भिंड। कोरोना काल के दौरान बहुत से लोग दूसरे राज्यों से अपने जिले वापस लौट रहे हैं. जिसके चलते कोरोना बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. लिहाजा एहतियातन सभी जिलों में बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था की जा रही है. जिसके लिए जगह-जगह क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इन सेंटर्स से कुछ शिकायतें सामने आ रहीं थीं. इस बात की तस्दीक करने ईटीवी भारत की टीम भिंड स्थित केंद्रीय विद्यालय में बने क्वारंटाइन सेंटर पर पहुंची.
इस दौरान हमने पाया कि इस सेंटर में करीब 36 लोग रुके हुए थे. जिनमें से कुछ लोग गुजरात से कुछ राजस्थान से और कुछ दूसरे शहरों से आए हुए हैं. इन सभी के लिए प्रशासन ने रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था की है. अपने रियलटी चेक के दौरान हमने पाया कि केंद्रीय विद्यालय में बने क्वारंटाइन सेंटर में अलग-अलग रूम में लोगों को रखा गया है. हर रूम में 5 लोगों को जगह दी गई है. लोगों के लिए बेड की व्यवस्था तो नहीं है, लेकिन उन्हें साफ-सुथरे चादर और गद्दे दिए गए हैं.
जब ईटीवी भारत की टीम ने लोगों से बात की तो उन्होंने बताया उन्हें इस सेंटर में किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है. हालांकि कुछ लोगों ने बताया कि सेंटर में नहाने-धोने का पानी समय पर नहीं मिल पा रहा है. वहीं खाने-पीने की बात पूछने पर लोगों का कहना था कि उन्हें इससे संबंधित कोई समस्या नहीं है.
फोन में इंस्टॉल कराया जा रहा सार्थक ऐप
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी क्वारंटाइन सेंटर में रुके लोगों को मोबाइल पर कुछ समझाते दिखे. जब इस बारे में कर्मचारी से बात की तो उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ऐसे सभी लोग जो सेंटर में रुके हुए हैं या संदिग्ध हैं, उन्हें सार्थक ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य है. सार्थक ऐप के जरिए लोगों का डाटा फीड किया जाता है. जिसमें उन्हें अपनी अटेंडेंस लगानी होती है. इस ऐप के जरिए स्वास्थ्य विभाग को ऐसे लोगों को ट्रैक करना आसान हो जाता है.
हालांकि क्वारंटाइन सेंटर में बेड और पानी जैसी कुछ समस्याएं तो हैं, लेकिन इनका निदान समय रहते किया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी कर्मचारी पूरी मुस्तैदी के साथ अपना काम कर रहे हैं.