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ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर धमकाते हैं BJP नेता! कब्जा वाली जमीन छुड़ावाने के लिए पूर्व सैनिक की गुहार

भिंड में सिंधिया के कार्यक्रम के दौरान एक एक्स आर्मी मेन ने हंगामा किया था, पड़ताल में पता चला कि वह सिंधिया से मिलकर उनके करीबी रमेश की करतूत का खुलासा कर न्याय की गुहार लगाना चाहता था. केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के बाद इससे मुलाकात भी की और आवेदन के साथ कागजात भी लिए. उन्होंने पूर्व सैनिक को मदद का आश्वासन भी दिया. हालांकि आरोप से घिरे सिंधिया समर्थक रमेश दुबे इन आरोपी का खंडन किया है.

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सिंधिया के नाम पर धमकाते हैं बीजेपी नेता
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Published : Apr 17, 2023, 6:43 AM IST

Updated : Apr 17, 2023, 6:53 AM IST

भिंड। शनिवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भिंड प्रवास पर ज़िले को जानता को बिजली परियोजना की सौग़ात देने आए थे, इस दौरान उनके भाषण के बीच एक एक्स आर्मी मेन ने सिंधिया से मुलाकात करने की मांग करते हुए हंगामा किया था. केंद्रीय मंत्री ने उससे इंतजार करने और कार्यक्रम के बाद मुलाकात का करने का आश्वासन भाषण के दौरान ही दे दिया था.

सिंधिया ने बुलाकर सुनी थी समस्या: जब कार्यक्रम समाप्त हुआ तो ज्योतिरादित्य सिंधिया मंच से रवाना होने लगे, लेकिन इस बीच किसी ने याद दिलाया तो केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने पीड़ित अरुण सिंह को बुलाया. उसने मुलाकात के दौरान सिंधिया के सामने अपनी समस्या रखते हुए कहा कि "भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रमेश दुबे ने मेरी जमीन पर कब्जा कर रखा है और उनसे मेरी जान को खतरा है." उस दौरान रमेश दुबे भी मौके पर मौजूद थे, ऐसे में वे इस बात को गलत ठहराने लगे, लेकिन जब पीड़ित ने अपनी जमीन के कागजात और पूर्व में की गई शिकायतों की फाइल उन्हें दिखायी तो उसे सिंधिया ने मदद का आश्वासन दिया.

सिंधिया के करीबी नेता ने किया जमीन पर कब्जा: पीड़ित पूर्व सैनिक अरुण सिंह ने बताया कि "जहां मेरी जमीन है, वहीं पास में रमेश दुबे का भी मकान है. रमेश दुबे के द्वारा मेरी जमीन पर अवैध कब्जा कर स्थाई निर्माण कर लिया गया है, इसकी शिकायत मैंने तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा से भी की थी, कार्रवाई भी हुई, लेकिन अवैध निर्माण नहीं हट सका. कई बार गुहार लगाने के बाद भी रमेश दुबे सीमांकन नहीं कराते हैं, ना ही हमारे द्वारा कराए गए सीमांकन को मानते हैं."

MUST READ:

ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर धमकी: पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि "भाजपा नेता रमेश दुबे मुझे जान से मारने की धमकी भी देते हैं, ऐसे में मुझे और मेरै पूरे परिवार को रमेश दुबे से जान का खतरा भी है. रमेश दुबे आपका (सिंधिया) का नाम लेकर धमकी देते हैं. वे कहते हैं कि मैं उनका(सिंधिया) करीबी हूं, कोई मेरा क्या बिगाड़ सकता है." इतना ही नहीं पीड़ित ने सिंधिया से शिकायत के दौरान ही डॉ रमेश दुबे, सैनिक द्वारा दिखाए जाने वाले डॉक्यूमेंट फाइल को मौके पर ही फर्जी बताने लगे, जिस पर पीड़ित का कहना है कि "क्या एक आर्मी मेन फर्जी डॉक्यूमेंट ला सकता है, मैं बीते 16 सालों से लगातार अपनी जमीन को वापस पाने के लिए और भाजपा नेता से जमीन मुक्त कराने की गुहार लगाने के लिए बार-बार नौकरी से छुट्टी लेकर आता हूं, अब मैं इससे थक चुका हूं. इसी के चलते मुझे सेना की नौकरी में समय से पहले ही वीआरएस लेना पड़ा."

बीजेपी नेता ने बताया षड्यंत्र: जब इस मामले पर बीजेपी नेता रमेश दुबे से बात की गई तो उनका कहना है कि "यह मेरी राजनीतिक छवि को खराब करने के लिए कुछ लोगों द्वारा षड्यंत्र रचा जा रहा है, किसी को मेरी जमीन को लेकर आपत्ति है तो वह आपत्ति वाली जगह का सीमांकन कराने को तैयार है, एक्स आर्मी मेन को तो भड़का कर तैयार कर प्लानिंग के तहत सिंधिया के सामने पेश किया गया है, मैं अब किसी भी जांच के लिए तैयार हूं."

भिंड। शनिवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भिंड प्रवास पर ज़िले को जानता को बिजली परियोजना की सौग़ात देने आए थे, इस दौरान उनके भाषण के बीच एक एक्स आर्मी मेन ने सिंधिया से मुलाकात करने की मांग करते हुए हंगामा किया था. केंद्रीय मंत्री ने उससे इंतजार करने और कार्यक्रम के बाद मुलाकात का करने का आश्वासन भाषण के दौरान ही दे दिया था.

सिंधिया ने बुलाकर सुनी थी समस्या: जब कार्यक्रम समाप्त हुआ तो ज्योतिरादित्य सिंधिया मंच से रवाना होने लगे, लेकिन इस बीच किसी ने याद दिलाया तो केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने पीड़ित अरुण सिंह को बुलाया. उसने मुलाकात के दौरान सिंधिया के सामने अपनी समस्या रखते हुए कहा कि "भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रमेश दुबे ने मेरी जमीन पर कब्जा कर रखा है और उनसे मेरी जान को खतरा है." उस दौरान रमेश दुबे भी मौके पर मौजूद थे, ऐसे में वे इस बात को गलत ठहराने लगे, लेकिन जब पीड़ित ने अपनी जमीन के कागजात और पूर्व में की गई शिकायतों की फाइल उन्हें दिखायी तो उसे सिंधिया ने मदद का आश्वासन दिया.

सिंधिया के करीबी नेता ने किया जमीन पर कब्जा: पीड़ित पूर्व सैनिक अरुण सिंह ने बताया कि "जहां मेरी जमीन है, वहीं पास में रमेश दुबे का भी मकान है. रमेश दुबे के द्वारा मेरी जमीन पर अवैध कब्जा कर स्थाई निर्माण कर लिया गया है, इसकी शिकायत मैंने तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा से भी की थी, कार्रवाई भी हुई, लेकिन अवैध निर्माण नहीं हट सका. कई बार गुहार लगाने के बाद भी रमेश दुबे सीमांकन नहीं कराते हैं, ना ही हमारे द्वारा कराए गए सीमांकन को मानते हैं."

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ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर धमकी: पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि "भाजपा नेता रमेश दुबे मुझे जान से मारने की धमकी भी देते हैं, ऐसे में मुझे और मेरै पूरे परिवार को रमेश दुबे से जान का खतरा भी है. रमेश दुबे आपका (सिंधिया) का नाम लेकर धमकी देते हैं. वे कहते हैं कि मैं उनका(सिंधिया) करीबी हूं, कोई मेरा क्या बिगाड़ सकता है." इतना ही नहीं पीड़ित ने सिंधिया से शिकायत के दौरान ही डॉ रमेश दुबे, सैनिक द्वारा दिखाए जाने वाले डॉक्यूमेंट फाइल को मौके पर ही फर्जी बताने लगे, जिस पर पीड़ित का कहना है कि "क्या एक आर्मी मेन फर्जी डॉक्यूमेंट ला सकता है, मैं बीते 16 सालों से लगातार अपनी जमीन को वापस पाने के लिए और भाजपा नेता से जमीन मुक्त कराने की गुहार लगाने के लिए बार-बार नौकरी से छुट्टी लेकर आता हूं, अब मैं इससे थक चुका हूं. इसी के चलते मुझे सेना की नौकरी में समय से पहले ही वीआरएस लेना पड़ा."

बीजेपी नेता ने बताया षड्यंत्र: जब इस मामले पर बीजेपी नेता रमेश दुबे से बात की गई तो उनका कहना है कि "यह मेरी राजनीतिक छवि को खराब करने के लिए कुछ लोगों द्वारा षड्यंत्र रचा जा रहा है, किसी को मेरी जमीन को लेकर आपत्ति है तो वह आपत्ति वाली जगह का सीमांकन कराने को तैयार है, एक्स आर्मी मेन को तो भड़का कर तैयार कर प्लानिंग के तहत सिंधिया के सामने पेश किया गया है, मैं अब किसी भी जांच के लिए तैयार हूं."

Last Updated : Apr 17, 2023, 6:53 AM IST

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