भिंड। सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए रबी की फसलें खरीदने फसल मंडियां तो खुलवा दीं लेकिन इन फसल मंडियों में काम करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर लंबे समय से वेतन न मिलने से हड़ताल पर चले गए हैं. जिसके चलते मंडी का कामकाज ठप हो गया है. इन कंप्यूटर ऑपरेटरों ने मंगलवार को भिंड कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.
दरअसल किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी करने के लिए सरकार के निर्देश पर नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा सोसाइटी गठित की गई है. लेकिन विभाग की उदासीनता के चलते सोसाइटियों को समय पर पेमेंट नहीं किया जा रहा. जिसकी वजह से उपार्जन केंद्रों पर काम करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटरों को समय से वेतन नहीं मिल पा रहा है. इन कंप्यूटर ऑपरेटरों ने अपनी इस समस्या को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी है. ऑपरेटरों का आरोप है कि रबी और खरीफ की फसलों के लिए उन्हें 3 महीने की टेंपरेरी नौकरी पर रखा जाता है. इस दौरान फसलों की खरीदी और पंजीयन का काम उनके ऊपर होता है, लेकिन नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा उनका दो 2 साल का पेमेंट रोक दिया गया है. ऐसे में उनके लिए जीवन यापन की समस्या खड़ी है.
ऑपरेटरों का कहना है कि कई बार सोसाइटी हमें थोड़ा बहुत पैसा दे देती है लेकिन नागरिक आपूर्ति विभाग जब सोसायटियों को पैसा नहीं देगा तो उनका वेतन भी रुक जाता है. ऐसे में जब तक उनका पुराना पूरा वेतन क्लियर नहीं होता तब तक वह हड़ताल जारी रखेंगे. इसी को लेकर आज इन कंप्यूटर ऑपरेटरों ने भिंड कलेक्टर के नाम एडीएम अनिल चंदेल को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्या से अवगत कराया है. वहीं एडीएम का कहना है कि इस ज्ञापन को संबंधित विभाग तक भेज रहे हैं. जिससे कि ऑपरेटर की समस्या का जल्द से जल्द समाधान होकर उन्हें पेमेंट किया जा सके और फसल खरीदी पर इसका कोई प्रभाव ना पड़े.
बता दें कि कोरोना काल में कई किसानों की सरसों और गेहूं की फसलें पहले ही बर्बाद हो चुकी है. सरकार ने लॉकडाउन में रियायत देकर किसानों को अपनी रबी की फसल बेचने के लिए सोसायटियों को निर्देश दिए हैं. जिसके लिए भिंड में 42 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं, यदि इन कंप्यूटर ऑपरेटरों की हड़ताल जारी रही तो मंडियों में खरीद का काम भी ठप रहेगा.