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किसान संघर्ष समिति ने दी सरकार को चेतावनी, उपचुनाव से पहले करें कर्जमाफी - किसान संघर्ष समिति भिंड

फसल खरीदी केंद्रों पर हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर मध्यप्रदेश किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजीव बरूआ ने किसानों की समस्याओं के शीघ्र निराकरण की मांग की है.

corruption in procurement centers
फसल खरीदी केंद्रों पर भ्रष्टाचार
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Published : May 24, 2020, 8:55 PM IST

भिंड। जिले के साथ ही मध्य प्रदेश में किसानों के साथ सरकार द्वारा दोहरा व्यवहार और फसल खरीदी केंद्रों पर हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर मध्यप्रदेश किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजीव बरूआ ने प्रेस कॉफ्रेंस कर अपनी मांगें रखी. साथ ही उन्होंने किसानों की समस्याओं के शीघ्र निराकरण की मांग की है. इस दौरान फसल खरीदी केंद्रों पर किए जा रहे भ्रष्टाचार का मामला भी उठाया है. वहीं उन्होंने उप चुनाव से पहले ऋण माफी नहीं करने पर इसका खामियाजा भुगतने की चेतावनी भाजपा सरकार को दी है.

फसल खरीदी केंद्रों पर भ्रष्टाचार

दरअसल प्रदेश भर में इन दिनों खरीदी केंद्रों पर गेहूं और सरसों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है. लेकिन कोरोना के चलते बेहद कम किसानों को एसएमएस भेजे जा रहे हैं. साथ ही उनकी उपज का बहुत ही कम हिस्सा खरीदा जा रहा है. इसके चलते किसान बेहद परेशान हैं. खरीदी केंद्र पर तमाम अनियमितताएं और भ्रष्टाचार किया जा रहा है. इसके संबंध में मध्यप्रदेश किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजीव बरूआ ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी की शुरुआत भी की थी. लेकिन सभी किसानों को अभी तक उसका लाभ नहीं मिल सका है. वर्तमान में शिवराज सरकार जल्द से जल्द ये लाभ किसानों को पहुंचाए.

उन्होंने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया तो आगामी उपचुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. इसके साथ ही फसल खरीद केंद्रों पर चल रहे भारी भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाते हुए कहा कि खरीद केंद्रों पर सैंपल के नाम पर तीन से 10 किलो तक किसानों का अनाज व्यापारियों द्वारा लिया जा रहा है.

भिंड। जिले के साथ ही मध्य प्रदेश में किसानों के साथ सरकार द्वारा दोहरा व्यवहार और फसल खरीदी केंद्रों पर हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर मध्यप्रदेश किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजीव बरूआ ने प्रेस कॉफ्रेंस कर अपनी मांगें रखी. साथ ही उन्होंने किसानों की समस्याओं के शीघ्र निराकरण की मांग की है. इस दौरान फसल खरीदी केंद्रों पर किए जा रहे भ्रष्टाचार का मामला भी उठाया है. वहीं उन्होंने उप चुनाव से पहले ऋण माफी नहीं करने पर इसका खामियाजा भुगतने की चेतावनी भाजपा सरकार को दी है.

फसल खरीदी केंद्रों पर भ्रष्टाचार

दरअसल प्रदेश भर में इन दिनों खरीदी केंद्रों पर गेहूं और सरसों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है. लेकिन कोरोना के चलते बेहद कम किसानों को एसएमएस भेजे जा रहे हैं. साथ ही उनकी उपज का बहुत ही कम हिस्सा खरीदा जा रहा है. इसके चलते किसान बेहद परेशान हैं. खरीदी केंद्र पर तमाम अनियमितताएं और भ्रष्टाचार किया जा रहा है. इसके संबंध में मध्यप्रदेश किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजीव बरूआ ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी की शुरुआत भी की थी. लेकिन सभी किसानों को अभी तक उसका लाभ नहीं मिल सका है. वर्तमान में शिवराज सरकार जल्द से जल्द ये लाभ किसानों को पहुंचाए.

उन्होंने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया तो आगामी उपचुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. इसके साथ ही फसल खरीद केंद्रों पर चल रहे भारी भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाते हुए कहा कि खरीद केंद्रों पर सैंपल के नाम पर तीन से 10 किलो तक किसानों का अनाज व्यापारियों द्वारा लिया जा रहा है.

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