भिंड। मेहगांव से विधायक चुने गए राकेश शुक्ला (Rakesh Shukhla Cabinet Minister) अब मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. कैबिनेट मंत्री बनने के बाद शुक्रवार को वे पहली बार अपने गृह जिले में पहली बार लौटे तो जनता का प्यार स्वागत सत्कार के रूप में ऐसा उमड़ा कि देखने वाले भी देखते रह गए. शाम पांच बजे मंत्री राकेश शुक्ला का काफिला ग्वालियर से रवाना हुआ था और भिंड जिले की सीमा मालनपुर से ही उनके स्वागत का सिलसिला शुरू हो गया.
हर बीस कदम पर लगे थे स्वागत मंच : कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला जैसे ही अपने विधानसभा क्षेत्र में दाखिल हुए तो उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों की तादाद में क्षेत्र की जनता उमड़ पड़ी. तकरीबन डेढ़ किलोमीटर के रास्ते में ही हर बीस कदम पर स्वागत मंच लगे थे. हर मंच पर अभिवादन स्वीकार करते हुए कैबिनेट मंत्री भिंड के लिए आगे बढ़ते गए, जहां पूर्व मंत्री ओएपीएस भदौरिया (Ops Bhadauriya) ने भी उनका स्वागत किया.
जेसीबी मशीनों से पुष्प वर्षा : समर्थकों ने कैबिनेट मंत्री का ऐसा स्वागत किया कि लोग देखते रह गए. करीब आधा दर्जन जेसीबी मशीनों (JCB) से कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला (Rakesh Shukhla Cabinet Minister) के ऊपर पुष्प वर्षा की गई, जगह-जगह तुलादान भी कराया गया. रात करीब 11 बजे तक मंत्री राकेश शुक्ला मेहगांव के नगरीय क्षेत्र में ही रहे इसके बाद उनका काफिला नेशनल हाईवे 719 से होते हुए भिंड मुख्यालय के लिए रवाना हुआ.
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हजारों समर्थकों के साथ पैदल ही चले मंत्री जी : मंत्री समर्थक और उनके चाहने वालों ने जगह-जगह उनका भव्य स्वागत किया, मालनपुर से गोहद और गोहद से मेहगांव की सीमा तक आते-आते उन्हें रात के 10 बज गए लेकिन स्वागत की बेला चलती रही. करीब 5 हजार समर्थकों और पांच सौ वाहनों के काफिले के साथ कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला पैदल ही हर स्वागत मंच तक पहुंचे और लोगों से मिले.
ठंड में भी डटे रहे समर्थक : मंत्री जी को लेकर समर्थकों में ऐसा जोश था कि कड़कड़ाती ठंड में भी रात 2:30 बजे तक सभी डटे रहे. मेहगांव, गिजुर्रा, बरोही, लावन तक करीब 60 स्वागत से स्वागत मंच बनाए गए थे. रात 2:30 बजे के करीब काफिला भिंड मुख्यालय पहुंचा. स्वागत का सिलसिला यूं ही चलता रहा और कैबिनेट मंत्री अलसुबह करीब 5 बजे भिंड सर्किट हाउस पहुंचे.
अधिकारियों के साथ लेंगे बैठक: मंत्री शुक्ला शनिवार को जिले के आला अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद कलेक्ट्रेट में सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद वे लहार के रावतपुरा धाम भी जा सकते हैं. हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.