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JCB से बन रही सब्जी, सीमेंट मिक्सर से मालपुए, ट्रॉलियों से परोसी जा रही खीर, पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में अनोखा नजारा - दंदरौआ धाम मंदिर

Bhind Dandraua Dham Temple Annual festival: एमपी के भिंड में भगवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान अनोखे भंडारे की चर्चा पूरे इलाके में बनी हुई है. दरअसल, यहां के ऐतिहासिक दंदरौआ धाम मंदिर का वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा है. ऐसे में प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शिव कथा सुनाने पहुंचे हैं. उनकी कथा में शामिल होने के लिए भी बड़ी संख्या में यहां भीड़ पहुंची है. देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

Bhind News
ऐतिहासिक दंदरौआ धाम मंदिर का वार्षिकोत्सव
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 1, 2023, 4:31 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 5:49 PM IST

प्रदीप मिश्रा की भिंड में कथा के दौरान अनोखे भंडारे की चर्चा

भिंड। मध्यप्रदेश के चंबल अंचल में इन दिनों जेसीबी मशीन से सब्ज़ी तैयार की जा रही है. सीमेंट मिक्सर से मालपुए बनाए जा रहे हैं. वहीं ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर खीर परोसी जा रही है. ये अनोखा नजारा भिंड के दंदरौआ धाम पर देखने को मिल रहा है. जहां प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शिव कथा सुना रहे हैं. चंबल का ये अनौखा भंडारा आखिर क्यों चर्चा में, जानते हैं ETV भारत की इस खास रिपोर्ट में....

भागवत कथा ये शब्द सुनते ही जिस बात का सबसे पहले ख्याल आता है, वह होता है भीड़ और भंडारा. अमूमन जब कहीं कोई धार्मिक आयोजन होता है, सैकड़ों हजारों श्रद्धालु प्रसादी के लिए जाते हैं. इनके लिए हलवाई भंडारा तैयार कर रहे होते हैं. सोचिए अगर किसी जगह सैकड़ों या हजारों नहीं बल्कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हो तो, वहां भंडारे की व्यवस्था कैसी होगी?

इसी भीड़ का नजारा इन दिनों चंबल अंचल में देखने को मिल रहा है, जहां भिंड जिले के ऐतिहासिक दंदरौआ धाम मंदिर का वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा है. इसमें देश के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण सुना रहे हैं. उन्हें सुनने के लिए प्रतिदिन एक से सवा लाख श्रद्धालु दंदरौआ धाम मंदिर पहुंच रहे हैं.

सात दिन में बन रहा 15लाख श्रद्धालुओं का भंडारा: दो दिसंबर तक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा आयोजित की जाएगी. ऐसे में प्रतिदिन पहुंच रहे श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था भी युद्धस्तर पर संभाली जा रही है. दंदरौआ धाम में भंडारे की मेगा किचिन दिन रात काम कर रही है. यहां चलने वाला भंडारा सुबह 9 बजे रात 12 बजे तक निरन्तर श्रद्धालुओं को भोजन करा रहा है.

इस रसोई का जिम्मा सम्भाल रहे हलवाई रूप सिंह का कहना- 'इस बार भीड़ की तदाद काफ़ी है. 7 दिन के भंडारे के लिए दंदरौआ धाम प्रबंधन ने 15 लाख लोगों के भोजन की व्यवस्था की है. प्रतिदिन करीब डेढ़ से दो लाख लोग यहां प्रसादी पा रहे हैं. बुधवार को करीब 2 लाख लोगों का भोजन बनाया गया था. गुरुवार को इससे ज्यादा श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण के साथ साथ भंडारे का लुत्फ उठाया है.

हर दिन तैयार हो रही 18-20 टन सब्जी: रूप हलवाई के मुताबिक हर रोज लगभग 18 से 20 टन आलू की घोंटा सब्ज़ी बनाई जा रही है. बुधवार को लगभग 10 हजार किलो दूध की खीर भंडारे के लिए तैयार की गई थी. वहीं, 70 से 80 क्विंटल आटे की पूड़ियां तैयार की गई थीं. गुरुवार को इसका आंकड़ा नहीं निकाला गया, क्योंकि भंडारा लगातार चलता रहा. इस काम को ठीक तरह से पूरा करने के लिए करीब 400 लोगों की लेबर लगी हुई है. जो भंडारा पकाने से लेकर उसके रखरखाव तक की व्यवस्था संभल रहे हैं.


एक बार में बनता है 32 क्विंटल आलू : जब इतनी बड़ी तदाद में भंडारा तैयार होगा, तो इसके लिए बर्तन भी उतने ही बड़े चाहिए, तो भंडारे की सब्ज़ी तैयार करने के लिए दंदरौआ धाम में दो बड़ी कढ़ाई का इस्तेमाल किया जा रहा है. दंदरौआ धाम के महंत महामंडलेश्वर श्री रामदास महाराज ने बताया कि भंडारे के लिए उपयोग होने वाली कढ़ाई काफी बड़ी हैं. इनमे से बड़ी कढ़ाई में क़रीब 50 मन यानी 20 क्विंटल आलू और छोटी कढ़ाई में 30 मन यानी करीब 12 क्विंटल आलू एक बार में पकाया जाता है.

देसी घी से कराई जा रही JCB की ग्रीसिंग: इतनी सब्ज़ी एक साथ बनाने पर इसे सामान्य रूप से नहीं निकाला जा सकता है. ऐसे में इसके लिए विशेष रूप से तैयार कराई गई जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है. इस जेसीबी को उपयोग में लाने से पहले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सामान्य आयल और ग्रीस को हटाकर साफ करने के बाद शुद्ध देसी घी से इसकी ग्रीसिंग कराई गई है.

इससे गर्म सब्ज़ी को कढ़ाही में चलाने से लेकर उसे निकालकर वितरण के लिए ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉलियों में ट्रांसफर करने में इसका उपयोग किया जाता है. वहीं भंडारे में बनने वाले मालपुओं के लिए भी कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले कंक्रीट मिक्सर मशीन का उपयोग किया जा रहा है. इस मिक्सर को अलग से विशेष तौर पर तैयार कराया गया है. एक नई मशीन पर अंदर से स्टील की प्लेट्स लगाकर इसे भोजन उपयुक्त बनाया गया है. ऐसे में इनके उपयोग से काम में तेजी आती है. वहीं, खीर का वितरण भी ट्रॉलियों में भरकर किया जा रहा है.

श्रद्धालुओं के लिए अजूबा बना भंडारा: इस भव्य भंडारे को जिसने देखा वह चकित रह गया. चंबल अंचल के साथ साथ अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी कंस्ट्रक्शन मिक्सर में तैयार होता मालपुआ का घोल और सब्जी बनाती जेसीबी मशीन देखना, किसी अजूबे से कम नहीं. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से दंदररौआ धाम पर अपने परिवार के साथ पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का श्रवण करने पहुंचे मनोज सिंह तोमर भी इस भंडारे में चल रही पाक कला को देख कर अचंभित हैं.

उनका कहना है कि आज से पहले उन्होंने कहीं भी इस तरह भंडारा तैयार होते नहीं देखा. उन्हें इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाली इन मशीनों का ऐसे भी उपयोग किया जा सकता है.

सुरक्षा व्यवस्था में 700 पुलिसकर्मी तैनात: जब इतने श्रद्धालु एक जगह इकट्ठा होंगे तो भीड़ को संभलना मंदिर प्रबंधन के काबू से बाहर का मामला है. ऐसे में यहां मोर्चा पुलिस प्रशासन ने सम्भाल रखा है. मौके पर सुरक्षा व्यवस्था की कमान सम्भाल रहे गोहद एसडीओपी सौरभ कुमार ने बताया कि इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के लिए जिले भर के 23 थानों के बल और पुलिस लाइन के कर्मचारियों को मिलाकर लगभग 700 पुलिसकर्मी दंदरौआ धाम पर तैनात हैं.

आम भीड़ के साथ साथ वीआईपी मूवमेंट और हैवी ट्रैफिक भी रहता है. साथ ही भंडारे में भी भीड़ कंट्रोल भी एक बड़ा टास्क है. इसको लेकर एसडीओपी ने बताया कि पुलिस बल को मुख्य रूप से चार भागों में वर्गीकृत कर दिया गया है. इनमे एक खेमा पार्किंग और ट्रैफिक व्यवस्था सम्भालता है. दूसरा मंदिर परिसर की व्यवस्था में तैनात रहता है. यहाँ आने वाला श्रद्धालु मंदिर में डॉ हनुमान के दर्शन को भी जाता है. इससे मंदिर में भी भीड़ रहती है. वहीं तीसरा अमला कथा पंडाल की व्यस्था सम्भालता है. चौथा बल भंडारे में व्यवस्थाओं पर तैनात रहता है. इस तरह किसी भी अप्रिय परिस्थिति और भीड़ कंट्रोल के लिए हर जगह पुलिस मौजूद है.

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भागवत कथा ये शब्द सुनते ही जिस बात का सबसे पहले ख्याल आता है, वह होता है भीड़ और भंडारा. अमूमन जब कहीं कोई धार्मिक आयोजन होता है, सैकड़ों हजारों श्रद्धालु प्रसादी के लिए जाते हैं. इनके लिए हलवाई भंडारा तैयार कर रहे होते हैं. सोचिए अगर किसी जगह सैकड़ों या हजारों नहीं बल्कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हो तो, वहां भंडारे की व्यवस्था कैसी होगी?

इसी भीड़ का नजारा इन दिनों चंबल अंचल में देखने को मिल रहा है, जहां भिंड जिले के ऐतिहासिक दंदरौआ धाम मंदिर का वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा है. इसमें देश के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण सुना रहे हैं. उन्हें सुनने के लिए प्रतिदिन एक से सवा लाख श्रद्धालु दंदरौआ धाम मंदिर पहुंच रहे हैं.

सात दिन में बन रहा 15लाख श्रद्धालुओं का भंडारा: दो दिसंबर तक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा आयोजित की जाएगी. ऐसे में प्रतिदिन पहुंच रहे श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था भी युद्धस्तर पर संभाली जा रही है. दंदरौआ धाम में भंडारे की मेगा किचिन दिन रात काम कर रही है. यहां चलने वाला भंडारा सुबह 9 बजे रात 12 बजे तक निरन्तर श्रद्धालुओं को भोजन करा रहा है.

इस रसोई का जिम्मा सम्भाल रहे हलवाई रूप सिंह का कहना- 'इस बार भीड़ की तदाद काफ़ी है. 7 दिन के भंडारे के लिए दंदरौआ धाम प्रबंधन ने 15 लाख लोगों के भोजन की व्यवस्था की है. प्रतिदिन करीब डेढ़ से दो लाख लोग यहां प्रसादी पा रहे हैं. बुधवार को करीब 2 लाख लोगों का भोजन बनाया गया था. गुरुवार को इससे ज्यादा श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण के साथ साथ भंडारे का लुत्फ उठाया है.

हर दिन तैयार हो रही 18-20 टन सब्जी: रूप हलवाई के मुताबिक हर रोज लगभग 18 से 20 टन आलू की घोंटा सब्ज़ी बनाई जा रही है. बुधवार को लगभग 10 हजार किलो दूध की खीर भंडारे के लिए तैयार की गई थी. वहीं, 70 से 80 क्विंटल आटे की पूड़ियां तैयार की गई थीं. गुरुवार को इसका आंकड़ा नहीं निकाला गया, क्योंकि भंडारा लगातार चलता रहा. इस काम को ठीक तरह से पूरा करने के लिए करीब 400 लोगों की लेबर लगी हुई है. जो भंडारा पकाने से लेकर उसके रखरखाव तक की व्यवस्था संभल रहे हैं.


एक बार में बनता है 32 क्विंटल आलू : जब इतनी बड़ी तदाद में भंडारा तैयार होगा, तो इसके लिए बर्तन भी उतने ही बड़े चाहिए, तो भंडारे की सब्ज़ी तैयार करने के लिए दंदरौआ धाम में दो बड़ी कढ़ाई का इस्तेमाल किया जा रहा है. दंदरौआ धाम के महंत महामंडलेश्वर श्री रामदास महाराज ने बताया कि भंडारे के लिए उपयोग होने वाली कढ़ाई काफी बड़ी हैं. इनमे से बड़ी कढ़ाई में क़रीब 50 मन यानी 20 क्विंटल आलू और छोटी कढ़ाई में 30 मन यानी करीब 12 क्विंटल आलू एक बार में पकाया जाता है.

देसी घी से कराई जा रही JCB की ग्रीसिंग: इतनी सब्ज़ी एक साथ बनाने पर इसे सामान्य रूप से नहीं निकाला जा सकता है. ऐसे में इसके लिए विशेष रूप से तैयार कराई गई जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है. इस जेसीबी को उपयोग में लाने से पहले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सामान्य आयल और ग्रीस को हटाकर साफ करने के बाद शुद्ध देसी घी से इसकी ग्रीसिंग कराई गई है.

इससे गर्म सब्ज़ी को कढ़ाही में चलाने से लेकर उसे निकालकर वितरण के लिए ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉलियों में ट्रांसफर करने में इसका उपयोग किया जाता है. वहीं भंडारे में बनने वाले मालपुओं के लिए भी कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले कंक्रीट मिक्सर मशीन का उपयोग किया जा रहा है. इस मिक्सर को अलग से विशेष तौर पर तैयार कराया गया है. एक नई मशीन पर अंदर से स्टील की प्लेट्स लगाकर इसे भोजन उपयुक्त बनाया गया है. ऐसे में इनके उपयोग से काम में तेजी आती है. वहीं, खीर का वितरण भी ट्रॉलियों में भरकर किया जा रहा है.

श्रद्धालुओं के लिए अजूबा बना भंडारा: इस भव्य भंडारे को जिसने देखा वह चकित रह गया. चंबल अंचल के साथ साथ अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी कंस्ट्रक्शन मिक्सर में तैयार होता मालपुआ का घोल और सब्जी बनाती जेसीबी मशीन देखना, किसी अजूबे से कम नहीं. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से दंदररौआ धाम पर अपने परिवार के साथ पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का श्रवण करने पहुंचे मनोज सिंह तोमर भी इस भंडारे में चल रही पाक कला को देख कर अचंभित हैं.

उनका कहना है कि आज से पहले उन्होंने कहीं भी इस तरह भंडारा तैयार होते नहीं देखा. उन्हें इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाली इन मशीनों का ऐसे भी उपयोग किया जा सकता है.

सुरक्षा व्यवस्था में 700 पुलिसकर्मी तैनात: जब इतने श्रद्धालु एक जगह इकट्ठा होंगे तो भीड़ को संभलना मंदिर प्रबंधन के काबू से बाहर का मामला है. ऐसे में यहां मोर्चा पुलिस प्रशासन ने सम्भाल रखा है. मौके पर सुरक्षा व्यवस्था की कमान सम्भाल रहे गोहद एसडीओपी सौरभ कुमार ने बताया कि इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के लिए जिले भर के 23 थानों के बल और पुलिस लाइन के कर्मचारियों को मिलाकर लगभग 700 पुलिसकर्मी दंदरौआ धाम पर तैनात हैं.

आम भीड़ के साथ साथ वीआईपी मूवमेंट और हैवी ट्रैफिक भी रहता है. साथ ही भंडारे में भी भीड़ कंट्रोल भी एक बड़ा टास्क है. इसको लेकर एसडीओपी ने बताया कि पुलिस बल को मुख्य रूप से चार भागों में वर्गीकृत कर दिया गया है. इनमे एक खेमा पार्किंग और ट्रैफिक व्यवस्था सम्भालता है. दूसरा मंदिर परिसर की व्यवस्था में तैनात रहता है. यहाँ आने वाला श्रद्धालु मंदिर में डॉ हनुमान के दर्शन को भी जाता है. इससे मंदिर में भी भीड़ रहती है. वहीं तीसरा अमला कथा पंडाल की व्यस्था सम्भालता है. चौथा बल भंडारे में व्यवस्थाओं पर तैनात रहता है. इस तरह किसी भी अप्रिय परिस्थिति और भीड़ कंट्रोल के लिए हर जगह पुलिस मौजूद है.

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Last Updated : Dec 1, 2023, 5:49 PM IST
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