भिंड। पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह प्रदेश में हो रहे मनरेगा के कामों पर शिवराज सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मनरेगा के जरिए बीजेपी सरकार मजदूरों की बजाय अपने संभावित प्रत्याशियों और पार्टी को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि मनरेगा के कामों में जमकर घोटाले किए जा रहे हैं. जिससे उस पैसे का इस्तेमाल बाद में उपचुनाव के दौरान किया जा सके. शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनते ही उनके बंगले से भ्रष्टाचार की गंगोत्री निकलने लगती है.
24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के पर गोविंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही बेहतर प्रदर्शन का प्रयास कर रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में डॉक्टर गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब-जब शिवराज सिंह चौहान सत्ता संभालते हैं. तब तक उनके श्यामला हिल्स स्थित बंगले से भ्रष्टाचार की गंगोत्री तेजी से बहने लगती है. सरकार ने कर्ज लेकर पैसा इकट्ठा करने का विचार बना लिया है. सरकारी कर्मचारियों के वेतन काटे जा रहे हैं. वेतन वृद्धि रोकी जा रही है और कहा जा रहा है कि सरकार के पास पैसा कम है लेकिन जिन क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं वहां अपने उम्मीदवारों के लिए मनरेगा कार्यों के नाम पर जमकर भुगतान हो रहा है. पूर्व मंत्री डॉक्टर ने मनरेगा कार्यों को लेकर शिवराज सरकार पर जमकर आरोपों की झड़ी लगाई. गोविंद सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार द्वारा 2 महीने के अंदर 116 करोड़ से ज्यादा के मनरेगा कार्यों का भुगतान भिंड जिले में किया गया है. लेकिन ज्यादातर पंचायतों में कार्य अधूरे है.
मनरेगा के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार
गोविंद सिंह ने कहा कि मनरेगा के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. बाहर से आए मजदूरों के पंजीयन नहीं कराए जा रहे. बमुश्किल 10% मजदूरों के ही नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं. क्योंकि अगर पंजीयन हो गया तो उन्हें भुगतान भी करना पड़ेगा. इसलिए मस्टर रोल पर फर्जी तरीके से मजदूरों के नाम चढ़ाए गए और उनसे रुपए की निकासी हुई कई ऐसे लोग थे जो भिंड जिले से बाहर चले गए हैं या उनकी मृत्यु हो गई है. ऐसे लोगों के नाम पर भी भुगतान निकाला गया है 'संभावित प्रत्याशियों के इशारों पर बांटे जा रहे काम'वही डॉक्टर गोविंद सिंह का यह भी कहना है कि पूरा भ्रष्टाचार बीजेपी ने खासकर उपचुनाव जिन क्षेत्रों में है वहां अपने संभावित प्रत्याशियों के इशारों पर डेढ़ डेढ़ सौ मनरेगा काम बांटे जा रहे है और बिना काम किए फर्जी तरीके से भुगतान कर पैसा इकट्ठा किया है. जिससे कि उपचुनाव के दौरान उस पैसे का इस्तेमाल किया जा सके इस बात को लेकर जांच के लिए एक चिट्ठी मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भी दी गई है.