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MP बजट पर अधिवक्ताओं की मिलीजुली प्रतिक्रिया

मंगलवार को पेश हुए बजट को लेकर अधिवक्ताओं ने अपने विचार रखे. भिंड कोर्ट में अधिवक्ताओं ने प्रदेश के बजट को लेकर मिली जूली प्रतिक्रियाएं दी है.

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Published : Mar 3, 2021, 3:08 AM IST

Composite response from advocates on MP budget
अधिवक्ताओं की मिलीजुली प्रतिक्रिया

भिंड। मध्यप्रदेश के बजट से जनता को काफी उम्मीदें थी लेकिन जब प्रदेश के विधानसभा सदन में बजट पेश हुआ तो सभी वर्गों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. प्रदेश के बजट को लेकर अधिवक्ताओं ने ईटीवी भारत से बातचीत की और अपने विचार रखे. भिंड कोर्ट में अधिवक्ताओं ने प्रदेश के बजट को लेकर मिली जूली प्रतिक्रियाएं दी है. कुछ वकीलों ने इस बजट का स्वागत किया तो कुछ ने इसे बीजेपी का बजट बताया.

बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया

भिंड न्यायालय में अधिवक्ताओं ने बजट पेश होने के बाद इस बजट की तारीफ़ करते हुए अधिवक्ताओं का कहना था कि इस बार का Budget वाकई बहुत अच्छा है. मुख्यमंत्री जन हितैषी, बचत मध्य प्रदेश की जनता को दिया है. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र की बात करते हुए कहा कि इस बार 15 सौ करोड़ का बजट स्कूल व्यवस्था में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. साथ ही नौ नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने को लेकर कहा कि अब प्रदेश के बच्चे ज़्यादा से ज़्यादा डॉक्टर बन सकेंगे. साथ ही नए टैक्स प्रदेश की जनता पर न लगाने के लिए भी उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने जनता के हितों का ध्यान रखते हुए इस बार कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया है. जिससे कि आम आदमी को महंगाई में राहत मिलेगी.

MP बजट पर अधिवक्ताओं की मिलीजुली प्रतिक्रिया
तीर्थ दर्शन योजना का स्वागत

वहीं कांग्रेस सरकार के दौरान पूर्व की शिवराज सरकार द्वारा चलायी जा रही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को बंद करने के बाद एक बार फिर इस बजट में दोबारा शुरू करने की बात कही गई है. जिसका स्वागत करते हुए अधिवक्ताओं का कहना था कि मुख्यमंत्री को इसके लिए बहुत बधाई, क्योंकि एक बार फिर प्रदेश में बुजुर्गों के लिए शुरू हुई तीर्थ दर्शन योजना धरातल पर नज़र आएगी और इसका फ़ायदा प्रदेश के उन तमाम बुजुर्गों को मिलेगा. जिन्हें तीर्थ दर्शन का मौक़ा नहीं मिलता उन सभी का आशीर्वाद CM शिवराज को मिलेगा.

शिवराज कर्जा लेकर घी पीने का काम कर रहे- आरपी सिंह

मिडिल क्लास के लिए निराशजनक बजट

वहीं एक अन्य वक़ील का कहना था कि इस बार का बजट कई से भी जन हितैषी नहीं है. सरकार ने पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों के लिए इस बार भी कोई रियायत नहीं दी न ही अन्य क्षेत्रों में कुछ ऐसे लाभ दिए हैं. जिनसे जनता को फ़ायदा होता है उन्होंने कहा कि सरकार चाहती तो पेट्रोल डीज़ल के दाम के लिए वैट कम कर सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है. वहीं प्रदेश में 9 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने को लेकर भी कहा कि कहा कि भिंड की जनता को इन कॉलेज का कोई लाभ नहीं होने वाला है. भिंड ज़िले के साथ हमेशा इसी तरह व्यवहार होता रहा है. पहले भी मेडिकल कॉलेज भिंड के लिए प्रस्तावित हुआ था लेकिन बाद में वह दतिया चला गया इस बार भी भिंड की जनता ख़ाली हाथ है. उन्होंने कहा इस बार बजट आया है वह सरकारी बजट है जो शायद मुख्यमंत्री सिर्फ़ अपनी BJP पार्टी के लिए ई लेकर आए हैं क्योंकि आम जनता को इस बजट का कही से कई तक लाभ मिलता नज़र नहीं आ रहा है. मध्यम वर्ग इस बजट से बिलकुल खुश नहीं हैं.

लोक सेवा में राजस्व के नाम पर लूट

वहीं एक अन्य अधिवक्ता का कहना था कि सरकार द्वारा लगातार आम जनता से वसूली की जा रही है. राजस्व के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है. जहां जन सेवा के नाम पर शुरू किए गए लोक सेवा केंद्रों में फीस के नाम पर वसूली की जा रही है. ये बेहद दुखद है, सेवाएं प्रदान करने के लिए लोगों को 40 रुपया प्रति कॉपी तक देने पड़ते हैं सरकार को चाहिए था कि आम जन के लिए लोक सेवाओं की फीस को कम करे, लेकिन इसे पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है. कई जगह भ्रष्टाचार हो रहा है, ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर लगाम कसने के लिए सरकार को कुछ ऐसे नए प्रावधान लाने चाहिए थे. जिनसे आम जनता को सीधा लाभ मिलता और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होती लेकिन सरकार कोरी उपलब्धियां गिनाकर जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है.

भिंड। मध्यप्रदेश के बजट से जनता को काफी उम्मीदें थी लेकिन जब प्रदेश के विधानसभा सदन में बजट पेश हुआ तो सभी वर्गों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. प्रदेश के बजट को लेकर अधिवक्ताओं ने ईटीवी भारत से बातचीत की और अपने विचार रखे. भिंड कोर्ट में अधिवक्ताओं ने प्रदेश के बजट को लेकर मिली जूली प्रतिक्रियाएं दी है. कुछ वकीलों ने इस बजट का स्वागत किया तो कुछ ने इसे बीजेपी का बजट बताया.

बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया

भिंड न्यायालय में अधिवक्ताओं ने बजट पेश होने के बाद इस बजट की तारीफ़ करते हुए अधिवक्ताओं का कहना था कि इस बार का Budget वाकई बहुत अच्छा है. मुख्यमंत्री जन हितैषी, बचत मध्य प्रदेश की जनता को दिया है. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र की बात करते हुए कहा कि इस बार 15 सौ करोड़ का बजट स्कूल व्यवस्था में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. साथ ही नौ नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने को लेकर कहा कि अब प्रदेश के बच्चे ज़्यादा से ज़्यादा डॉक्टर बन सकेंगे. साथ ही नए टैक्स प्रदेश की जनता पर न लगाने के लिए भी उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने जनता के हितों का ध्यान रखते हुए इस बार कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया है. जिससे कि आम आदमी को महंगाई में राहत मिलेगी.

MP बजट पर अधिवक्ताओं की मिलीजुली प्रतिक्रिया
तीर्थ दर्शन योजना का स्वागत

वहीं कांग्रेस सरकार के दौरान पूर्व की शिवराज सरकार द्वारा चलायी जा रही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को बंद करने के बाद एक बार फिर इस बजट में दोबारा शुरू करने की बात कही गई है. जिसका स्वागत करते हुए अधिवक्ताओं का कहना था कि मुख्यमंत्री को इसके लिए बहुत बधाई, क्योंकि एक बार फिर प्रदेश में बुजुर्गों के लिए शुरू हुई तीर्थ दर्शन योजना धरातल पर नज़र आएगी और इसका फ़ायदा प्रदेश के उन तमाम बुजुर्गों को मिलेगा. जिन्हें तीर्थ दर्शन का मौक़ा नहीं मिलता उन सभी का आशीर्वाद CM शिवराज को मिलेगा.

शिवराज कर्जा लेकर घी पीने का काम कर रहे- आरपी सिंह

मिडिल क्लास के लिए निराशजनक बजट

वहीं एक अन्य वक़ील का कहना था कि इस बार का बजट कई से भी जन हितैषी नहीं है. सरकार ने पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों के लिए इस बार भी कोई रियायत नहीं दी न ही अन्य क्षेत्रों में कुछ ऐसे लाभ दिए हैं. जिनसे जनता को फ़ायदा होता है उन्होंने कहा कि सरकार चाहती तो पेट्रोल डीज़ल के दाम के लिए वैट कम कर सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है. वहीं प्रदेश में 9 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने को लेकर भी कहा कि कहा कि भिंड की जनता को इन कॉलेज का कोई लाभ नहीं होने वाला है. भिंड ज़िले के साथ हमेशा इसी तरह व्यवहार होता रहा है. पहले भी मेडिकल कॉलेज भिंड के लिए प्रस्तावित हुआ था लेकिन बाद में वह दतिया चला गया इस बार भी भिंड की जनता ख़ाली हाथ है. उन्होंने कहा इस बार बजट आया है वह सरकारी बजट है जो शायद मुख्यमंत्री सिर्फ़ अपनी BJP पार्टी के लिए ई लेकर आए हैं क्योंकि आम जनता को इस बजट का कही से कई तक लाभ मिलता नज़र नहीं आ रहा है. मध्यम वर्ग इस बजट से बिलकुल खुश नहीं हैं.

लोक सेवा में राजस्व के नाम पर लूट

वहीं एक अन्य अधिवक्ता का कहना था कि सरकार द्वारा लगातार आम जनता से वसूली की जा रही है. राजस्व के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है. जहां जन सेवा के नाम पर शुरू किए गए लोक सेवा केंद्रों में फीस के नाम पर वसूली की जा रही है. ये बेहद दुखद है, सेवाएं प्रदान करने के लिए लोगों को 40 रुपया प्रति कॉपी तक देने पड़ते हैं सरकार को चाहिए था कि आम जन के लिए लोक सेवाओं की फीस को कम करे, लेकिन इसे पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है. कई जगह भ्रष्टाचार हो रहा है, ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर लगाम कसने के लिए सरकार को कुछ ऐसे नए प्रावधान लाने चाहिए थे. जिनसे आम जनता को सीधा लाभ मिलता और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होती लेकिन सरकार कोरी उपलब्धियां गिनाकर जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है.

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