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Face to Face में मंत्री ओपीएस भदौरिया, बोले- PM नहीं चाहते अशांति का माहौल, इसलिए कृषि कानून वापस लिया - पंचायत चुनाव मध्य प्रदेश

तीनों कृषि कानून वापस लेने के सरकार के फैसले के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है (REPEALING FARM LAWS). प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद से ही सत्ता और विपक्ष की तमाम प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इस दौरान ETV भारत संवाददाता ने मध्यप्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया (MINISTER OPS BHADORIA) से खास बातचीत की, और कुछ सवालों पर मंत्री के जवाब जानें. रिपोर्ट पढ़ें...

minister ops bhadoria
मंत्री ओपीएस भदौरिया
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Published : Nov 21, 2021, 4:29 PM IST

Updated : Nov 21, 2021, 7:16 PM IST

भिंड (BHIND NEWS)। यह कृषि कानून (FARM LAWS) किसानों के हित में था, लेकिन उन्हें गुमराह किया गया. प्रधानमंत्री ये नहीं चाहते थे कि देश में अशांति का माहौल बने और कोई देश विरोधी ताकतें इसका फायदा उठाएं, इसलिए उन्होंने यह कृषि कानून को वापस ले लिया. यह बात मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया (MINISTER OPS BHADORIA) ने ETV भारत से फेस-टू-फेस चर्चा के दौरान कही. बातचीत के दौरान मंत्री ने तमाम मुद्दों पर अपनी राय भी साझा की. आखिर क्या कुछ कहा राज्यमंत्री भदौरिया ने नजर डालिए इस खास चर्चा पर.

मंत्री ओपीएस भदौरिया

सवाल : पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा कर दी है, क्या कहना चाहेंगे ?
जवाब : किसी में अगर ये क्षमता है तो वह हमारे प्रधानमंत्री मोदी में हैं, जिन्होंने पिछले 7 साल में किसानों के लिए कई अहम फैसले लिए. किसान की लागत आधी और आय दोगुनी कैसे हो, किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिले और कम कीमत में खाद कैसे उपलब्ध कराई जाए, कृषि क्षेत्र में आधुनिक संसाधनों का उपयोग कैसे कर पाएं और किसानों को जैविक खेती से कैसे जोड़ पाएं, यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रहा है. असल में यह कृषि कानून भी किसानों के हित में था, लेकिन उन्हें गुमराह किया गया. प्रधानमंत्री नहीं चाहते थे कि देश में अशांति का माहौल बने और कोई देश विरोधी ताकतें इसका फायदा उठा सकें, इसलिए उन्होंने यह कानून वापस लिए हैं. अब जब भी इस कानून में कोई सुधार की बात होगी या भविष्य में कानून को दोबारा लाने की बात आएगी तो पहले पूरी तरह से किसानों के साथ संवाद किया जाएगा, फिर निष्कर्ष निकालकर लागू किया जाएगा (MINISTER OPS BHADORIA ON REPEALING FARM LAWS).

सवाल : किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे, सरकार को फैसला लेने में इतना समय क्यों लगा ?
जवाब : सालभर से सरकार का प्रयास था कि किसानों के साथ बातचीत हो, किसान अपना पक्ष रखें सरकार अपना पक्ष रखने को तैयार थी. कई बार किसानों से बातचीत का प्रयास भी किया गया, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ ऐसे लोग थे जो किसान और सरकार के बीच दीवार बनाने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें गुमराह किया जा रहा था. लेकिन सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि किसी सूरत में किसानों का दुरुपयोग नहीं होने देंगे. किसानों की भावनाओं को आहत नहीं होने देंगे और किसी भी ऐसे मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे जो सरकार और किसान के बीच दीवार बनाने की कोशिश करेगा.

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सवाल : कृषि कानून वापस लेने के बाद अब देश में MSP कानून लाने की मांग हो रही है, एमपी सरकार क्या इस मांग पर किसानों का साथ देगी ?
जवाब : हमारी सरकार ने दो अहम निर्णय लिए हैं. पिछली सरकारों के मुकाबले MSP दोगुना किया हमने. पहले सिर्फ 3 या 4 फसलें MSP के तहत आती थीं, जिन्हें सरकार खरीदती थी. लेकिन आज पूरे देश में 98 फसलों को MSP के दायरे में मोदी सरकार लाई है. पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं कि किसी भी हालत में किसानों को नुकसान नहीं होने देंगे. उनकी उपज का वाजिब दाम मिलेगा, उनकी आय दोगुनी करने का प्रयास सरकार कर रही है. अब जो भी निर्णय लिया जाएगा वह किसानों से बातचीत कर, उनकी सहमति और राय लेने के बाद लिया जाएगा.

सवाल : कृषि कानूनों वापस लेने के बाद से जो कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आ रही है, उसे लेकर क्या कहेंगे ?
जवाब : कांग्रेस का इतिहास उठाकर देख लीजिए, जब कांग्रेस का शासन था तब किसान कर्ज में डूबा था, भुखमरी की स्थिति थी, तब कांग्रेस कहां सो रही थी. जब उन्हें किसानों की मदद करना चाहिए थी. आज जब हम किसानों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं ला रहे हैं, किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं तो कांग्रेस के पास आरोप लगाने के सिवा कुछ बचा नहीं है. खुद अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रही है, हम तो प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करेंगे कि उनमें इतना बड़ा निर्णय लेने की क्षमता है, और उन्होंने निर्णय लेकर दिखाया.

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सवाल : पंचायत चुनाव को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है, कब तक उम्मीद की जाए चुनाव की ?
जवाब : बिल्कुल भी संशय की स्थिति नहीं है, पंचायत चुनाव (PANCHAYAT ELECTION MP) अतिशीघ्र संभव हैं. कुछ कानूनी अड़चने हैं, जिनका निराकरण होते ही पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. जल्द ही आगे की कार्रवाई होगी.

सवाल : प्रदेश में सभी कोरोना प्रतिबंध हटाने को क्या पंचायत चुनाव से संबंधित माना जाए ?
जवाब : पंचायत चुनाव कोई दलीय आधार पर नहीं होते हैं, इसलिए प्रतिबंध हटाने को पंचायत चुनाव से जोड़ना मुझे नहीं लगता उचित होगा. पंचायत चुनाव की प्रक्रिया अपनी जगह है. कुछ कोरोना की वजह से व्यवधान था अब सारी चीजें खत्म हो गई हैं. मैं आपके माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उनके प्रयासों से आज पूरे देश में मध्यप्रदेश वैक्सीनेशन में सबसे आगे है, स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में अव्वल है और आगे भी प्रयास रहेगा कि स्थिति अच्छी रहे.

भिंड (BHIND NEWS)। यह कृषि कानून (FARM LAWS) किसानों के हित में था, लेकिन उन्हें गुमराह किया गया. प्रधानमंत्री ये नहीं चाहते थे कि देश में अशांति का माहौल बने और कोई देश विरोधी ताकतें इसका फायदा उठाएं, इसलिए उन्होंने यह कृषि कानून को वापस ले लिया. यह बात मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया (MINISTER OPS BHADORIA) ने ETV भारत से फेस-टू-फेस चर्चा के दौरान कही. बातचीत के दौरान मंत्री ने तमाम मुद्दों पर अपनी राय भी साझा की. आखिर क्या कुछ कहा राज्यमंत्री भदौरिया ने नजर डालिए इस खास चर्चा पर.

मंत्री ओपीएस भदौरिया

सवाल : पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा कर दी है, क्या कहना चाहेंगे ?
जवाब : किसी में अगर ये क्षमता है तो वह हमारे प्रधानमंत्री मोदी में हैं, जिन्होंने पिछले 7 साल में किसानों के लिए कई अहम फैसले लिए. किसान की लागत आधी और आय दोगुनी कैसे हो, किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिले और कम कीमत में खाद कैसे उपलब्ध कराई जाए, कृषि क्षेत्र में आधुनिक संसाधनों का उपयोग कैसे कर पाएं और किसानों को जैविक खेती से कैसे जोड़ पाएं, यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रहा है. असल में यह कृषि कानून भी किसानों के हित में था, लेकिन उन्हें गुमराह किया गया. प्रधानमंत्री नहीं चाहते थे कि देश में अशांति का माहौल बने और कोई देश विरोधी ताकतें इसका फायदा उठा सकें, इसलिए उन्होंने यह कानून वापस लिए हैं. अब जब भी इस कानून में कोई सुधार की बात होगी या भविष्य में कानून को दोबारा लाने की बात आएगी तो पहले पूरी तरह से किसानों के साथ संवाद किया जाएगा, फिर निष्कर्ष निकालकर लागू किया जाएगा (MINISTER OPS BHADORIA ON REPEALING FARM LAWS).

सवाल : किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे, सरकार को फैसला लेने में इतना समय क्यों लगा ?
जवाब : सालभर से सरकार का प्रयास था कि किसानों के साथ बातचीत हो, किसान अपना पक्ष रखें सरकार अपना पक्ष रखने को तैयार थी. कई बार किसानों से बातचीत का प्रयास भी किया गया, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ ऐसे लोग थे जो किसान और सरकार के बीच दीवार बनाने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें गुमराह किया जा रहा था. लेकिन सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि किसी सूरत में किसानों का दुरुपयोग नहीं होने देंगे. किसानों की भावनाओं को आहत नहीं होने देंगे और किसी भी ऐसे मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे जो सरकार और किसान के बीच दीवार बनाने की कोशिश करेगा.

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सवाल : कृषि कानून वापस लेने के बाद अब देश में MSP कानून लाने की मांग हो रही है, एमपी सरकार क्या इस मांग पर किसानों का साथ देगी ?
जवाब : हमारी सरकार ने दो अहम निर्णय लिए हैं. पिछली सरकारों के मुकाबले MSP दोगुना किया हमने. पहले सिर्फ 3 या 4 फसलें MSP के तहत आती थीं, जिन्हें सरकार खरीदती थी. लेकिन आज पूरे देश में 98 फसलों को MSP के दायरे में मोदी सरकार लाई है. पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं कि किसी भी हालत में किसानों को नुकसान नहीं होने देंगे. उनकी उपज का वाजिब दाम मिलेगा, उनकी आय दोगुनी करने का प्रयास सरकार कर रही है. अब जो भी निर्णय लिया जाएगा वह किसानों से बातचीत कर, उनकी सहमति और राय लेने के बाद लिया जाएगा.

सवाल : कृषि कानूनों वापस लेने के बाद से जो कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आ रही है, उसे लेकर क्या कहेंगे ?
जवाब : कांग्रेस का इतिहास उठाकर देख लीजिए, जब कांग्रेस का शासन था तब किसान कर्ज में डूबा था, भुखमरी की स्थिति थी, तब कांग्रेस कहां सो रही थी. जब उन्हें किसानों की मदद करना चाहिए थी. आज जब हम किसानों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं ला रहे हैं, किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं तो कांग्रेस के पास आरोप लगाने के सिवा कुछ बचा नहीं है. खुद अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रही है, हम तो प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करेंगे कि उनमें इतना बड़ा निर्णय लेने की क्षमता है, और उन्होंने निर्णय लेकर दिखाया.

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सवाल : पंचायत चुनाव को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है, कब तक उम्मीद की जाए चुनाव की ?
जवाब : बिल्कुल भी संशय की स्थिति नहीं है, पंचायत चुनाव (PANCHAYAT ELECTION MP) अतिशीघ्र संभव हैं. कुछ कानूनी अड़चने हैं, जिनका निराकरण होते ही पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. जल्द ही आगे की कार्रवाई होगी.

सवाल : प्रदेश में सभी कोरोना प्रतिबंध हटाने को क्या पंचायत चुनाव से संबंधित माना जाए ?
जवाब : पंचायत चुनाव कोई दलीय आधार पर नहीं होते हैं, इसलिए प्रतिबंध हटाने को पंचायत चुनाव से जोड़ना मुझे नहीं लगता उचित होगा. पंचायत चुनाव की प्रक्रिया अपनी जगह है. कुछ कोरोना की वजह से व्यवधान था अब सारी चीजें खत्म हो गई हैं. मैं आपके माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उनके प्रयासों से आज पूरे देश में मध्यप्रदेश वैक्सीनेशन में सबसे आगे है, स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में अव्वल है और आगे भी प्रयास रहेगा कि स्थिति अच्छी रहे.

Last Updated : Nov 21, 2021, 7:16 PM IST
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