भिंड। बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और शहर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ती जी रही है. शहर भर में लगे ट्रांसफार्मर जगह-जगह खुले पड़े हैं, जिनसे लटकते तार बरसात में हादसों को खुला न्योता दे रहे हैं.
मानसून से पहले भिंड नगरपालिका ने नाला सफाई अभियान को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन शुक्रवार को हुई करीब 3 घंटे की बारिश ने नगरपालिका के सारे दावे खोखले साबित कर दिए. स्थिति यह रही कि तेज बारिश की वजह से शहर भर में जगह-जगह जलभराव हो गया क्योंकि आज भी नालों और सड़कों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जब इसको लेकर नगर पालिका सीएमओ से बात की गई तो उनका कहना था किस शहर में सभी नाले साफ हैं और कहीं कोई दिक्कत नहीं है.
अस्पतालों में उमड़ रही मरीजों की भीड़
बात अगर स्वास्थ्य विभाग की करें तो 14 मरीजों के बेड वाले जिला अस्पताल में इन दिनों बेड से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं. जिला अस्पताल पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में मरीजों की संख्या में इजाफा एक बड़ी समस्या है. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है कि नगरपालिका की लापरवाही जिला अस्पताल पर भारी पड़ रही है, क्योंकि मरीजों की आंकड़ों में रोजाना 40 फ़ीसदी से ज्यादा मरीज उल्टी दस्त जैसी बीमारियों की वजह से भर्ती हो रहे हैं.
बिजली विभाग की लापरवाही
शहर के कई इलाकों में झूलते बिजली के तार और खुले पड़े ट्रांसफार्मर हादसों को न्योता दे रहे हैं. बिजली विभाग की लापरवाही के कारण कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है. बताया जा रहा है कि मानसून से पहले किए गए मेंटेनेंस वर्क के बाद बिजली विभाग ने लापरवाही बरतते हुए, ज्यादातर ट्रांसफार्मर बॉक्स खुले छोड़ दिए हैं. ऐसे में बारिश का मौसम होने से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.