भिंड। रसोई गैस सिलेंडर के दामों में एक बार फिर ₹50 का इजाफा हो गया है. इसके साथ ही भिंड में सिलेंडर की कीमत अब 850 रुपये 5 पैसे हो चुकी है. लगातार बढ़ रही कीमतों का सबसे ज्यादा असर घर की रसोई पर होता है. ऐसे में गैस सिलेंडर की बढ़ी कीमतों पर महिलाओं ने ईटीवी भारत पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
रसोई गैस की बढ़ी कीमतों पर महिलाओं की प्रतिक्रिया
घरेलू गैस सिलेंडर के दाम ₹50 बढ़ चुके हैं. सोमवार से नई कीमत भी लागू हो चुकी है ऐसे में अब भिंड जिले में नया भरा हुआ सिलेंडर हो या रिफिल उपभोक्ताओं को कीमत ₹850.05 चुकानी होगी. गैस कीमतों में इजाफे पर सबसे ज्यादा असर घर की रसोई और उसे संभालने वाली महिलाओं पर पड़ता है. ईटीवी भारत ने जब भिंड की महिलाओं से बढ़ी हुई गैस कीमतों पर चर्चा की तो उन्होंने सरकार के इस फैसले पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि सरकार अब मनमानी पर उतर आई है. वह करना क्या चाहते हैं यह हम समझ नहीं पा रहा. बार-बार रसोई गैस की कीमतें बढ़ाती जा रही है, ऐसे में गरीब और मजदूर वर्ग के लिए वह वक्त ज्यादा दूर नहीं जब वे सिलेंडर खरीदना छोड़ देंगे, क्योंकि उनके सामने इस बात की चुनौती खड़ी हो गई है, कि वह मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पाले या रसोई गैस के लिए सिलेंडर खरीदें.
मोदी सरकार में दोगुनी हुई सिलेंडर की कीमत
महिलाओं का कहना है कि पिछले 6 सालों में सरकार ने धीरे-धीरे कीमत बढ़ाकर गैस सिलेंडर के दाम आज दोगुने कर दिए हैं. कहने को सरकार ने महिलाओं को धुआं रहित वातावरण देने के लिए उज्ज्वला योजना चलाई, लेकिन जब गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होगी तो इस महंगाई के दौर में सिलेंडर कैसे खरीदेंगे. भिंड में तो आलम यह है कि उज्जवला योजना के नाम पर भी उनसे पैसे की वसूली की जा रही है, जबकि यह योजना महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मुहैया कराए जाने की थी. सब्सिडी के नाम पर भी महिलाओं के साथ ठगी हो रही है.
भिंड में सिलेंडर पर हो रही अवैध वसूली
महिलाओं से सिलेंडर की कीमतों पर बात करते हुए ईटीवी भारत को पता चला कि भिंड शहर में गैस कंपनियों के कर्मचारी घरेलू गैस सिलेंडर घर तक पहुंचाने पर अवैध वसूली भी कर रहे हैं. वे डिलीवरी चार्ज के नाम पर 30 से ₹50 तक की कीमत उपभोक्ता से वसूलते हैं. जबकि नियमानुसार गैस सिलेंडर की रसीद पर डिलीवरी चार्ज पहले ही जुड़ा होता है ऐसे में यदि कोई व्यक्ति खुद से जाकर सिलेंडर लेता है तो तय कीमत में डिलीवरी चार्ज भी कम कर दिया जाता है. लेकिन भिंड में गैस एजेंसियों के कर्मचारी सिलेंडर के बदले अवैध रूप से पैसा वसूल कर रहे हैं, जिसकी वजह से ₹850 कीमत के बाद भी यहां सिलेंडर ₹900 में मिल रहा है.
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बाबा आदम के जमाने में धकेलने की तैयारी
महिलाओं का कहना है कि सिलेंडर की बढ़ी कीमतों की वजह से एक बार फिर बरसों पुराने हालात बन रहे हैं. महिलाओं को गैस सिलेंडर छोड़कर एक बार फिर चूल्हे का रुख़ करना पड़ेगा, लेकिन मुसीबत इस बात की है कि अब लकड़ी भी पहले की तरह मिलती नहीं है, ऊपर से सिलेंडर अब ₹850 में मिलेगा. जिस कोरोना काल में सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं लोगों की नौकरियां गई है. मजदूरों को अपने परिवार का पेट पालना तक मुहाल हो गया, ऐसे में वे कैसे अपने बच्चों का पेट भरे उनका घर का बजट तो पहले से ही बिगड़ा हुआ है.
सब्सिडी के बजाय छूट देने की अपील
महिलाओं ने सरकार से अपील की है कि 50-50 रुपये कर बढ़ाने की जगह सरकार को चाहिए कि बजाय सिलेंडर के दामों पर छूट दे. लोगों को सब्सिडी का पैसा पहले ही घटा कर सिलेंडर उपलब्ध कराया जाए, जिससे कुछ हद तक उन्हें अपना घर चलाने में भी आसानी होगी.