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कोटा बैराज-गांधी सागर डैम से 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाढ़ जैसे हालात

राजस्थान के कोटा बैराज डैम से 6 लाख क्यूसेक और गांधी सागर डैम से 16 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से भिंड की अटेर तहसील में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.

भिंड की अटेर तहसील में बाढ़ जैसे हालात
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Published : Sep 15, 2019, 10:57 PM IST

भिंड। चंबल नदी के मुहाने पर बसे भिंड जिले में अब तक औसत से भी कम बारिश हुई है. बावजूद जिले की अटेर तहसील में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. आप सोच रहे होंगे कि ये पानी भारी बारिश का है, लेकिन ये सच्चाई नहीं है. वास्तव में देखा जाए तो अटेर में पानी की पीछे चंबल नदी है, जिसका जलस्तर बढ़ता जा रहा है क्योंकि चंबल नदी में राजस्थान से पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे अटेर में बाढ़ जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं.

दो बांधों द्वारा पानी छोड़े जाने से अटेर में बाढ़ जैले हालात

ग्रामीणों का कहना है कि राजस्थान से छोड़े जा रहे पानी से गांव में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं. हालांकि, खतरा तो नहीं है. एसपी रुडोल्फ अल्वारेस ने बताया कि गांव में राहत एवं बचाव कार्य के लिए पुलिस की तरफ से 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को लगाया गया है. कलेक्टर छोटे सिंह ने बताया कि रेस्क्यू के लिए यहां आर्मी पहुंचने वाली है. हमारे पास जो टीम है, उसकी मदद से महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए काम पर लगा दिया गया है.

कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीणों को समझाइश दी गई है कि रात 12 बजे तक ये गांव डूब में आ जाएंगे. इसलिए सभी ग्रामीणों को बाहर निकाला जा रहा है. राजस्थान के कोटा बैराज डैम से 6 लाख क्यूसेक और गांधी सागर डैम से 16 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.

अटेर इलाके के चंबल नदी किनारे बसे गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इन सभी गांवों का जिला मुख्यालय भिंड से पूरी तरह संपर्क टूट गया है. वहीं जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी होमगार्ड रेस्क्यू टीमों के साथ मौके पर मौजूद हैं और हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं.

पुलिस और रेस्कूय टीम बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को निकालने और गांव खाली कराने के काम में लगी है. बताया जा रहा है कि देर रात तक चंबल नदी में और ज्यादा पानी आने की संभावना है, ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए करीब आधा सैकड़ा आर्मी जवानों को भी बुलाया गया है.

भिंड। चंबल नदी के मुहाने पर बसे भिंड जिले में अब तक औसत से भी कम बारिश हुई है. बावजूद जिले की अटेर तहसील में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. आप सोच रहे होंगे कि ये पानी भारी बारिश का है, लेकिन ये सच्चाई नहीं है. वास्तव में देखा जाए तो अटेर में पानी की पीछे चंबल नदी है, जिसका जलस्तर बढ़ता जा रहा है क्योंकि चंबल नदी में राजस्थान से पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे अटेर में बाढ़ जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं.

दो बांधों द्वारा पानी छोड़े जाने से अटेर में बाढ़ जैले हालात

ग्रामीणों का कहना है कि राजस्थान से छोड़े जा रहे पानी से गांव में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं. हालांकि, खतरा तो नहीं है. एसपी रुडोल्फ अल्वारेस ने बताया कि गांव में राहत एवं बचाव कार्य के लिए पुलिस की तरफ से 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को लगाया गया है. कलेक्टर छोटे सिंह ने बताया कि रेस्क्यू के लिए यहां आर्मी पहुंचने वाली है. हमारे पास जो टीम है, उसकी मदद से महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए काम पर लगा दिया गया है.

कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीणों को समझाइश दी गई है कि रात 12 बजे तक ये गांव डूब में आ जाएंगे. इसलिए सभी ग्रामीणों को बाहर निकाला जा रहा है. राजस्थान के कोटा बैराज डैम से 6 लाख क्यूसेक और गांधी सागर डैम से 16 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.

अटेर इलाके के चंबल नदी किनारे बसे गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इन सभी गांवों का जिला मुख्यालय भिंड से पूरी तरह संपर्क टूट गया है. वहीं जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी होमगार्ड रेस्क्यू टीमों के साथ मौके पर मौजूद हैं और हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं.

पुलिस और रेस्कूय टीम बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को निकालने और गांव खाली कराने के काम में लगी है. बताया जा रहा है कि देर रात तक चंबल नदी में और ज्यादा पानी आने की संभावना है, ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए करीब आधा सैकड़ा आर्मी जवानों को भी बुलाया गया है.

Intro:राजस्थान के कोटा बैराज डैम से 600000 क्यूसेक और गांधी सागर डैम से 1600000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पंडित जिले में बाढ़ के हालात बन गए हैं अटेर इलाके के चंबल किनारे बसे एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं इन सभी गांव का जिला मुख्यालय भिंड से पूरी तरह संपर्क टूट चुका है वहीं जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी होमगार्ड रेस्क्यू टीमों के साथ मौके पर मौजूद हैं जो लगातार बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को निकालने और गांव खाली कराने का काम कर रहे हैं बताया जा रहा है कि देर रात तक चंबल नदी में और ज्यादा पानी आने की संभावना है ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए करीब आधा सैकड़ा आर्मी जवानों को भी बुलाया गया है


Body:दर्शन भिंड जिला अब तक अपनी औसत बारिश से काफी पीछे है बावजूद इसके जिले में अटेर इलाके में बाढ़ के हालात बने हुए हैं जिसका कारण चंबल नदी का जलस्तर बढ़ना है यह पानी राजस्थान से चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है बुधवार को राजस्थान के कोटा बैराज से 600000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिसका असर गुरुवार को अटेर इलाके में दिखाई दिया जहां चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है और करीब 8 गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं इसी बीच गांधी सागर डैम से भी 1600000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जिससे करीब दर्जन भर गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं अटेर के हालातों को देखते हुए जिला कलेक्टर एसपी समेत तमाम आला अधिकारी इलाके में मौजूद हैं और लगातार होमगार्ड गैस की टीमों की मदद से लोगों को डूब प्रभावित इलाकों से नाव के जरिए निकाला जा रहा है इसके साथ ही लगातार गांव गांव पहुंच अधिकारी लोगों तक मदद भी पहुंचा रहे हैं साथ ही गांव खाली करने की अपील भी कर रहे हैं इसके साथ ही रेस्क्यू किए गए लोगों के लिए जिला प्रशासन ने राहत शिविर बनाए हैं जहां उनके रहने और खाने-पीने का इंतजाम किया गया है




Conclusion:बता दें कि राजस्थान के गांधी सागर डैम से भी शाम तक 16 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जिसके चलते रात के समय हालत और गंभीर होने की संभावना है इन परिस्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन ने करीब आधा सैकड़ा आर्मी जवानों को भी मदद के लिए अटेर बुलाया है जो तेजी से बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को रेस्क्यू करने में मदद करेंगे

बाइट- ग्रामीण
बाइट - ग्रामीण
बाइट- ग्रामीण
बाइट- रुडोल्फ अल्वारेस, एसपी, भिंड
बाइट- छोटे सिंह, कलेक्टर, भिंड


ptc- पीयूष श्रीवास्तव, संवाददाता
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