भिंड। प्रदेश में गर्मी का पारा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. इलाकों में पानी की किल्लत देखी जा रही है. भिंड में भी लोगों का हाल गर्मी से बेहाल है. इसी बीच पानी की बर्बादी को रोकने के लिए भिंड कलेक्टर ने पत्र लिखकर लोगों और व्यापारियों से अपील की है. गर्मी के मौसम में होने वाली पानी की किल्लत और बर्बादी को लेकर जिला प्रशासन सजगता दिखा रहा है. इसी के चलते कलेक्टर सतीश कुमार एस ने एक अपील जारी करते हुए लोगों से पानी की बर्बादी रोकने की बात कही है. (water crisis in bhind)
जल संरक्षण के लिए अपीलः कलेक्टर ने अपील जारी करते हुए हाल ही में जिले में संचालित वाहन धुलाई सेंटरों पर पानी के कम से कम इस्तेमाल करने की बात कही है, जिसके मुताबिक वर्तमान में भूमिगत जलस्तर और ग्रीष्म काल के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए भिंड जिले के समस्त संबंधित ऑटो वर्कशॉप और वाहन धुलाई सेंटरों के संचालकों को जानकारी दी है कि सेंट्रो पर वे ऐसी समुचित व्यवस्था रखें कि वाहन की धुलाई के समय अनावश्यक पानी बर्बाद न हो. वाहन की धुलाई के समय फैलने वाले पानी को वर्कशॉप या धुलाई सेंटर में सोखता टैंक का निर्माण करा कर उसमें इकट्ठा करें. इससे आसपास की जगह पर गंदगी न फैले और पानी का संग्रहण भी होता रहे. (bhind collector appeal for water conservation)
धुलाई केंद्रों पर होती है पानी की बर्बादीः जैसा कि दुपहिया और चार पहिया वाहनों की धुलाई में पानी की काफी बर्बादी होती है. चूंकि भूमिगत जल स्रोतों का स्तर पहले ही तेजी से गिरता जा रहा है. ऐसे में गर्मी के मौसम में हैंड पम्प और बोरिंग मशीन पानी छोड़ जाती है. ऊपर से ज़्यादातर धुलाई केंद्रों पर संचालक जल आपूर्ति के लिए निजी बोरवैल का इस्तेमाल करते हैं. इसकी वजह से ज़मीनी पानी की निकासी पर कोई रोक नही रहती और इन्हें रिचार्ज कराने की कोई व्यवस्था पूर्व से नही की जाती है. इसकी वजह बेवजह पानी बह जाता है. (vehicle washing center in bhind)
आजीविका और पर्यावरण के बीच की लड़ाईः हालांकि इस अपील के बाद दूसरा पहलू उन वर्कशॉप और धुलाई केंद्रों के लिए खड़ी होने वाली समस्या का भी चूंकि इस व्यवसाय में पानी की उपयोगिता अनिवार्य है. ऐसे में यहां काम करने वाले कमर्चारियों की आय का भी यही साधन है. मामले को लेकर भिंड कलेक्टर का कहना है कि इस अपील की वजह यह भी है कि यह आजीविका और पर्यावरण के बीच का विवाद है.