इस वर्ष अक्टूबर माह बहुत खास है, क्योंकि पितृपक्ष से लेकर नवरात्रि तक इसी महीने में हैं. ज्योतिष शास्त्र के साथ ही यह महीना खगोल शास्त्र की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले दिनों में दो ग्रहण लगने वाले हैं, ये साल का आखिरी सूर्य ग्रहण और इस वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण. आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण में सूतक काल कितना होगा और इसे कहां-कहां देखा जाएगा.
क्या सूर्य ग्रहण पर लगेगा सूतक काल: बात अगर ग्रहण और सूतक काल की करें तो इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को होगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा. जिसकी वजह से भारत में सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. हालांकि कुछ ज्योतिष विज्ञानियों का मानना है कि ग्रहण पृथ्वी पर कहीं भी पड़े सूतक काल लगता ही है.
सूर्य ग्रहण की अवधि: इस महीने की अवस्या यानी पितृपक्ष के आखिरी दिन इस साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण होगा, जो 14 अक्टूबर को शाम 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर 15 अक्टूबर की सुबह 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा. इस ग्रहण की अवधि 5 घंटे 51 मिनट की रहने वाली है, हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. लेकिन यदि फिर भारत में कोई इसे देखने का इच्छुक है तो वह अमरीकी स्पेस एजेंसी NASA की आधिकारिक वेबसाइट पर जा कर इसे देख सकता है.
साल के अंतिम चंद्र ग्रहण की अवधि: इस वर्ष पृथ्वी पर चंद्र ग्रहण भी दो बार पड़ने जा रहा है, पहला ग्रहण इसी साल 5 मई को पड़ा था और अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को होगा. भारत में यह ग्रहण 28 और 29 मई की मध्य रात्रि होगा, इस ग्रहण की उपछाया प्रवेश 28 अक्टूबर की रात 11 बजकर 31 मिनट पर होगा, इसके बाद आंशिक ग्रहण 29 अक्टूबर सुबह 01:06 मिनिट से प्रारंभ होगा. रात 1 बजकर 41 मिनट पर यह अपने अधिकतम (पूर्ण रूप) ग्रहण पर होगा, इसके बाद करीब 02:22 बजे आंशिक ग्रहण समाप्त होगा और सुबह 3 बजकर 56 मिनट पर उपछाया से बाहर निकल जाएगा. चंद्र ग्रहण की दृश्यमान अवधि 1 घंटा 16 मिनट रहने वाली है.
28 अक्टूबर को शुरू होगा सूतक काल: चंद्र ग्रहण लगेगा तो सूतक काल भी होगा और सनातन धर्म में सूतक काल का विशेष ध्यान रखा जाता है. जब भी कोई ग्रहण लगता है तो पूजा पाठ की दृष्टि से कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है. सूर्य ग्रहण में सूतक काल की अवधि 12 घंटे पूर्व से शुरू होती है, जबकि चंद्र ग्रहण में सूतक 9 घंटे पहले लग जाता हैं. ऐसे में इस चंद्र ग्रहण के समय भी भारत में 28 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 5 मिनट पर सूतक काल प्रारंभ हो जायेगा, इस दौरान सभी मंदिरों के कपाटबंद कर दिए जाएंगे और सूतक काल के नियमों का पालन किया जाएगा.
कहां-कहां दिखाई देगा चन्द्रग्रहण: बता दें कि भारत के साथ-साथ यह संपूर्ण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तर अमेरिका, पूर्व दक्षिण अमेरिका, हिन्द महासागर, अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका में भी दिखाई देगा. लोग इस ग्रहण का सीधा प्रसारण NASA की वेबसाइट पर होने वाली लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से भी देख सकेंगे.