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MP Poor Health Condition: सरकारी अस्पताल से प्रसव के लिए आई महिला को भगाया, खुले में डिलीवरी के बाद भिंड कलेक्टर का एक्शन - Bhind District Hospital Negligence

Child Birth Outside Hospital: एमपी में खराब स्वास्थ्य स्थिति एक बार फिर उजागर हुई है, जहां भिंड के सरकारी अस्पताल के बाहर खुले में महिला की डिलीवरी हुई. फिलहाल भिंड कलेक्टर ने मामले में एक्शन लेते हुए अस्पताल की मेटर्न सिस्टर को निलंबित कर दिया है.

Child Birth Outside Hospital
खुले में डिलीवरी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 7:23 AM IST

भिंड। जिन सरकारी अस्पतालों पर मरीज के इलाज और चिकित्सा व्यवस्था का दारोमदार है, वहीं अगर चंद पैसों के लिए भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों का अमानवीय चेहरा नजर आने लगे तो क्या कहेंगे.. भले ही सरकार ने निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए देश के हर जिले में जिला अस्पताल खोल दिये, लेकिन भिंड जिला अस्पताल में चिकित्सकों की उदासीनता और स्टॉफ नर्स का लालच पूरा न कर पाने पर एक गर्भवती महिला को प्रसूति वार्ड से बाहर भगा दिया गया. नतीजा महिला ने खुले टीनशेड में जमीन पर बच्चे को जन्म दिया. (Bhind District Hospital Negligence)

डिलीवरी कराने के लिए मांगे रुपये: यह घटना भिंड के पिड़ोरा गांव के रहने वाले बंटी परिहार की पत्नी के साथ घटित हुई, परिजन के मुताबिक बंटी की पत्नी राखी को गुरुवार सुबह करीब 4 बजे प्रसव पीड़ा हुई थी. 108 एंबुलेंस को कॉल किया और उसकी सास गुड्डीबाई और देवर कान्हा परिहार पीड़िता को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. महिला की सास गुड्डी बाई ने बताया कि "अस्पताल में स्टॉफ नर्स ने पहले कहा कि ऑपरेशन होगा, इसके लिए जब हमने मना किया तो नार्मल डिलीवरी के लिए 5 हजार रुपए मांगे."

नर्स ने प्रसूता को बाहर ले जाने कहा, बाहर हो गया बच्चे का जन्म: राखी की सास गुड्डीबाई ने बताया कि उसकी बहू की पहले दो डिलीवरी नॉर्मल हुईं, यह बात नर्स और अन्य स्टाफ को बताई, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और घुमाते ही रहे. इसके बाद में बाहर जाने को कह दिया, बाहर लाने पर अस्पताल परिसर के खुले टीनशेड में डिलीवरी हो गई. उसकी बहू ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है, लेकिन खुले में डिलीवरी होने से बहू की तबीयत खराब हो गई.

प्रबंधन ने की टालमटोली, जानकारी लगते ही मौक़े पर पहुंचे कलेक्टर: जानकारी लगने पर थोड़ी देर में सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल वार्ड में पहुंचे, महिला से पूछताछ की तो महिला ने नर्स द्वारा रुपयों की मांग और बाहर निकाले जाने के आरोप दोहराए. लेकिन वे मामले को तालमटोली कर प्रसूति वार्ड के अंदर घुसकर दूसरे दरवाजे बाहर निकल गए. मामले की गंभीरता और अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता की खबर जब भिंड कलेक्टर संजीव कुमार श्रीवास्तव अपना सरकारी वाहन छोडकर एक निजी वाहन से अस्पताल पहुंचे और पीड़ित महिला के परिजनों से मिले, इस दौरान महिला ने उन्हें बताया कि उससे दो नर्सों ने रुपए मांगे थे.

Must Read:

एक्शन में आए भिंड कलेक्टर: कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव जब अस्पताल के दौरे पर थे तो उन्हें मौके पर एक भी नर्स नहीं मिली. इसके बाद खुले में डिलीवरी के वीडियो के आधार पर और बार-बार निरीक्षण के दौरान मिल रहीं लापरवाहियों पर चेतावनियों को बेअसर होते देख भिंड कलेक्टर ने मेटर्न सिस्टर रामबाई सुनहरे को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि इस तरह की स्थिति से यह बात सामने आई है कि मेटर्न सिस्टर द्वारा गर्भवती महिलाओं के इलाज की मॉनिटरिंग में उदासीनता बरती जा रही है.

जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई: फिलहाल जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल का कहना है कि "महिला अपने आरोपों के संबंध में आवेदन दे दे, हम नर्सिंग स्टॉफ को बुलाकर पहचान करवा लेंगे. इसके बाद हम महिला द्वारा पहचाने जाने के बाद उसके बयान के आधार पर जांच की जाएगी और आरोप प्रमाणित होने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी."

भिंड। जिन सरकारी अस्पतालों पर मरीज के इलाज और चिकित्सा व्यवस्था का दारोमदार है, वहीं अगर चंद पैसों के लिए भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों का अमानवीय चेहरा नजर आने लगे तो क्या कहेंगे.. भले ही सरकार ने निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए देश के हर जिले में जिला अस्पताल खोल दिये, लेकिन भिंड जिला अस्पताल में चिकित्सकों की उदासीनता और स्टॉफ नर्स का लालच पूरा न कर पाने पर एक गर्भवती महिला को प्रसूति वार्ड से बाहर भगा दिया गया. नतीजा महिला ने खुले टीनशेड में जमीन पर बच्चे को जन्म दिया. (Bhind District Hospital Negligence)

डिलीवरी कराने के लिए मांगे रुपये: यह घटना भिंड के पिड़ोरा गांव के रहने वाले बंटी परिहार की पत्नी के साथ घटित हुई, परिजन के मुताबिक बंटी की पत्नी राखी को गुरुवार सुबह करीब 4 बजे प्रसव पीड़ा हुई थी. 108 एंबुलेंस को कॉल किया और उसकी सास गुड्डीबाई और देवर कान्हा परिहार पीड़िता को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. महिला की सास गुड्डी बाई ने बताया कि "अस्पताल में स्टॉफ नर्स ने पहले कहा कि ऑपरेशन होगा, इसके लिए जब हमने मना किया तो नार्मल डिलीवरी के लिए 5 हजार रुपए मांगे."

नर्स ने प्रसूता को बाहर ले जाने कहा, बाहर हो गया बच्चे का जन्म: राखी की सास गुड्डीबाई ने बताया कि उसकी बहू की पहले दो डिलीवरी नॉर्मल हुईं, यह बात नर्स और अन्य स्टाफ को बताई, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और घुमाते ही रहे. इसके बाद में बाहर जाने को कह दिया, बाहर लाने पर अस्पताल परिसर के खुले टीनशेड में डिलीवरी हो गई. उसकी बहू ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है, लेकिन खुले में डिलीवरी होने से बहू की तबीयत खराब हो गई.

प्रबंधन ने की टालमटोली, जानकारी लगते ही मौक़े पर पहुंचे कलेक्टर: जानकारी लगने पर थोड़ी देर में सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल वार्ड में पहुंचे, महिला से पूछताछ की तो महिला ने नर्स द्वारा रुपयों की मांग और बाहर निकाले जाने के आरोप दोहराए. लेकिन वे मामले को तालमटोली कर प्रसूति वार्ड के अंदर घुसकर दूसरे दरवाजे बाहर निकल गए. मामले की गंभीरता और अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता की खबर जब भिंड कलेक्टर संजीव कुमार श्रीवास्तव अपना सरकारी वाहन छोडकर एक निजी वाहन से अस्पताल पहुंचे और पीड़ित महिला के परिजनों से मिले, इस दौरान महिला ने उन्हें बताया कि उससे दो नर्सों ने रुपए मांगे थे.

Must Read:

एक्शन में आए भिंड कलेक्टर: कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव जब अस्पताल के दौरे पर थे तो उन्हें मौके पर एक भी नर्स नहीं मिली. इसके बाद खुले में डिलीवरी के वीडियो के आधार पर और बार-बार निरीक्षण के दौरान मिल रहीं लापरवाहियों पर चेतावनियों को बेअसर होते देख भिंड कलेक्टर ने मेटर्न सिस्टर रामबाई सुनहरे को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि इस तरह की स्थिति से यह बात सामने आई है कि मेटर्न सिस्टर द्वारा गर्भवती महिलाओं के इलाज की मॉनिटरिंग में उदासीनता बरती जा रही है.

जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई: फिलहाल जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल का कहना है कि "महिला अपने आरोपों के संबंध में आवेदन दे दे, हम नर्सिंग स्टॉफ को बुलाकर पहचान करवा लेंगे. इसके बाद हम महिला द्वारा पहचाने जाने के बाद उसके बयान के आधार पर जांच की जाएगी और आरोप प्रमाणित होने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी."

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