भिंड। पर्यावरण को बचाने के लिए मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chohan) भले ही प्रतिदिन एक पेड़ लगाने की बात कहते हैं, लेकिन भिंड में गौरी सरोवर के सौंदर्यीकरण के नाम पर नगर निगम का अमला कई जगह मनमानी कर रहा है. आलम यह है कि हरे-भरे पेड़ों की भी कटाई की जा रही है, वर्षों पुराने पेड़ काटने से व्यथित पर्यावरण (environment) प्रेमी स्थानीय लोग, समाज सेवी और स्कूली छात्र-छात्राएं पेड़ों को बचाने के लिए आंदोलनरत हैं. बावजूद इसके जिला प्रशासन अपनी मनमानी के आगे संवेदनहीन नजर आ रहा है.
इंतजार कराया फिर मिलने भी नहीं आए: गुरुवार सुबह 7 बजे से कई स्कूली छात्राएं समाजसेवियों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच कर धरने पर बैठे. इस दौरान आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देना चाहा, लेकिन प्रशासन की बेरुखी के चलते जमकर हंगामा हुआ. स्कूली बच्चियां और कुछ समाजसेवी इस धरने के दौरान बीमार हुए, घंटो इंतजार कराने के बाद भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी. कलेक्टर के कहने पर 5 बच्चियां पुलिस के साथ कलेक्टर चैंबर तक पहुंचीं, लेकिन बिना कुछ सुने उन्हें वापस बाहर निकाल दिया गया.
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गेट पर ज्ञापन चस्पा : कलेक्टर के इस रवैये से नाराज समाजसेवी और छात्राओं ने कलेक्टर को चूड़ियां भेंट कर उनके व्यवहार की निंदा की. कलेक्टर सतीश कुमार एस की जिद्द के चलते कलेकट्रेट में 5 से 6 घंटे हंगामा चलता रहा, वे ऑफिस में होने के बाद भी ज्ञापन लेने अपने चैंबर से बाहर नहीं निकले. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने कलेक्टर की असंवेदनशीलता देख नाराज होकर कलेक्टर कार्यालय के गेट पर ज्ञापन चस्पा कर दिया.
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मामा से भांजियों की अपील: प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने "मामा" शिवराज सिंह चौहान से अपील की. उन्होंने कहा कि, जब मुख्यमंत्री हर रोज पेड़ लगाने की सलाह देते हैं और खुद पेड़ लगाते हैं, तो भिंड कलेक्टर की देखरेख में गौरी सरोवर पर हज़ारों पेड़ क्यों काटे जा रहे हैं. छात्राओं के मुताबिक, मामा शिवराज द्वारा पेड़ लगाना व्यर्थ है. छात्राओं ने कहा ऐसे कलेक्टर नहीं चाहिए जिनके पास अपनी जनता से मिलने के लिए समय ना हो.