाज ही निराला है, गणित विषय के शिक्षक राजनारायण राजौरिया पिछले 42 वर्षों से शिक्षक हैं और गणित में रुचि रखने के चलते बच्चों के लिए इस विषय को सरल बनाने में जुटे हुए हैं. खास बात ये है कि उनके इन प्रयासों के लिए उन्हें राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया है. राजौरिया सर ने गणित को सरल रूप में सिखाने के लिए दो किताबें भी लिखी हैं, उनकी किताब भारतीय गणित विज्ञान काफी लोकप्रिय है. इतना ही नहीं राजौरिया ने घर में निकलने वाले वेस्ट मटेरियल जैसे लकड़ी, गत्ता, प्लास्टिक, वगैरा से सरल रूप से गणित सीखने के लिए सैकड़ों डिजाइन और एक्सपेरिमेंटल टूल बनाए हैं. जिसकी मदद से खेल-खेल में बच्चे गणित समझ लेते हैं. Rajnarayan Rajoria developed mathematic tools

बच्चों को डेमन्स्ट्रेशन के जरिए सिखाते हैं मैथ: शिक्षक राजनारायण राजौरिया के जुनून को इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे अपने बनाए एक्सपेरिंटल टूल्स को स्कूल में लेकर जाते हैं और उनसे बच्चों से लिव डेमन्स्ट्रेशन करते हुए सिखाते हैं. उनकी क्लास के बच्चे भी कहते हैं कि उनके सर का इस तरह से सिखाने का तरीका उन्हें बेहद पसंद हैं, उनकी क्लास में हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है और खेलने के लिए भी. वहीं शिक्षक राजनारायण राजौरिया कहते हैं कि इस तरह से बच्चे बिना किताब पढ़े गणित सीखते हैं, बच्चे वे सवालों को पहले हल करते हैं किताब बाद में देखते हैं. स्कूल के अलावा उन्होंने घर में भी गणित की प्रयोगशाला बना रखी है. स्कूल के बाद भी वो बच्चों के कठिन प्रश्नों को हल करते हैं. स्कूल की हेडमास्टर भी कहती हैं कि "राजौरिया सर के बारे में काफी सुना था, अब मैं उनके साथ काम करती हूं, अच्छा लगता है जब बच्चे शिक्षकों से सीखकर आगे बढ़ते हैं उनका रिजल्ट अच्छा आता है." bhind teacher Rajnarayan Rajoria

उपलब्धि से मिला सम्मान: राजनारायण राजौरिया गणित के लिए उनकी इस लगन के लिए भारत सरकार और लेकर अलग अलग प्रदेश सरकार उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं. साल 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति स्व प्रणव मुखर्जी ने उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान राष्ट्रपति सम्मान से नवाजा था, मध्यप्रदेश सरकार ने भी उन्हें रामानुजन पुरस्कार से लेकर राज्य शिक्षक सम्मान दिया है. साल 2014 में उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिसके बाद से कई अवार्डस आज उनके घर की शोभा बढ़ा रहे हैं. Teachers Day 2022

डीएसटी कार्यक्रमों में आता है बुलावा: 61 साल के शिक्षक राजनारायण सर की गणित के प्रति उपलब्धि सिर्फ स्कूल या घर तक ही सीमित नहीं हैं. ना सिर्फ मध्यप्रदेश सरकार बल्कि अलग अलग राज्यों की सरकारें और खुद भारत सरकार के डीएसटी (डिपार्टमेंट ऑफ साइयन्स एंड टेक्नॉलजी) द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में ट्रेनिंग कार्यशालाओं में उन्हें विशेष तौर पर उन्हें बुलाया जाता है. जहां वे अपने गणित सिखाने के तरीके और एक्सपेरिमेंट से दूसरों को भी ट्रेनिंग देते हैं, वे अब तक कई प्रतिष्ठित विश्व विद्यालयों में भी मैथ्स सेमिनार लेने जा चुके है.

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राजौरिया सर से इन्स्पाइअर हो रहे लोग: राजनारायण कहते है कि "अच्छा लगता है जब कोई आपके कार्य की सराहना करता है, मैं इन कार्यक्रमों में जाता हूं तो कई बार नए लोगों से खासकर गणितज्ञों से मिलने का अवसर मिलता है. मैं उनसे सीखता हूं, कुछ लोग मुझसे सीखते हैं. कई लोगों ने तो मुझसे इन्स्पाइअर हो कर इन टूल्स के साथ नए एक्सपेरिमेंटल टूल भी तैयार किए हैं."

बच्चों का संवर रहा भविष्य: एक ओर जहां चंबल का भिंड जिला शिक्षा और पिछड़ेपन का शिकार है, जहां पर रोजगार और शिक्षा के सीमित साधन है, उसके बावजूद यह शिक्षक गणित को सरल रूप में सिखाने और समझाने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर बच्चों का भविष्य सवार रहा है.

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