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Budh Asta 2023: वृषभ राशि में अस्त हुए बुध, जानिए कैसे राशि को करेंगे प्रभावित और बचने के लिए जरूरी उपाय - बुध अस्त का आपकी राशि पर असर

बुध अस्त 2023: 19 जून 2023 को बुध, वृषभ राशि में अस्त हो चुके हैं, जो अब कुछ राशियों पर बुरा प्रभाव डालेंगे. फिलहाल आइए जानते हैं बुध अस्त का आपकी राशि पर क्या असर होगा-

Budh Asta 2023
बुध अस्त 2023
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Published : Jun 20, 2023, 7:00 AM IST

Budh Asta in Vrishabha Rashi: ग्रहों का कुंडली में परिवर्तन हो या चाल में बदलाव, ग्रह वक्री हो या उदय-अस्त इसका असर वैदिक ज्योतिष में सभी राशियों के जातकों पर पड़ता है. कुछ के लिए इसका असर शुभ तो कुछ राशियों के लिए अशुभ प्रभाव छोड़ता है और इसकी वजह से सभी जनमानस के जीवन में उठापटक होने की सम्भावना होती है. सोमवार को भी एक परिवर्तन बुध ग्रह में हुआ है. बुध वृषभ राशि में संचरण करते हुए अस्त हो गए हैं. और इससे अब राशि चक्र की कुछ राशियों का गणित बिगड़ सकता है.

बुध ग्रह मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर: बीती 7 जून को बुध ग्रह मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर कर चुके थे राशि परिवर्तन के बाद दूसरा बड़ा बदलाव 19 जून को 7 बजकर 16 मिनट पर हुआ जब बुध वृषभ राशि में अस्त हो गए. बुध के वृषभ राशि में अस्त होने पर इस राशि के जातकों का जीवन सबसे ज़्यादा प्रभावित होगा क्योंकि यहां बुध कुंडली के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और प्रथम भाव में अस्त हुए हैं.

इस बदलाव से वृषभ राशि वाले लोगों के जीवन में आर्थिक उतार चढ़ाव देखने को मिलेंगे, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खड़ी होने के आसार हैं. करियर में तरक्की मिलने में भी परेशानी होगी, पारिवारिक जरूरतों के चलते अधिक धन व्यय होगा जो सीधा जेब और बजट पर असर डालेगा. वहीं यह अवधि रिश्तों के लिये विशेष ध्यान देने वाली है क्योंकि बुध के अस्त होने के प्रभाव से जीवन साथी के साथ विवाद और खटास हो सकती है.

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बुध के अस्त होने के इन राशियों की भी बढ़ेगी परेशानियां:

  • कर्क- इस राशि के जातकों के लिए बुध का अस्त करियर पर विपरीत प्रभाव छोड़ेगा यानी नौकरी में परेशानियों से जूझना पड़ेगा. कर्क राशि में बुध ग्यारहवें भाव में अस्त होंगे जिसकी वजह से नौकरीपेशा जातक महत्वपूर्ण मौके गवाँ सकते हैं. जो जातक जॉब कर रहे हैं उनकी दिलचस्पी अपने कार्य के प्रति इस अवधि में कम होगी. इसकी वजह से यह समय और चेलेंजिंग हो जाएगा. इनक्रीमेंट या प्रमोशन मिलने के आसार भी ना के बराबर बन रहे हैं. वहीं व्यवसायी जातकों को प्रतिस्पर्धा के चलते नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस दौरान कुछ ज़रूरी और पुराने संपर्क भी टूट सकते हैं जो व्यवसाय के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.
  • सिंह- इस राशि की कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध दसवें भाव में अस्त हुए हैं, ऐसे में इस परिवर्तन के परिणाम जातकों के लिए प्रतिकूल हो सकते हैं. किसी चीज़ के लिए की गई मेहनत का फल ना मिलने पर असंतुष्टि का भाव मन में रहेगा. भाग्य साथ दे इस बात की काफी आशंका है. व्यवसायी जातक इस दौर में कम्पटीशन से प्रभावित होंगे, क्योंकि मेहनत के स्वरूप परिणाम पाने में सफलता मिलना इस बात की सभावना काफी कम रहेगी. प्रेम संबंधों में तालमेल की कमी जो सकती है, जिसकी वजह से रिश्ते बिगड़ सकते हैं. हालांकि सावधानी और बेवजह के विवाद नजरअंदाज करना बेहतर रहेगा.

बुध अस्त के नकारात्मक प्रभाव को कम करने ये करें उपाय: जब कुंडली में बुध अस्त हो तो कुछ उपाय इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मददगार साबित होते हैं, इससे प्रभावित जातकों को बुध गायत्री मंत्र "ॐ सौम्यरूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नो सौम्य प्रचोदयात्या" बुध बीज मंत्र का जाप करना चाहिए साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.

बुधवार के दिन विशेष पूजा कराने से भी बुध अस्त के दुष्प्रभाव में कमी आती है. जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करना सर्वोत्तम माना जाता है. इस अवधि में बुधवार के दिन लाल या हरे रंग के कपड़े पहनने से भी अस्त बुध का नकारात्मक प्रभाव कम होता है. मान्यता है कि बुधवार के दिन ऐसे जातकों को बिना नमक वाली मूंग की डाल बना कर खानी चाहिए इससे लाभ मिलता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता है.

Budh Asta in Vrishabha Rashi: ग्रहों का कुंडली में परिवर्तन हो या चाल में बदलाव, ग्रह वक्री हो या उदय-अस्त इसका असर वैदिक ज्योतिष में सभी राशियों के जातकों पर पड़ता है. कुछ के लिए इसका असर शुभ तो कुछ राशियों के लिए अशुभ प्रभाव छोड़ता है और इसकी वजह से सभी जनमानस के जीवन में उठापटक होने की सम्भावना होती है. सोमवार को भी एक परिवर्तन बुध ग्रह में हुआ है. बुध वृषभ राशि में संचरण करते हुए अस्त हो गए हैं. और इससे अब राशि चक्र की कुछ राशियों का गणित बिगड़ सकता है.

बुध ग्रह मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर: बीती 7 जून को बुध ग्रह मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर कर चुके थे राशि परिवर्तन के बाद दूसरा बड़ा बदलाव 19 जून को 7 बजकर 16 मिनट पर हुआ जब बुध वृषभ राशि में अस्त हो गए. बुध के वृषभ राशि में अस्त होने पर इस राशि के जातकों का जीवन सबसे ज़्यादा प्रभावित होगा क्योंकि यहां बुध कुंडली के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और प्रथम भाव में अस्त हुए हैं.

इस बदलाव से वृषभ राशि वाले लोगों के जीवन में आर्थिक उतार चढ़ाव देखने को मिलेंगे, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खड़ी होने के आसार हैं. करियर में तरक्की मिलने में भी परेशानी होगी, पारिवारिक जरूरतों के चलते अधिक धन व्यय होगा जो सीधा जेब और बजट पर असर डालेगा. वहीं यह अवधि रिश्तों के लिये विशेष ध्यान देने वाली है क्योंकि बुध के अस्त होने के प्रभाव से जीवन साथी के साथ विवाद और खटास हो सकती है.

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  • कर्क- इस राशि के जातकों के लिए बुध का अस्त करियर पर विपरीत प्रभाव छोड़ेगा यानी नौकरी में परेशानियों से जूझना पड़ेगा. कर्क राशि में बुध ग्यारहवें भाव में अस्त होंगे जिसकी वजह से नौकरीपेशा जातक महत्वपूर्ण मौके गवाँ सकते हैं. जो जातक जॉब कर रहे हैं उनकी दिलचस्पी अपने कार्य के प्रति इस अवधि में कम होगी. इसकी वजह से यह समय और चेलेंजिंग हो जाएगा. इनक्रीमेंट या प्रमोशन मिलने के आसार भी ना के बराबर बन रहे हैं. वहीं व्यवसायी जातकों को प्रतिस्पर्धा के चलते नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस दौरान कुछ ज़रूरी और पुराने संपर्क भी टूट सकते हैं जो व्यवसाय के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.
  • सिंह- इस राशि की कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध दसवें भाव में अस्त हुए हैं, ऐसे में इस परिवर्तन के परिणाम जातकों के लिए प्रतिकूल हो सकते हैं. किसी चीज़ के लिए की गई मेहनत का फल ना मिलने पर असंतुष्टि का भाव मन में रहेगा. भाग्य साथ दे इस बात की काफी आशंका है. व्यवसायी जातक इस दौर में कम्पटीशन से प्रभावित होंगे, क्योंकि मेहनत के स्वरूप परिणाम पाने में सफलता मिलना इस बात की सभावना काफी कम रहेगी. प्रेम संबंधों में तालमेल की कमी जो सकती है, जिसकी वजह से रिश्ते बिगड़ सकते हैं. हालांकि सावधानी और बेवजह के विवाद नजरअंदाज करना बेहतर रहेगा.

बुध अस्त के नकारात्मक प्रभाव को कम करने ये करें उपाय: जब कुंडली में बुध अस्त हो तो कुछ उपाय इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मददगार साबित होते हैं, इससे प्रभावित जातकों को बुध गायत्री मंत्र "ॐ सौम्यरूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नो सौम्य प्रचोदयात्या" बुध बीज मंत्र का जाप करना चाहिए साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.

बुधवार के दिन विशेष पूजा कराने से भी बुध अस्त के दुष्प्रभाव में कमी आती है. जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करना सर्वोत्तम माना जाता है. इस अवधि में बुधवार के दिन लाल या हरे रंग के कपड़े पहनने से भी अस्त बुध का नकारात्मक प्रभाव कम होता है. मान्यता है कि बुधवार के दिन ऐसे जातकों को बिना नमक वाली मूंग की डाल बना कर खानी चाहिए इससे लाभ मिलता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता है.

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