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दबंगों ने घर से किया बेघर, दर-दर की ठोकर खा रहा परिवार, प्रशासन भी नहीं कर रहा सुनवाई

भिंड के कांथा गांव में रहने वाले कल्लू खटीक को गांव में ही रहने वाले दबंगों ने घर से बेघर कर दिया. अब वह परिवार के साथ दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं.

घर से किया बेघर
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Published : Aug 22, 2019, 6:30 PM IST

Updated : Aug 22, 2019, 7:27 PM IST

भिंड। मिहोना थाना क्षेत्र के कांथा गांव में दबंगों की मनमानी के चलते एक परिवार 3 साल से दर-दर की ठोकरें खा रहा है. सड़कों के किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहा यह परिवार प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है, लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी उसे अपने घर की जगह प्रशासन से सिर्फ आश्वासन ही मिला है. कांथा गांव में रहने वाले 5 बच्चों के पिता कल्लू खटीक को गांव के दबंगों ने प्रताड़ित करके गांव से निकाल दिया. जब उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई, तो प्रशासन ने आश्वासन देकर चलता कर दिया.

दबंगों ने घर से किया बेघर

कल्लू खटीक पिछले 3 साल से रोन कस्बे में कभी पंचायत भवन, कभी छात्रावास के पीछे तो कभी इसी कॉलोनी में झोपड़ी लगाकर रहने को मजबूर हैं. पीड़ित कल्लू का आरोप है कि गांव के रहने वाले अमित, अतुल और नीरज नाम के दबंग उसके परिवार को अक्सर परेशान करते थे. धीरे-धीरे हालात यह बने कि दबंगों ने कल्लू खटीक के पूरे परिवार को ही गांव से निकाल दिया. कल्लू की सबसे बड़ी बेटी स्नेहा अब स्कूल नहीं जा पाती. इसे लेकर नेहा कहती है कि घर में खाने के लिए कुछ नहीं है, ऐसे में स्कूल जाने की व्यवस्था कैसे हो.

पीड़ित ने कई बार पुलिस में शिकायत की, तो कई बार प्रशासन के आला अधिकारी कलेक्टर और एसपी से भी न्याय की गुहार लगाई, लेकिन आज तक आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. मामले पर पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस ने कहा कि हाल ही दोनों पक्ष उनसे मुलाकात करने आये थे, जिसको लेकर पुलिस के उच्च अधिकारियों को जांच के लिए निर्देशित कर दिया गया है.

भिंड। मिहोना थाना क्षेत्र के कांथा गांव में दबंगों की मनमानी के चलते एक परिवार 3 साल से दर-दर की ठोकरें खा रहा है. सड़कों के किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहा यह परिवार प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है, लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी उसे अपने घर की जगह प्रशासन से सिर्फ आश्वासन ही मिला है. कांथा गांव में रहने वाले 5 बच्चों के पिता कल्लू खटीक को गांव के दबंगों ने प्रताड़ित करके गांव से निकाल दिया. जब उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई, तो प्रशासन ने आश्वासन देकर चलता कर दिया.

दबंगों ने घर से किया बेघर

कल्लू खटीक पिछले 3 साल से रोन कस्बे में कभी पंचायत भवन, कभी छात्रावास के पीछे तो कभी इसी कॉलोनी में झोपड़ी लगाकर रहने को मजबूर हैं. पीड़ित कल्लू का आरोप है कि गांव के रहने वाले अमित, अतुल और नीरज नाम के दबंग उसके परिवार को अक्सर परेशान करते थे. धीरे-धीरे हालात यह बने कि दबंगों ने कल्लू खटीक के पूरे परिवार को ही गांव से निकाल दिया. कल्लू की सबसे बड़ी बेटी स्नेहा अब स्कूल नहीं जा पाती. इसे लेकर नेहा कहती है कि घर में खाने के लिए कुछ नहीं है, ऐसे में स्कूल जाने की व्यवस्था कैसे हो.

पीड़ित ने कई बार पुलिस में शिकायत की, तो कई बार प्रशासन के आला अधिकारी कलेक्टर और एसपी से भी न्याय की गुहार लगाई, लेकिन आज तक आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. मामले पर पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस ने कहा कि हाल ही दोनों पक्ष उनसे मुलाकात करने आये थे, जिसको लेकर पुलिस के उच्च अधिकारियों को जांच के लिए निर्देशित कर दिया गया है.

Intro:भारतीय संस्कृति में घर को मंदिर कहते हैं वह मंदिर जैसे एक आदमी अपने खून पसीना बहा कर बनाता है इस आस में कि उसका परिवार खुद को सुरक्षित महसूस करेगा और उसके सर पर भी छत होगी लेकिन भिंड के कापा गांव में दबंगों की मनमानी के चलते एक परिवार 3 साल से दर-दर की ठोकरें खा रहा है सड़कों के किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहा यह परिवार प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी उसे अपने घर की जगह सिर्फ आश्वासन ही मिला है


Body:मामला भिंड के में होना थाना क्षेत्र का है जहां कथा गांव में दबंगों से पीड़ित परिवार 3 साल से अपने घर नहीं जा सका है क्योंकि दबंग लोगों ने इस पर गरीब परिवार को गांव से ही निकाल दिया है और आज यह परिवार रोन कस्बे में दर-दर की ठोकरें खा रहा है कभी पंचायत भवन, कभी छात्रावास के पीछे तो कभी इसी कॉलोनी में झोपड़ी लगाकर रहने को मजबूर 5 बच्चों के पिता कल्लू खटीक बताते हैं कि का था गांव के रहने वाले अमित अतुल नीरज नाम के दबंग लोग उसके परिवार को अक्सर परेशान करते थे धीरे-धीरे हालात यह बने कि दबंगों ने कल्लू खटीक के पूरे परिवार को ही गांव से निकाल दिया आज कल्लू अपने परिवार के साथ रौन कस्बे में झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं और किसी तरह अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं पीड़ित परिवार ने कई बार पुलिस में शिकायत की तो कई बार प्रशासन के आला अधिकारी कलेक्टर और एसपी से भी न्याय की गुहार लगाई लेकिन आज तक आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला

बाइट - कल्लू खटीक, पीड़ित
बाइट- मोहन कुशवाहा, ग्रामीण, रौन (झोपड़ी लगाने के लिए अपनी जगह देने वाला शख्स)

इस पीड़ित परिवार को अब यह उम्मीद नहीं है कि वह कभी अपने गांव में अपने घर में वापस जा पाएंगे अब यह परिवार दूसरों के रहमों करम पर ही रह रहा है इस पीड़ित परिवार की प्रशासन से सिर्फ एक ही मांग रह गई है अगर उनका घर नहीं दिला पा रहे तो कम से कम कुछ सरकारी मदद ही मिल जाए न जाने कितने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान आवंटित होते हैं एक आवास उनको भी आवंटित कर दिया जाए कल्लू की सबसे बड़ी बेटी स्नेहा भी अब स्कूल नहीं जा पाती इस नेहा कहती है कि घर में खाने के लिए कुछ है नहीं स्कूल जाने की व्यवस्था कैसे हो

बाइट- ज्योति, कल्लू की पत्नी
बाइट - स्नेहा, कल्लू की बेटी


Conclusion:केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी भले ही सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का नारा दे रहे हो लेकिन काथा गांव के रहने वाले कल्लू खटीक के परिवार का कार्यपालिका से अब विश्वास उठ रहा है क्योंकि यह बेघर परिवार आज जीवन यापन के लिए जद्दोजहद कर रहा है लेकिन इनकी मदद के लिए किसी के हाथ आगे नहीं आए। भिंड एसपी से जब पीड़ित परिवार की समस्या को लेकर हो रही अनदेखी पर सवाल किया गया तो उनका कहना था कि हाल ही दोनो पक्ष उनसे मुलाकात करने आये थे जिसको लेकर पुलिस के उच्च अधिकारियों को जांच के लिए निर्देशित कर दिया है। जिले में बैठे कलेक्टर और एसपी भी इनकी परेशानी तो सुनते हैं लेकिन आवेदनों के बाद इन्हें मदद की जगह सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है और अब दबंगों से पीड़ित यह परिवार धीरे-धीरे हताश हो गया है।

बाइट- रूडोल्फ अल्वारेस, पुलिस अधीक्षक, भिंड

भिंड से ईटीवी भारत के लिए पीयूष श्रीवास्तव की रिपोर्ट
Last Updated : Aug 22, 2019, 7:27 PM IST
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