भिंड। मां इस शब्द में पूरा संसार सिमट जाता है. मां अपने बच्चे की पहली शिक्षक होती है जो उसे आगे बढ़ना सिखाती है. खुद सारे कष्ट झेलती है लेकिन अपने बच्चे को एक नेक इंसान बनने की सीख देकर बड़ा करती है. उसके मन में भी एक आस होती है की जब बेटा बड़ा होगा तो बुढ़ापे की लाठी बनेगा. लेकिन भिंड जिले में एक बुजुर्ग मां जो ना सिर्फ अपने बच्चों के लिए शिक्षक बनी बल्कि दशकों तक स्कूल में शासकीय शिक्षक के पद पर पदस्थ थीं आज पुलिस के आगे मदद की गुहार लगा रही हैं. जिस बेटे को उंगली का सहारा देकर चलना सिखाया था वही बेटा अपनी पत्नी के साथ मिलकर अब उनके साथ मारपीट करता है. उन्हें अपने ही घर से निकालने का प्रयास कर रहा है. Son Daughter in law Assaults Elderly Mother
हाथ में आवेदन लिए बुजुर्ग माँ ने सुनाई अपनी व्यथा: गोहद के वार्ड 7 में रहने वाली बुद्धन शर्मा सेवानिवृत्त शासकीय शिक्षक हैं, वह भिंड पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मदद की गुहार लगाने आयी थीं. एक बेंत के सहारे बमुश्किल कदम बढ़ाती बुजुर्ग को आवेदन हाथ में लिए देख जब उनसे बात की तो बात करते करते उनके आंसू निकल आए. नम आंखें लिए बुजुर्ग बुद्धन शर्मा की एक एक बात किसी के भी मन को झकझोरने के लिए काफी थी. उन्होंने बताया कि वे 2012 से रिटायर्ड शिक्षक हैं और अब इस उमर में कई गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हैं. उनके दो बेटे हैं. बड़ा बेटा संदीप और छोटा बेटा रंजीत. पति 10 वर्ष पहले चल बसे. बड़े बेटे की शादी के बाद उसकी पत्नी का देहांत हो गया. उसकी कोई औलाद नहीं है, वह उनके साथ ही रहता है और उनकी देखभाल करता है. लेकिन छोटा बेटा उनसे और संदीप से न सिर्फ दुर्व्यवहार करता है बल्कि उन्हीं के घर से निकालने का भी प्रयास कर रहा है. Retired Teacher complained to ASP
बेटे ने दो महीने के लिए माँगी थी जगह, अब कर लिया कब्जा: बुजुर्ग मां ने बताया कि कुछ महीने पहले उनका छोटा बेटा रंजीत अपनी पत्नी और बच्चों के साथ उनके पास आया था. उसने मदद मांगते हुए घर में रहने की इजाजत मांगते हुए कहा की घर में साली की शादी है तो मकान मालिक घर खाली करवा रहा है. यदि सामान छोड़ा तो वह बाहर फेंक देगा इसलिए दो महीने के लिए रहने की जगह दे दें. लेकिन शिफ्ट हुए चार महीने गुजर चुके हैं वह अब भी घर से नहीं जा रहा है. पूरे घर पर कब्जा कर लिया और घर की असली मालकिन यानी बुजुर्ग मां 10 फीट के एक कमरे में रहने को मजबूर हैं.
बहू-बेटा मारपीट कर झूठे केस में फंसाने की देते हैं धमकी: बुद्धन शर्मा ने बताया की बेटा और बहू मिल कर हमेशा परेशान करते हैं. उनकी उम्र का भी लिहाज नहीं करते, जरा जरा सी बात पर गाली गलौज और मारपीट करते हैं. अगर बड़ा बेटा कुछ कहता है तो उससे भी मारपीट करते हैं और झूठे केस में फंसाने की भी धमकी देते हैं. पीड़ित बुजुर्ग ने इस सम्बंध में गोहद पुलिस के पास भी शिकायत की थी. लेकिन बुद्धन शर्मा के बेटे रंजीत ने वहां भी मिली भगत कर शिकायत नहीं लिखने दी और बड़े बेटे संजीव को अपमानित किया. इसीलिए तंग आकर वह भिंड पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर मदद मांगी.
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एएसपी ने फैमिली काउन्सलिंग के दिए निर्देश: एएसएपी कमलेश कुमार ने बताया कि ''इस तरह की परिस्थियां दयनीय होती हैं. हालांकि इस मामले में उन्होंने महिला थाने में जांच प्रतिवेदन भेज कर सेवानिवृत्त शिक्षिका और आरोपी बेटे रंजीत को बुलाकर फैमिली काउन्सलिंग कराने की बात कही है''. साथ ही कहा कि ''बुजुर्गों के साथ होने वाला दुर्व्यवहार सामाजिक विफलता है, ऐसे में समय समय पर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं जिससे लोगों को अपने बुजुर्ग परिजन की जिम्मेदारी सम्भालने के लिए प्रेरित किया जाता है''.
मां चाहती हैं घर से चला जाए बेटा: बुजुर्ग बुद्धन शर्मा चाहती हैं कि ''उनका बेटा रंजीत घर छोड़कर चला जाए, जिससे उनका जीवन पहले की तरह सामान्य हो सके''. पहले ही बीमारियों की वजह से परेशान यह बूढ़ी मां अब कुछ और सहन करने में सक्षम नहीं है. इस बुजुर्ग ने तो न्याय के लिए आवाज उठाई है, लेकिन आज भी देश में लाखों ऐसे बुजुर्ग हैं जिनकी आवाज, जिनका दर्द उनके सीने में दफन होकर रह जाता है. वे सब कुछ जानते हुए दुर्व्यवहार सहते हैं. इसी का फायदा रंजीत जैसे बच्चे उठाते हैं.
देश में कितने बुजुर्ग होते हैं घरेलू दुर्व्यवहार के शिकार: यह अकेला मामला नहीं है. देश में बुजुर्गों से होने वाले दुर्व्यवहार के मामले बेहद चिंता जनक हैं. जनगणना 2011 के मुताबिक देश में बुजुर्गों की संख्या 10.38 करोड़ थी जो 2021 में बढ़कर 13.8 करोड़ हो चुकी है. ऐसे में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार पर सर्वे करने वाली कम्पनी HelpAge की स्टडी में पता चला है कि देश में करीब 59 फीसदी बुजुर्गों को लगता है की उनके साथ दुर्व्यवहार होता है. इसके लिए 35 प्रतिशत बेटे और 21 प्रतिशत बहु साथ ही 36 फीसद रिश्तेदार जिम्मेदार होते हैं. एक रिपोर्ट कहती है की राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़ों के मुताबिक़ बुजुर्ग के साथ अत्याचारों में अपमान 57%, मौखिक दुर्व्यवहार 38%, उपेक्षा 33%, आर्थिक शोषण 24%, खतरनाक शारीरिक शोषण पिटाई और थप्पड़ 13% होता है.
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