ETV Bharat / state

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि पूजा से पहले क्यों की जाती है घटस्थापना, जानिए इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 2023 की शुरुआत होने जा रही है. पूजा से पहले में घटस्थापना की जाती है. ऐसे में मातारानी के भक्तों के लिए कलश स्थापना का सटीक समय, डेट, और पूजा विधि जानना बेहद जरुरी है. क्यों नवरात्रि में की जाती है घटस्थापना और मध्यप्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर क्या रहेगा इसका शुभ मुहूर्त? सब जानें इस खास रिपोर्ट में.

Chaitra Navratri Ghatsthapana 2023
चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना 2023
author img

By

Published : Mar 21, 2023, 4:03 PM IST

Chaitra Navratri 2023। हिंदू पर्व में अत्यंत महत्व रखने वाला और माता भगवती के नौ रूपों को समर्पित त्योहार बुधवार से चैत्र नवरात्रि का शुभारम्भ होने जा रहा है. इन नवरात्रि में माता दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की एक एक दिन कर पूजन होगा और भक्त नौ दिनों तक उपवास रखेंगे, जिसकी शुरुआत पहले दिन घटस्थापना यानि कलश स्थापना के साथ होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि में घटस्थापना का क्या महत्व है. आइये जानते हैं क्यों नवरात्रि में की जाती है घटस्थापना और मध्यप्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर क्या रहेगा इसका शुभ मुहूर्त...

22 मार्च से शुरू होगी चैत्र नवरात्रिः इस वर्ष चैत्र की नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होगी. देवी मंदिरों में आने वाले 9 दिनों तक भक्तों की भीड़ दर्शन को उमड़ेगी. नवरात्रि के व्रत और पूजा से पहले घटस्थापना की जाएगी यानि कलश स्थापित किया जाएगा. नवरात्रों में घटस्थापना का बहुत महत्व है. कलश को भगवान विष्णु का रूप माना गया है. इसलिए पूजा अर्चना से पहले कलश का पूजन कर भगवान विष्णु को नमन किया जाता है, जिसके लिए घटस्थापना भी पूजन स्थल पर की जाती है. घटस्थापना या कलश स्थापना से पहले पूजन स्थल को भी स्वच्छ और साफ किया जाता है. इसके बाद घटस्थापना कर सभी देवताओं और देवियों को आमंत्रित कर पूजन प्रारंभ किया जाता है.

मध्यप्रदेश में घटस्थापना का अलग-अलग महूर्त

चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना का पूरे देश में अलग-अलग स्थानों पर शुभ मुहूर्त भी अलग अलग समय पर होगा. जहां देश की राजधानी दिल्ली में घटस्थापना का समय करीब 1 घंटा 08 मिनट के लिए रहेगा. जो सुबह 06 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा और सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इसी प्रकार मध्यप्रदेश के मुख्य शहरों में भी घटस्थापना अलग-अलग महूर्त में होगी जो इस प्रकार होंगे..

भोपाल

  • महूर्त- 06:23:12 से 07:35:45 तक।
  • अवधि - 1 घंटे 12 मिनट।

इंदौर

  • 06:29:30 से 07:42:27 तक।
  • अवधि - 1 घंटे 12 मिनट।

जबलपुर

  • 06:13:01 से 07:25:38 तक।
  • अवधि - 1 घंटे 12 मिनट।

ग्वालियर

  • 06:19:53 से 07:30:16 तक।
  • अवधि - 1 घंटे 10 मिनट।

घटस्थापना के बाद नौ देवियों की पूजा

  • पहले दिन यानि 22 मार्च को मां शैलपुत्री का पूजन किया जाएगा।
  • दूसरे दिन 23 मार्च को मां ब्रह्मचारिणी का पूजन।
  • तीसरे दिन 24 मार्च को मां चंद्रघंटा का पूजन।
  • चौथे दिन 25 मार्च को मां कुष्मांडा को पूजा जाएगा।
  • पांचवें दिन 26 मार्च को स्कंदमाता का पूजन होगा।
  • छठवें दिन 27 मार्च को मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी।
  • सातवें दिन 28 मार्च को मां कालरात्रि की पूजा अर्चना होगी।
  • आठवें दिन 29 मार्च को मां महागौरी पूजी जायेंगी।
  • नवमी दिन 30 मार्च को मां सिद्धिदात्री की पूजा और रामनवमी का पूजन होगा।
  • दसवीं दिन 31 मार्च को दशमी और नवरात्रि समाप्ति होगी।

Must Read:- चैत्र नवरात्रि से जुड़ी हुई खबरें...

Chaitra Navratri 2023: रोग पंचकों से हो रही चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, जानें मां की सवारी और पूजा के नियम

चैत्र नवरात्रि नवम दिवस: मां सिद्धिदात्री के दिन नहीं किया ये काम तो सफल नहीं होंगे पूजा-अनुष्ठान

चैत्र नवरात्रि 2022: यहां मां पार्वती ने त्यागा था काली रूप, गोरी होने के लिए की थी विशेष तपस्या...

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

Chaitra Navratri 2023। हिंदू पर्व में अत्यंत महत्व रखने वाला और माता भगवती के नौ रूपों को समर्पित त्योहार बुधवार से चैत्र नवरात्रि का शुभारम्भ होने जा रहा है. इन नवरात्रि में माता दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की एक एक दिन कर पूजन होगा और भक्त नौ दिनों तक उपवास रखेंगे, जिसकी शुरुआत पहले दिन घटस्थापना यानि कलश स्थापना के साथ होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि में घटस्थापना का क्या महत्व है. आइये जानते हैं क्यों नवरात्रि में की जाती है घटस्थापना और मध्यप्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर क्या रहेगा इसका शुभ मुहूर्त...

22 मार्च से शुरू होगी चैत्र नवरात्रिः इस वर्ष चैत्र की नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होगी. देवी मंदिरों में आने वाले 9 दिनों तक भक्तों की भीड़ दर्शन को उमड़ेगी. नवरात्रि के व्रत और पूजा से पहले घटस्थापना की जाएगी यानि कलश स्थापित किया जाएगा. नवरात्रों में घटस्थापना का बहुत महत्व है. कलश को भगवान विष्णु का रूप माना गया है. इसलिए पूजा अर्चना से पहले कलश का पूजन कर भगवान विष्णु को नमन किया जाता है, जिसके लिए घटस्थापना भी पूजन स्थल पर की जाती है. घटस्थापना या कलश स्थापना से पहले पूजन स्थल को भी स्वच्छ और साफ किया जाता है. इसके बाद घटस्थापना कर सभी देवताओं और देवियों को आमंत्रित कर पूजन प्रारंभ किया जाता है.

मध्यप्रदेश में घटस्थापना का अलग-अलग महूर्त

चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना का पूरे देश में अलग-अलग स्थानों पर शुभ मुहूर्त भी अलग अलग समय पर होगा. जहां देश की राजधानी दिल्ली में घटस्थापना का समय करीब 1 घंटा 08 मिनट के लिए रहेगा. जो सुबह 06 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा और सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इसी प्रकार मध्यप्रदेश के मुख्य शहरों में भी घटस्थापना अलग-अलग महूर्त में होगी जो इस प्रकार होंगे..

भोपाल

  • महूर्त- 06:23:12 से 07:35:45 तक।
  • अवधि - 1 घंटे 12 मिनट।

इंदौर

  • 06:29:30 से 07:42:27 तक।
  • अवधि - 1 घंटे 12 मिनट।

जबलपुर

  • 06:13:01 से 07:25:38 तक।
  • अवधि - 1 घंटे 12 मिनट।

ग्वालियर

  • 06:19:53 से 07:30:16 तक।
  • अवधि - 1 घंटे 10 मिनट।

घटस्थापना के बाद नौ देवियों की पूजा

  • पहले दिन यानि 22 मार्च को मां शैलपुत्री का पूजन किया जाएगा।
  • दूसरे दिन 23 मार्च को मां ब्रह्मचारिणी का पूजन।
  • तीसरे दिन 24 मार्च को मां चंद्रघंटा का पूजन।
  • चौथे दिन 25 मार्च को मां कुष्मांडा को पूजा जाएगा।
  • पांचवें दिन 26 मार्च को स्कंदमाता का पूजन होगा।
  • छठवें दिन 27 मार्च को मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी।
  • सातवें दिन 28 मार्च को मां कालरात्रि की पूजा अर्चना होगी।
  • आठवें दिन 29 मार्च को मां महागौरी पूजी जायेंगी।
  • नवमी दिन 30 मार्च को मां सिद्धिदात्री की पूजा और रामनवमी का पूजन होगा।
  • दसवीं दिन 31 मार्च को दशमी और नवरात्रि समाप्ति होगी।

Must Read:- चैत्र नवरात्रि से जुड़ी हुई खबरें...

Chaitra Navratri 2023: रोग पंचकों से हो रही चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, जानें मां की सवारी और पूजा के नियम

चैत्र नवरात्रि नवम दिवस: मां सिद्धिदात्री के दिन नहीं किया ये काम तो सफल नहीं होंगे पूजा-अनुष्ठान

चैत्र नवरात्रि 2022: यहां मां पार्वती ने त्यागा था काली रूप, गोरी होने के लिए की थी विशेष तपस्या...

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.