भिंड। पूर्व कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे (Hemant Katare) ने भिंड जिले में हो रहे तबादलों (Transfers) में घोटाले का आरोप लगाया है. हेमंत कटारे ने जिला शिक्षा विभाग (District Education Department) और जिला पंचायत (District Panchayat) के अंतर्गत शिक्षकों और ग्राम सचिवों के तबादलों में अनियमितताओं का आरोप लगाया है और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. हेमंत कटारे से पहले पूर्व मंत्री चौधरी राकेश चतुर्वेदी (Chaudhary Rakesh Chaturvedi) और लहार विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह (Govind Singh) भी तबादलों में धांधली का आरोप लगा चुके हैं.
‘कलेक्टरी छोड़ चाट का ठेला लगाएं’
तबादलों में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए पूर्व कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने कलेक्टर पर भी तंज कसा. कटारे ने कहा कि "कलेक्टर कह रहे हैं कि उनका फोन DEO द्वारा नहीं उठाया जाता है. इतनी सारी अनियमितताएं उनके सामने चल रही है, तो मुझे लगता है कि कलेक्टर साहब को कलेक्टरी छोड़ कर चाट का ठेला लगाना चाहिए. वह काम भी छोटा नहीं है."
पटवारियों के ट्रांसफर में धांधली का आरोप
हेमंत कटारे ने कहा कि 9 सितम्बर के दिन भी पटवारियों के तबादले की एक सूची जारी हुई है, जबकि 31 अगस्त से तबादलों पर रोक लग चुकी है. ऐसे में आधिकारिक किस अधिकार से ये तबादले कर रहे हैं. कटारे ने तबादला नीति के एक और नियम का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने अपनी ट्रांसफर नीति में जिले में सिर्फ 10% का ही तबादला करन का पैमाना तय किया था. भिंड जिले में लगभग 480 पटवारी है लेकिन जिले में 54 पटवारियों का तबादला कर दिया गया."
रोक के बाद भी सचिवों को एक से ज्यादा पंचायत के प्रभार
हेमंत कटारे ने 2017 में ग्रामीण पंचायत मंत्रालय के एक आदेश का उल्लेख करते हुए बताया कि साल 2107 में ही तत्कालीन एसीएस ने ग्राम सचिवों को एक से ज्यादा पंचायतों के प्रभार देने पर रोक लगा दी थी, लेकिन भिंड जिले में कई पटवारी ऐसे हैं जिन्हें चार-चार पंचायतों का प्रभार है. कई के पास तीन और कई के पास दो-दो पंचायतों का प्रभार है.
शिक्षा विभाग में भी जमकर धांधली
शिक्षा विभाग में हुए ट्रांसफर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में तबादलों में कई तरीके से धांधली की गई. ट्रांसफर में न तो संख्या के हिसाब से तबादला हुआ ना ही प्रतिशत का ध्यान रखा गया. दिव्यांग शिक्षकों के तबादले किए गए जिसपर पूर्णता मनाही थी. कई स्कूलों को शिक्षक विहीन कर दिया. पूर्व विधायक ने डीईओ हरभवन सिंह तोमर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि इन तबादलों के नाम पर DEO ने सिर्फ यह देखा के कहाँं से पैसा आ रहा है.