भिंड। जिले में गरीबों के लिए भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं, चार दिन से खाना नहीं मिलने की वजह से परेशान महिलाएं और बच्चे कलेक्टर से मिलने जा रहे थे, जिन्हें परेड चौराहे पर रोक दिया गया. कलेक्टर ने इन बेसहारा महिलाओं से मिलने तक की जरूरत नहीं समझी. मामला बढ़ने पर उन्होंने इसे राजनीतिक स्टंट करार देकर अपना पल्ला झाड़ लिया. कांग्रेस ने भिंड कलेक्टर के इस रवैए को लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है.
लॉकडाउन के दौरान प्रशासन और समाजसेवियों की मदद से गरीबों और जरूरतमंदों को राशन का वितरण किया जा रहा है, लेकिन भिंड शहर के वार्ड 9 और 11 की कुछ महिलाएं जब कलेक्टर से मिलने के लिए परेड चौराहे पर पहुंचीं, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. रोके जाने पर महिलाओं ने बताया कि उन्हें राशन नहीं मिल रहा है, साथ ही कलेक्टर से मिलकर गुहार लगाने की बात कही, लेकिन पुलिस ने उन्हें वापस भेज दिया.
इस मामले को लेकर कलेक्टर छोटे सिंह ने कहा कि, 'भिंड में ऐसा कोई भी प्रकरण नहीं है, जहां शासन के निर्देश के बाद राशन ना मिला हो. ये सारी परिस्थितियां ऊंची राजनीति का हिस्सा हैं'. कलेक्टर ने बताया कि, उन्हें भी नगरपालिका द्वारा सूचना मिली थी कि, कुछ लोग लॉकडाउन का उल्लंघन किए हैं. जिन पर FIR की गई थी. ऐसे लोगों ने ही वार्ड की महिलाओं को भटका कर भेजने का प्रयास किया है. कलेक्टर ने कहा कि, जो लोग पॉलिटिकल मोटिवेट होकर इस तरह की कार्रवाई करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ प्रशासन सख्ती से पेश आएगा.