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देश का एक मात्र ऐसा मंदिर जहां जलती हैं 2 अखंड ज्योति, अब वियतनाम के पत्थर से होगा जीर्णोद्धार

भिंड जिले के सुप्रसिद्ध और ऐतिहासिक वनखंडेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार जल्द ही शुरू हो जाएगा, इसकी आधारशिला शनिवार को विधायक संजीव सिंह कुशवाहा के कर कमलों द्वारा रखी गई.

Vankhandeshwar Mahadev Temple
वनखंडेश्वर महादेव मंदिर
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Published : Mar 26, 2023, 6:38 AM IST

भिंड। भोलेनाथ में गहरी आस्था और शिव भक्तों की आराधना का प्रतीक भिंड में स्थित 11वीं सदी का ऐतिहासिक वनखंडेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार की स्वीकृति के बाद अब इसका कार्य भी शुरू हो चुका है. शनिवार को बाबा वनखंडेश्वर महादेव की पूजा अर्चना और अभिषेक करने के साथ भिंड विधायक संगीत सिंह कुशवाहा ने इसके जीर्णोद्धार की आधारशिला रखी.

Bhind Vankhandeshwar Mahadev temple
वनखंडेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू

विधायक ने रखी जीर्णोद्धार की आधारशिला: करीब 2 साल पहले राज्य शासन द्वारा वनखंडेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृति प्रदान की गई थी, क्योंकि यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत आता है. ऐसे में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद भी लंबे समय से अब यह कार्य रुका हुआ था, लेकिन विधायक की मौजूदगी में आम जनता और भक्तों के बीच अब मंदिर को नया स्वरूप प्रदान करने का काम शुरू हो चुका है.

जीर्णोद्धार के लिए पहले चरण में मिले 40 लाख रुपय: भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाह से मिली जानकारी के अनुसार "इस ऐतिहासिक मंदिर का जीर्णोद्धार और कायाकल्प स्वीकृत राशि की पहली किस्त लगभग 40 लाख रुपया से किया जाएगा. इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए क़रीब 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की लागत आएगी, लेकिन जैसे-जैसे किस्तों में राशि स्वीकृत होती जाएगी, मंदिर में कायाकल्प का कार्य भी चलता रहेगा."

इन खबरों पर भी एक नजर:

  1. आस्था या अंधविश्वास! अपने आप बजने लगा मंदिर में लगा घंटा, जुट रही श्रद्धालुओं की भीड़
  2. Shardiya Navratri 2022:पावई वाली माता की महिमा, मुगलों से लड़ा था युद्ध, डकैत भी रहते थे नतमस्तक
  3. पर्यटन संपदाओं से भरा भिंड, फिर भी वीरान

वियतनाम से मंगाये पत्थर से होगा कायाकल्प: विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने यह भी बताया कि "मंदिर में वर्तमान में मूल शिखर ढक चुका है, ऐसे में पहले चरण में मिली राशि से राजस्थान से बुलाए गए कारीगर वियतनाम से मंगाए गए विशेष सफेद पत्थर से इसका कायाकल्प करेंगे. यह देश का ऐसा पहला मंदिर होगा जहां मान्यता है कि एक नहीं बल्कि 2 अखंड ज्योति पिछले करीब 800 वर्षों से प्रज्ज्वलित हैं और ठीक उसी तरह भक्तों के मन में भोलेनाथ के प्रति आस्था भी."

Bhind Vankhandeshwar Mahadev temple
वनखंडेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू

पृथ्वीराज चौहान में कराया था मंदिर का निर्माण: आपको बता दें कि भिंड शहर में स्थित वनखंडेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास करीब 800 वर्ष पुराना है, इस मंदिर को निर्माण पराक्रमी सम्राट पृथ्वीराज चौहान के द्वारा 11वीं सदी में कराया गया था. आज इतने वर्षों के बाद ही भगवान शिव की कृपा से दूर-दूर से यहां भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और उनके दर्शन का लाभ लेकर अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि का आशीर्वाद पाते हैं.

भिंड। भोलेनाथ में गहरी आस्था और शिव भक्तों की आराधना का प्रतीक भिंड में स्थित 11वीं सदी का ऐतिहासिक वनखंडेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार की स्वीकृति के बाद अब इसका कार्य भी शुरू हो चुका है. शनिवार को बाबा वनखंडेश्वर महादेव की पूजा अर्चना और अभिषेक करने के साथ भिंड विधायक संगीत सिंह कुशवाहा ने इसके जीर्णोद्धार की आधारशिला रखी.

Bhind Vankhandeshwar Mahadev temple
वनखंडेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू

विधायक ने रखी जीर्णोद्धार की आधारशिला: करीब 2 साल पहले राज्य शासन द्वारा वनखंडेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृति प्रदान की गई थी, क्योंकि यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत आता है. ऐसे में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद भी लंबे समय से अब यह कार्य रुका हुआ था, लेकिन विधायक की मौजूदगी में आम जनता और भक्तों के बीच अब मंदिर को नया स्वरूप प्रदान करने का काम शुरू हो चुका है.

जीर्णोद्धार के लिए पहले चरण में मिले 40 लाख रुपय: भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाह से मिली जानकारी के अनुसार "इस ऐतिहासिक मंदिर का जीर्णोद्धार और कायाकल्प स्वीकृत राशि की पहली किस्त लगभग 40 लाख रुपया से किया जाएगा. इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए क़रीब 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की लागत आएगी, लेकिन जैसे-जैसे किस्तों में राशि स्वीकृत होती जाएगी, मंदिर में कायाकल्प का कार्य भी चलता रहेगा."

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  1. आस्था या अंधविश्वास! अपने आप बजने लगा मंदिर में लगा घंटा, जुट रही श्रद्धालुओं की भीड़
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वियतनाम से मंगाये पत्थर से होगा कायाकल्प: विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने यह भी बताया कि "मंदिर में वर्तमान में मूल शिखर ढक चुका है, ऐसे में पहले चरण में मिली राशि से राजस्थान से बुलाए गए कारीगर वियतनाम से मंगाए गए विशेष सफेद पत्थर से इसका कायाकल्प करेंगे. यह देश का ऐसा पहला मंदिर होगा जहां मान्यता है कि एक नहीं बल्कि 2 अखंड ज्योति पिछले करीब 800 वर्षों से प्रज्ज्वलित हैं और ठीक उसी तरह भक्तों के मन में भोलेनाथ के प्रति आस्था भी."

Bhind Vankhandeshwar Mahadev temple
वनखंडेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू

पृथ्वीराज चौहान में कराया था मंदिर का निर्माण: आपको बता दें कि भिंड शहर में स्थित वनखंडेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास करीब 800 वर्ष पुराना है, इस मंदिर को निर्माण पराक्रमी सम्राट पृथ्वीराज चौहान के द्वारा 11वीं सदी में कराया गया था. आज इतने वर्षों के बाद ही भगवान शिव की कृपा से दूर-दूर से यहां भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और उनके दर्शन का लाभ लेकर अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि का आशीर्वाद पाते हैं.

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