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भिंड में रोचक हुआ मुकाबला.. टिकट कटने के बाद BJP से BSP में शामिल हुए MLA संजीव सिंह कुशवाह, अब बसपा से लड़ेंगे चुनाव

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 27, 2023, 7:00 AM IST

Updated : Oct 27, 2023, 9:40 AM IST

BJP Sanjeev Singh join BSP: एमपी चुनाव 2023 से पहले भिंड का मुकाबला रोचक हुआ है, दरअसल टिकट कटने के बाद विधायक संजीव सिंह कुशवाह अब बसपा से चुनाव लड़ेंगे.

BJP Sanjeev Singh join BSP
संजीव सिंह कुशवाह बसपा में शामिल
भिंड में रोचक हुआ मुकाबला

MP Chunav 2023: संजीव सिंह कुशवाह मध्यप्रदेश में 15वीं विधानसभा के उन दो सदस्यों में से थे जो बसपा से जीत कर आये थे, लेकिन करीब एक साल पहले अचानक बागी हुए और बीजेपी में पहुंच गए. तकनीकी बारीकियों के चलते दलबदल के बावजूद विधायकी भी बची रही, लेकिन जैसे ही 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए भिंड के बीजेपी प्रत्याशी का नाम घोषित हुआ तो कई चेहरे मुरझा गए. विधायक संजीव समेत उनके कई कार्यकर्ता थे, जो इस बात से आहत थे कि सिटिंग विधायक का नाम ही बीजेपी ने चुनाव से बाहर कर दिया. खुद को ठगा सा महसूस करते हुए विधायक संजीव सिंह ने भी बगावत कर दी, यहां तक कि वे निर्दलीय तक लड़ने को तैयार थे, लेकिन अचानक गुरुवार शाम उनकी घर वापसी हो गई. बीजेपी नहीं बल्कि एक बार फिर वे बसपा में शामिल होकर हाथी का टिकट ले ही आए.

बसपा से पहले विधायक चुने गये थे संजीव सिंह: ईटीवी भारत से खास बातचीत में संजीव सिंह ने बसपा से बीजेपी में शामिल होना और फिर बगावत करने के एक साल बाद इस तरीके का फैसला लेने के बारे में बताया. विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा बीजेपी ने तो उन्हें 2013 में ही परिवार से बाहर कर दिया था, इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें सराहा और विधानसभा का टिकट दोनों ही दिये. लेकिन वे कम अंतर से चुनाव हारे, इसके बाद 5 सालों तक लगातार क्षेत्र में जनता के बीच मेहनत की, 2018 में एक बार फिर बसपा ने भरोसा किया उसका नतीजा भी मिला कि पहली बार भिंड विधानसभा में बहुजन समाजवादी पार्टी का विधायक चुना गया, वह भी बड़े अंतर के साथ.

वादा कर बीजेपी ने किया विश्वासघात: संजीव सिंह ने बताया कि विधायक बनने के बाद भी वे भिंड विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए लड़ते रहे चाहे कमलनाथ की सरकार रही या भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी मेहनत भिंड की जनता के विकास के लिए की साल भर पहले जब नगरीय निकाय चुनाव हुए तो भारतीय जनता पार्टी ने इस क्षेत्र में अव्यवस्थाओं को देखते हुए उन्हें बुलाया था के वे भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करें और क्षेत्र में उनका नगरपालिका अध्यक्ष बनवाए विधायक ने बनाया उन्होंने शर्त रखी थी कि उनका एकमात्र उद्देश्य चुनाव लड़ना था जिस पर उन्हें भरोसा भी दिलाया गया था पार्टी में शामिल होने के साथ साथ उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट भी दिया जाएगा. विधायक संजीव सिंह का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की बात और विश्वास में आकर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी लेकिन उन लोगों ने अपना वादा पूरा न करते हुए विश्वासघात किया क्योंकि वे बहुजन समाजवादी पार्टी से चुने गए थे यदि उन्हें टिकट नहीं देना था तो फिर वादा भी नहीं चाहिए था.

मायावती ने गलती माफ़ कर आशीर्वाद में दिया टिकट: विधायक का कहना है कि BJP की वादाखिलाफी की वजह से न सिर्फ उन्हें दुख हुआ, बल्कि उनके समर्थक 70 हजार वोटर खासकर वो 60 हजार बहनें जिन्होंने विधायक को राखी बांधी थी और वह युवा साथी और बुजुर्ग जो उन्हें अपना मानते थे उन्हें गहरा आघात पहुंचा होगा. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि "संजू तुम्हें चुनाव लड़ना है चाहे निर्दलीय ही क्यों ना लड़ो" उनके इस विश्वास के चलते ही दोबारा चुनाव लड़ने का फैसला लिया और इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी उन्हें भारतीय जनता पार्टी में जाने की गलती को माफ कर दिया और एक बार फिर उन पर विश्वास जताया.

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रक्षपाल की जगह संजीव सिंह होंगे बसपा प्रत्याशी: विधायक से सीधा सवाल पूछा गया था कि कुछ समय पहले तक वे निर्धारित चुनाव लड़ने जा रहे थे और अब बसपा में शामिल हो चुके हैं, तब क्या इस बात की पुष्टि है कि अब वे बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. खासकर तब जब बहुजन समाजवादी पार्टी पहले ही रक्षपाल सिंह को भिंड से प्रत्याशी घोषित कर चुकी है? इस बात का जवाब देते हुए आप विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि "जैसा कि मैंने पहले ही कहा बहन मायावती ने अपना आशीर्वाद दे दिया है और बहुत जल्द ही सबके बीच में बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में दिखाई दूंगा."

विधायक बोले- 'मेरा चिन्ह वही, रिजल्ट भी पहले की तरह रहेगा: इस बार दो पुराने कट्टर विरोधी भारतीय जनता पार्टी से नरेन्द्र सिंह कुशवाह और कांग्रेस ने पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी आमने सामने चुनाव में उतर चुके हैं. इस बीच एक बार फिर विधायक संगीत सिंह कुशवाह कि भाजपा से एंट्री होना मुक़ाबले को और दिलचस्प बना रहा है जब यह सवाल हमने विधायक से पूछताछ की 2018 की तरह ही एक बार फिर अगर आप चुनाव लड़ने जा रहे हैं तो एक बार फिर उन्हीं चेहरों के बीच त्रिकोणीय मुक़ाबला होगा इस बात अगर विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि आप ध्यान से देखिए इस चुनाव में भी सिर्फ़ मेरा चिन्ह नहीं बदला है बाक़ी दोनों के चुनाव चिन्ह बदल गए हैं तो इस बार भी रिज़ल्ट नहीं बदलेगा पहले की तरह ही रिज़ल्ट सामने आएगा और इस बार उनके वोट और भी बढ़ेंगे लेकिन विरोधियों में संघर्ष और अस्तित्व की लड़ाई होगी.

भिंड में रोचक हुआ मुकाबला

MP Chunav 2023: संजीव सिंह कुशवाह मध्यप्रदेश में 15वीं विधानसभा के उन दो सदस्यों में से थे जो बसपा से जीत कर आये थे, लेकिन करीब एक साल पहले अचानक बागी हुए और बीजेपी में पहुंच गए. तकनीकी बारीकियों के चलते दलबदल के बावजूद विधायकी भी बची रही, लेकिन जैसे ही 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए भिंड के बीजेपी प्रत्याशी का नाम घोषित हुआ तो कई चेहरे मुरझा गए. विधायक संजीव समेत उनके कई कार्यकर्ता थे, जो इस बात से आहत थे कि सिटिंग विधायक का नाम ही बीजेपी ने चुनाव से बाहर कर दिया. खुद को ठगा सा महसूस करते हुए विधायक संजीव सिंह ने भी बगावत कर दी, यहां तक कि वे निर्दलीय तक लड़ने को तैयार थे, लेकिन अचानक गुरुवार शाम उनकी घर वापसी हो गई. बीजेपी नहीं बल्कि एक बार फिर वे बसपा में शामिल होकर हाथी का टिकट ले ही आए.

बसपा से पहले विधायक चुने गये थे संजीव सिंह: ईटीवी भारत से खास बातचीत में संजीव सिंह ने बसपा से बीजेपी में शामिल होना और फिर बगावत करने के एक साल बाद इस तरीके का फैसला लेने के बारे में बताया. विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा बीजेपी ने तो उन्हें 2013 में ही परिवार से बाहर कर दिया था, इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें सराहा और विधानसभा का टिकट दोनों ही दिये. लेकिन वे कम अंतर से चुनाव हारे, इसके बाद 5 सालों तक लगातार क्षेत्र में जनता के बीच मेहनत की, 2018 में एक बार फिर बसपा ने भरोसा किया उसका नतीजा भी मिला कि पहली बार भिंड विधानसभा में बहुजन समाजवादी पार्टी का विधायक चुना गया, वह भी बड़े अंतर के साथ.

वादा कर बीजेपी ने किया विश्वासघात: संजीव सिंह ने बताया कि विधायक बनने के बाद भी वे भिंड विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए लड़ते रहे चाहे कमलनाथ की सरकार रही या भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी मेहनत भिंड की जनता के विकास के लिए की साल भर पहले जब नगरीय निकाय चुनाव हुए तो भारतीय जनता पार्टी ने इस क्षेत्र में अव्यवस्थाओं को देखते हुए उन्हें बुलाया था के वे भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करें और क्षेत्र में उनका नगरपालिका अध्यक्ष बनवाए विधायक ने बनाया उन्होंने शर्त रखी थी कि उनका एकमात्र उद्देश्य चुनाव लड़ना था जिस पर उन्हें भरोसा भी दिलाया गया था पार्टी में शामिल होने के साथ साथ उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट भी दिया जाएगा. विधायक संजीव सिंह का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की बात और विश्वास में आकर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी लेकिन उन लोगों ने अपना वादा पूरा न करते हुए विश्वासघात किया क्योंकि वे बहुजन समाजवादी पार्टी से चुने गए थे यदि उन्हें टिकट नहीं देना था तो फिर वादा भी नहीं चाहिए था.

मायावती ने गलती माफ़ कर आशीर्वाद में दिया टिकट: विधायक का कहना है कि BJP की वादाखिलाफी की वजह से न सिर्फ उन्हें दुख हुआ, बल्कि उनके समर्थक 70 हजार वोटर खासकर वो 60 हजार बहनें जिन्होंने विधायक को राखी बांधी थी और वह युवा साथी और बुजुर्ग जो उन्हें अपना मानते थे उन्हें गहरा आघात पहुंचा होगा. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि "संजू तुम्हें चुनाव लड़ना है चाहे निर्दलीय ही क्यों ना लड़ो" उनके इस विश्वास के चलते ही दोबारा चुनाव लड़ने का फैसला लिया और इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी उन्हें भारतीय जनता पार्टी में जाने की गलती को माफ कर दिया और एक बार फिर उन पर विश्वास जताया.

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रक्षपाल की जगह संजीव सिंह होंगे बसपा प्रत्याशी: विधायक से सीधा सवाल पूछा गया था कि कुछ समय पहले तक वे निर्धारित चुनाव लड़ने जा रहे थे और अब बसपा में शामिल हो चुके हैं, तब क्या इस बात की पुष्टि है कि अब वे बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. खासकर तब जब बहुजन समाजवादी पार्टी पहले ही रक्षपाल सिंह को भिंड से प्रत्याशी घोषित कर चुकी है? इस बात का जवाब देते हुए आप विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि "जैसा कि मैंने पहले ही कहा बहन मायावती ने अपना आशीर्वाद दे दिया है और बहुत जल्द ही सबके बीच में बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में दिखाई दूंगा."

विधायक बोले- 'मेरा चिन्ह वही, रिजल्ट भी पहले की तरह रहेगा: इस बार दो पुराने कट्टर विरोधी भारतीय जनता पार्टी से नरेन्द्र सिंह कुशवाह और कांग्रेस ने पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी आमने सामने चुनाव में उतर चुके हैं. इस बीच एक बार फिर विधायक संगीत सिंह कुशवाह कि भाजपा से एंट्री होना मुक़ाबले को और दिलचस्प बना रहा है जब यह सवाल हमने विधायक से पूछताछ की 2018 की तरह ही एक बार फिर अगर आप चुनाव लड़ने जा रहे हैं तो एक बार फिर उन्हीं चेहरों के बीच त्रिकोणीय मुक़ाबला होगा इस बात अगर विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि आप ध्यान से देखिए इस चुनाव में भी सिर्फ़ मेरा चिन्ह नहीं बदला है बाक़ी दोनों के चुनाव चिन्ह बदल गए हैं तो इस बार भी रिज़ल्ट नहीं बदलेगा पहले की तरह ही रिज़ल्ट सामने आएगा और इस बार उनके वोट और भी बढ़ेंगे लेकिन विरोधियों में संघर्ष और अस्तित्व की लड़ाई होगी.

Last Updated : Oct 27, 2023, 9:40 AM IST
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