भिंड। जिला बदनामी से हटकर अपनी अलग पहचान बना रहा है. कभी डाकुओं के आतंक से पीड़ित रहे भिंड ने देश के सुरक्षाबलों में अपने सपूत तैनात किए हैं. वहीं अब यहां के बच्चे खेल जगत में भी अपना जौहर दिख रहे हैं. जिले के एक छोटे से गांव से निकले क्रिकेट खिलाड़ी सुमित कुशवाह का चयन रणजी ट्रॉफी खेल के लिए मध्यप्रदेश की टीम में हुआ है. उनकी उपलब्धि पर परिवार को गर्व है नेता मंत्री तक बधाइयां दे रहे हैं. (bhind cricket player sumit kushwaha)
एलआईसी कर्मचारी हैं सुमित के पिताः ग्रामीण इलाके से निकले सुमित सिंह कुशवाह ने भी अपने परिवार के साथ जिले का नाम रोशन किया है. मेहगांव क्षेत्र के अड़ोखर गांव में रहने वाले सुमित एक मध्यम परिवार से हैं. पिता LIC में कर्मचारी हैं और माता गृहणी हैं. सुमित कुशवाह को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था. जब थोड़ा बड़े हुए तो उन्होंने पिता से क्रिकेट ट्रेनिंग की बात कही. पिता ने पहले संकोच किया. वे चाहते थे कि वह पढ़ लिखकर डॉक्टर या इंजीनियर बने, लेकिन बेटे की खुशी देखकर स्थानीय खेल प्रशिक्षक से मिले और क्रिकेट अकादमी में उसे दाखिल दिला दिया. यहीं से सुमित का एक नया सफर शुरू हुआ. (cricket player sumit training in bhind)
6 घंटे करते हैं ट्रेनिंगः सुमित पिछले आठ वर्षों से क्रिकेट खेल रहे हैं. जूनियर से लेकर अब सीनियर में खेलने लगे हैं. अंडर-16, 18, 19 और 23 के कई मैच में अपना उम्दा प्रदर्शन दिखाया है. उन्होंने पिछले मैचों की पारी में 189 रन बनाये, वह भी बिना आउट हुए. पिछले दो मैच में भी नॉटआउट दो शतक लगाए और एक अन्य मैच में अर्धशतकीय पारी खेली थी. इन्हीं सब मैचेस की वजह से सेलेक्टर्स ने रणजी ट्रॉफी के लिए एमपी की टीम में उन्हें खेलना का मौका दिया है. सुमित का पूरा फोकस शुरू से ही क्रिकेट पर है. उन्होंने अपनी स्कूलिंग के बाद अब पूरा ध्यान अपने खेल पर केंद्रित कर लिया है. वे प्रतिदिन 6 घंटे ट्रेनिंग करते हैं. (bhind cricket academy)
कोच कटारे से ले रहे हैं प्रशिक्षणः सुमित को इस ऊंचाई तक पहुंचने में उनके प्रशिक्षक रवि कटारे की भी मेहनत है. ट्रेनर कटारे मूलतः एमपी पुलिस के कर्मचारी हैं और खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते हैं. उन्ही की देखरेख में सुमित ट्रेनिंग करते हैं. कोच कटारे कहते हैं कि कुछ बच्चों में खिलाड़ियों वाले गुण पैदाइशी होते हैं. कुछ ऐसा ही सुमित में भी शुरुआत में ही दिख गया था. समय के साथ-साथ समझ और अपने खेल के प्रति लगन और रेगुलेरिटी से वह यहां तक पहुंच है. बीते वर्षों को देखें तो लगातार ग्राफ ऊपर जा रहा है.
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सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने दी बधाईः सुमित के पिता शिवसिंह कुशवाह अपने बेटे की उपलब्धि से फूले नहीं समा रहे हैं. पिता शिवसिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि उनकी दिली इच्छा थी कि वह पढ़ाई पर ध्यान दे, लेकिन उसने बताया कि वह क्रिकेट खेलना चाहता है. ऐसे में सिर्फ यह विचार किया कि अगर वह आने आप से कुछ करना चाहता है, तो शायद ज्यादा अच्छे से करेगा इसलिए सीधा क्रिकेट एकेडमी ले गये. कटारे सर से मुलाकात कर उसका दाखिल करा दिया. कुछ दिन बाद कोच मिले तो कहा कि लड़का बहुत छोटा है, लेकिन 8 दिन बाद उनके सुर पूरे बदले हुए थे. वे खुश होकर बोले आपका लड़का तो फटाखा है, जबरदस्त स्ट्राइक है उसकी. धीरे-धीरे उसका खेल बेहतर हो रहा है. उसने हमारा नाम रोशन किया है. पिता शिव सिंह कहते हैं कि एक समय था वे सब से कहते थे कि एक दिन मीडिया उनके घर आएगी और उनके बेटे ने उनका यह सपना साकार कर दिया. सुमित की उपलब्धि देश के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने भी पोस्ट कर उन्हें बधाई दी है.