भिंड। नगरीय निकाय चुनाव में भिंड नगर पालिका परिषद चुनाव 2022 (Bhind municipal council election 2022) के लिए मतदान द्वितीय चरण में होने जा रहे हैं. प्रत्याशियों के नाम फाइनल हो चुके हैं और चुनाव चिन्हों का आवंटन भी हो चुका है. ऐसे में ईटीवी भारत ने शहर के वार्ड 38 में 'बस्ती की चौपाल' (Basti ki chaupal) लगाई. ये वह वार्ड हैं जहां से पिछले पार्षद नगर पालिका उपाध्यक्ष थे. इस बार वार्ड आरक्षण में ये वार्ड अनारक्षित महिला के लिए रिजर्व है. ऐसे में पूर्व उपाध्यक्ष रामनरेश शर्मा की पत्नी बीजेपी (Ram Naresh Sharma wife Premsakhi Sharma BJP ) की प्रत्याशी हैं, वहीं कांग्रेस ने गीता देवी (Geeta Devi Congress) को टिकट दिया है. अब बीजेपी कांग्रेस के घमासान के बीच इस वार्ड की जनता की क्या राय है ये खुद वार्ड 38 (Ward 38 Ashok Nagar Bhind) के मतदातों से सुनिए.
नगरपालिका के वार्ड पार्षदों के चुनाव का दूसरा चरण : दो साल पहले नगरीय निकायों के अध्यक्षों, परिषद के सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो चुका है. उसके बाद से ही नगर निगम से लेकर नगर परिषदों तक कि अध्यक्षता प्रशासकों के हाथ में आ गई है. हालांकि 7 साल के लंबे इंतजार के बाद और सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद नगरीय निकाय के चुनाव होने जा रहे हैं. भिंड नगरपालिका के वार्ड पार्षदों के (Bhind municipal ward councilors election) चुनाव दूसरे चरण में हैं. भिंड नगर पालिका के वार्ड 38 में पहुंचने पर ईटीवी भारत ने चौपाल लगाकर अशोक नगर (Ward 38 Ashok Nagar Bhind) के स्थानीय लोगों से बात की.
पार्षद ने कभी नहीं जाने वार्ड के हालात: कुल 3 हजार 978 मतदाता वाले वार्ड 38 में जनता अपने पूर्व पार्षद से नाराज है. इस वार्ड के विकास को लेकर लोगों से बात करने पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा है. खास कर यहां की महिलाएं जो चौबीस घंटे अपने घरों में रहती हैं, उन्होंने पूर्व पार्षद और नगरपालिका उपाध्यक्ष रामनरेश शर्मा के बारे में जमकर खरी-खोटी कही. महिलाओं का कहना था कि उनके इलाके में आज तक रोड नहीं बन पाई है. नगरपालिका ने प्लाटिंग करते हुए परमिशन देकर वार्ड 38 को फैला दिया है, लेकिन पार्षद कभी यहां के हालातों को देखने तक नहीं आते हैं.
बारिश में घर बन जाता टापू: अशोक नगर की जनता का कहना है कि उनका जीवन किसी नरक से कम नहीं है, क्योंकि यहां न तो सड़क है, ना बिजली के पोल और ना ही पानी की व्यवस्था है. हालात ये है कि बारिश में निचले घरों में पानी भरते ही यहां के घर टापू में बदल जाते हैं. हमेशा हादसों का भी खतरा यहां बना रहता है. सरहानीय लोगों ने बताया कि बारिश में इन घरों ने बच्चों और मवेशियों की जान तक ले ली है, लेकिन पूर्व पार्षद को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है. यहां के लोग आज भी सरकार की योजनाओं और मूलभूत सुविधाओं की आस में बैठे हैं, लेकिन पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष के बर्ताव की वजह से वे इस बार के चुनाव में उन्हें दरकिनार करने का मन बना चुके है. हालांकि इस बार वे खुद भिंड नगर पालिका परिषद चुनाव 2022 (Bhind municipal council election 2022) में खड़े नहीं हो सकते इस वजह से अपनी पत्नी को बीजेपी से टिकट दिलाया है.
पार्षद से नाराज ग्रामीण: स्थानीय लोगों में सिर्फ अनदेखी का गुस्सा नहीं है. उनका कहना है कि जो भी विकास किया गया है वे अपने घर के पास की पार्षद करवा कर रखे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने सालों में उन्होंने सिर्फ अपने विकास पर काम किया है, जो भी सुविधाएं वार्ड के नाम पर पास कराई वे सभी अपने घर के बाहर करवाई है. चाहे सीसी रोड हो, बिजली का ट्रांसफार्मर या पानी का पंप, बाकी वार्ड वासी क्या करेंगे इस बात से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. इसी गुस्से के साथ ग्रामीणों का कहना है कि एक बार गलती हो गई वोट कर के, लेकिन दोबारा अब ये गलती नहीं होगी. अबकी बार किसी नए प्रत्याशी को मौका देंगे जो विकास के लिए काम करेगा.
पार्षद ने जनता की समस्या को कभी समझा: आम चुनाव हो और BJP-Congress आमने-सामने न हो ये संभव नहीं है. 3 हजार 978 मतदाताओं वाले वार्ड 38 में जहां राम नरेश शर्मा अपनी पत्नी प्रेमसखी शर्मा (Premsakhi Sharma BJP) के जरिए मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस की तरफ से गीता देवी शर्मा (Geeta Devi Congress) केंडिडेट हैं. चौपाल के दौरान मौके पर मौजूद रहे उनके परिजन से भी बात की. उनका कहना था कि पूर्व पार्षद ने जनता की समस्या को कभी समझा नहीं, इसी वजह से यह वार्ड आज भी विकास में अछूता रहा है और कांग्रेस को अगर जनता मौका देगी तो सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा.