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भिंड में नहीं छूट रहा कुरुतियों का दंश, शिकायत पर पहुंचे प्रशासन ने रुकवाया नाबालिग का विवाह - भिंड लेटेस्ट न्यूज

भिंड में कुरुतियों का दंश पीछा नहीं छोड़ रहा है, इसी के तहत एक बार फिर बाल-विवाह किया जा रहा था, जिसे मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने रुकवाया. फिलहाल नाबालिग के माता-पिता को समझाइश देने के बाद उन्होंने बच्ची के बालिग होने के बाद ही शादी करने का आश्वासन दिया है.

bhind administration reached wedding venue
भिंड में नहीं छूट रहा कुरुतियों का दंश
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Published : May 21, 2023, 2:36 PM IST

भिंड में नहीं छूट रहा कुरुतियों का दंश

भिंड। सरकार जनहित में तमाम योजनाएं और क़ानून बनाने में अपनी सहभागिता निभाती है, कई कानून और नियम तो समाज में चली आ रही कुरूतियों पर विराम देने के लिए बनाये गए है. इनके से ही एक है बाल विवाह, जिसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है. लगातार जागरूकता, प्रचार प्रसार के माध्यम के साथ साथ इस कृत्य करने वाले दोषी परिवारों पर कानूनी कार्रवाइयां की गई हैं. बावजूद कुरीति का यह दंश आज भी ग्रामीण अंचलों पर भारी है. चम्बल क्षेत्र से बाल विवाह का फिर एक मामला सामने आया है, जहां भिंड में एक 17 साल की नाबालिग की शादी उसके परिजन कराने वाले थे, लेकिन समय रहते इस रोक दिया गया.

प्रशासन ने रुकवाया नाबालिग का विवाह: मामला जिले के गोरमी थाना क्षेत्र का है, जहां वार्ड-4 में रहने वाले एक परिवार ने अपनी नाबालिग बेटी की शादी तय कर दी थी. शनिवार को किसी अज्ञात व्यक्ति ने महिला बाल विकास विभाग के एक अधिकारी से शिकायत कर इस शादी के बारे में बताया, चूंकि लगातार जिले में बाल विवाह रोकने के लिए अभियान चलाकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ऐसे में महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक प्रभा शर्मा मौके पर पहुंची और मामले की जांच की.

बालिग होने से दो महीने पहले शादी कराने की थी तैयारी: प्रभा शर्मा ने बताया कि "शिकायत के आधार पर मिली जांच सत्य पायी गई, परिवार द्वारा जिस नाबालिग की शादी करायी जा रही थी. उसके बालिग यानी 17 साल 10 महीने की है, जो शादी करने की वैधानिक उम्र के दायरे में नहीं है. ऐसे में तुरंत मामले की सूचना गोरमी थाना पुलिस को भी दी गई, जिससे मौके पर पहुंची पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक ने साथ में नाबालिग के परिवार और माता पिता को समझाइश दी.

  1. क्यों नहीं रूक रहे बालविवाह, सागर में एक दिन में रोकी गईं 8 शादियां
  2. MPHRC Action: बाल विवाह रोकने पहुंची टीम की सुरक्षा क्यों नहीं, विदिशा कलेक्टर व SP से जवाब तलब
  3. MP Sagar मां जबरन करा रही थी बेटी की शादी, मंडप में 5 फेरे हो पाए कि पहुंच गई पुलिस
  4. Child Marriage in Gwalior: परिवारवालों ने नाबालिग का 50 हजार रुपये में किया सौदा, पुलिस की सतर्कता से रुका बाल विवाह

फिलहाल शादी को ताला गया: बता दें कि पर्यवेक्षक प्रभा शर्मा ने बताया कि "थोड़ा बातचीत के बाद नाबालिग के माता-पिता फिलहाल शादी को टालने को तैयार हो गए हैं, उन्होंने आश्वासन दिया है कि अब वे अपनी बेटी की शादी दो महीने के बाद जब वह बालिग हो जाएगी, उसके बाद ही करेंगे." इसके अलावा गोरमी थाना प्रभारी ब्रजेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया कि "महिला बाल विकास के द्वारा सूचना दी गई थी कि नाबालिग बालिका की शादी कराई जा रही है, जिस पर पुलिस भी साथ गई थी. जब नाबालिग बालिका और उसके माता पिता से बात की गई तो वह मान गए और उन्होंने बालिका के बालिग होने के बाद ही शादी करने का आश्वासन दिया है."

भिंड में नहीं छूट रहा कुरुतियों का दंश

भिंड। सरकार जनहित में तमाम योजनाएं और क़ानून बनाने में अपनी सहभागिता निभाती है, कई कानून और नियम तो समाज में चली आ रही कुरूतियों पर विराम देने के लिए बनाये गए है. इनके से ही एक है बाल विवाह, जिसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है. लगातार जागरूकता, प्रचार प्रसार के माध्यम के साथ साथ इस कृत्य करने वाले दोषी परिवारों पर कानूनी कार्रवाइयां की गई हैं. बावजूद कुरीति का यह दंश आज भी ग्रामीण अंचलों पर भारी है. चम्बल क्षेत्र से बाल विवाह का फिर एक मामला सामने आया है, जहां भिंड में एक 17 साल की नाबालिग की शादी उसके परिजन कराने वाले थे, लेकिन समय रहते इस रोक दिया गया.

प्रशासन ने रुकवाया नाबालिग का विवाह: मामला जिले के गोरमी थाना क्षेत्र का है, जहां वार्ड-4 में रहने वाले एक परिवार ने अपनी नाबालिग बेटी की शादी तय कर दी थी. शनिवार को किसी अज्ञात व्यक्ति ने महिला बाल विकास विभाग के एक अधिकारी से शिकायत कर इस शादी के बारे में बताया, चूंकि लगातार जिले में बाल विवाह रोकने के लिए अभियान चलाकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ऐसे में महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक प्रभा शर्मा मौके पर पहुंची और मामले की जांच की.

बालिग होने से दो महीने पहले शादी कराने की थी तैयारी: प्रभा शर्मा ने बताया कि "शिकायत के आधार पर मिली जांच सत्य पायी गई, परिवार द्वारा जिस नाबालिग की शादी करायी जा रही थी. उसके बालिग यानी 17 साल 10 महीने की है, जो शादी करने की वैधानिक उम्र के दायरे में नहीं है. ऐसे में तुरंत मामले की सूचना गोरमी थाना पुलिस को भी दी गई, जिससे मौके पर पहुंची पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक ने साथ में नाबालिग के परिवार और माता पिता को समझाइश दी.

  1. क्यों नहीं रूक रहे बालविवाह, सागर में एक दिन में रोकी गईं 8 शादियां
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फिलहाल शादी को ताला गया: बता दें कि पर्यवेक्षक प्रभा शर्मा ने बताया कि "थोड़ा बातचीत के बाद नाबालिग के माता-पिता फिलहाल शादी को टालने को तैयार हो गए हैं, उन्होंने आश्वासन दिया है कि अब वे अपनी बेटी की शादी दो महीने के बाद जब वह बालिग हो जाएगी, उसके बाद ही करेंगे." इसके अलावा गोरमी थाना प्रभारी ब्रजेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया कि "महिला बाल विकास के द्वारा सूचना दी गई थी कि नाबालिग बालिका की शादी कराई जा रही है, जिस पर पुलिस भी साथ गई थी. जब नाबालिग बालिका और उसके माता पिता से बात की गई तो वह मान गए और उन्होंने बालिका के बालिग होने के बाद ही शादी करने का आश्वासन दिया है."

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