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बेरोजगारों का इस्तेमाल कर रहे हैं 'फ्राड', फर्जीवाड़े के दिल्ली से जुड़े हैं तार

भिंड में बैंक खातों के साथ फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. दरअसल 3000 रुपए महीने के लालच में कुछ बेरोजगारों ने अपने बैंक खाते धोखेबाजों को बेच दिए. जिन खातों के जरीये ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा था.

फर्जीवाड़ा
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Published : Jul 4, 2019, 11:38 PM IST

भिंड। जिले में फर्जीवाड़े का मामला सामना आया है. 3 हजार रुपए के लालच में कुछ बेरोजगारों ने अपने बैंक खाते ठगों को बेच दिए. जिन खातों के जरिये ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा था. पुलिस ने बैंकों से 23 अकाउंट ब्लॉक करवाये हैं. इन्वेस्टिगेशन में इस फर्जीवाड़े के तार दिल्ली से जुड़े हैं.

बेरोजगारों का इस्तेमाल कर रहे हैं 'फ्राड'

मामले को लेकर साइबर टीम पड़ताल में सामने आया है कि भिंड के कई अकाउंटस में ऑनलाइन धोखाधड़ी की रकम का ट्रांजैक्शन किया जा रहा था. यह सभी अकाउंट बेरोजगार युवकों के हैं. इन युवकों ने 2 से 3 हज़ार रुपए महीने के लालच में अपने खाते धोखेबाजो को सौंप दिए. जांच में यह बात भी सामने आई है कि अकाउंट धारकों को यह तक नहीं मालूम था कि उनका बैंक अकाउंट नंबर कितना है. उन्हें यह अंदाजा भी नहीं था कि उनके अकाउंट का इस्तेमाल लोगों से ठगी के लिए किया जा रहा है.

ऐसे हुआ खुलासा

मामले में पहली शिकायत बेंगलुरु की रहने वाली एक महिला की आई थी. इस महिला से करीब चार लाख की धोखाधड़ी की गई थी. जब उसने ट्रांजेक्शन की जानकारी ली तो जिसमें 40 हजार रूपये भिंड के एक अकाउंट में ट्रांसफर होने की बात सामने आई, यहीं से जांच शुरू हुई तो पता चला कि ऐसे एक नहीं कई सारे अकाउंट फर्जीवाड़े के लिए संचालित हो रहे हैं. जिसके बाद पुलिस ने तुरंत उन सभी बैंकों में जानकारी देकर फर्जीवाड़े में इस्तेमाल हो रहे हैं करीब 23 बैंक अकाउंट फ्रीज करा दिए हैं.

भिंड। जिले में फर्जीवाड़े का मामला सामना आया है. 3 हजार रुपए के लालच में कुछ बेरोजगारों ने अपने बैंक खाते ठगों को बेच दिए. जिन खातों के जरिये ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा था. पुलिस ने बैंकों से 23 अकाउंट ब्लॉक करवाये हैं. इन्वेस्टिगेशन में इस फर्जीवाड़े के तार दिल्ली से जुड़े हैं.

बेरोजगारों का इस्तेमाल कर रहे हैं 'फ्राड'

मामले को लेकर साइबर टीम पड़ताल में सामने आया है कि भिंड के कई अकाउंटस में ऑनलाइन धोखाधड़ी की रकम का ट्रांजैक्शन किया जा रहा था. यह सभी अकाउंट बेरोजगार युवकों के हैं. इन युवकों ने 2 से 3 हज़ार रुपए महीने के लालच में अपने खाते धोखेबाजो को सौंप दिए. जांच में यह बात भी सामने आई है कि अकाउंट धारकों को यह तक नहीं मालूम था कि उनका बैंक अकाउंट नंबर कितना है. उन्हें यह अंदाजा भी नहीं था कि उनके अकाउंट का इस्तेमाल लोगों से ठगी के लिए किया जा रहा है.

ऐसे हुआ खुलासा

मामले में पहली शिकायत बेंगलुरु की रहने वाली एक महिला की आई थी. इस महिला से करीब चार लाख की धोखाधड़ी की गई थी. जब उसने ट्रांजेक्शन की जानकारी ली तो जिसमें 40 हजार रूपये भिंड के एक अकाउंट में ट्रांसफर होने की बात सामने आई, यहीं से जांच शुरू हुई तो पता चला कि ऐसे एक नहीं कई सारे अकाउंट फर्जीवाड़े के लिए संचालित हो रहे हैं. जिसके बाद पुलिस ने तुरंत उन सभी बैंकों में जानकारी देकर फर्जीवाड़े में इस्तेमाल हो रहे हैं करीब 23 बैंक अकाउंट फ्रीज करा दिए हैं.

Intro:कहते हैं लालच बुरी बला है इस बात के सही मायने तब समझ में आते हैं जब थोड़े लालच में किया गया काम आप पर ही भारी पड़ जाता है। ऐसा ही मामला भिंड जिले में भी सामने आया है जहां 3000 रुपए महीने के लालच में कुछ बेरोजगारों ने अपने बैंक खाते धोखेबाजो को बेच दिए जिनके जरिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा था हालांकि पूरा मांजरा समझते ही पुलिस ने बैंकों से 23 अकाउंट ब्लॉक कर आए हैं और इन्वेस्टिगेशन के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि इस फर्जीवाड़े के तार दिल्ली से जुड़े हैं।




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दरअसल भिंड पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि भिंड के कई अकाउंट में ऑनलाइन धोखाधड़ी की रकम का ट्रांजैक्शन किया जा रहा है यह सभी अकाउंट बेरोजगार युवकों के हैं इन युवकों ने 2 से 3 हज़ार रुपए महीने के लालच मैं अपने खाते धोखेबाजो को सौंप दिए। जांच में यह बात भी सामने आई है कि अकाउंट धारकों को यह तक नहीं मालूम था, कि बैंक में उन्होंने जो अकाउंट खुलवाया है उसका नंबर कितना है। ना ही उन्हें यह अंदाजा था कि उनके अकाउंट का इस्तेमाल लोगों से ठगी के लिए किया जा रहा है। मामले को लेकर साइबर टीम ने भिंड के करीब आधा दर्जन युवकों से पूछताछ की है जिन्होंने बताया है कि उन्हें तो सिर्फ उनके जानपहचान के युवक के कहने पर कि 2 से 3 हज़ार रुपये महीने का मिलेगा इसी लालच में अपने अकाउंट सौंप दिए थे उन्हें इस तरह के फर्जीवाड़े होने का कोई अंदेशा नहीं था।

कैसे सामने आया मामला।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में पहली शिकायत बेंगलुरु की रहने वाली एक महिला की आई थी इस महिला से करीब चार लाख की धोखाधड़ी की गई थी जब उसने ट्रांजेक्शन की जकनकारी ली तो जिसमें ₹40000 भिंड के एक अकाउंट में ट्रांसफर होने की बात सामने आई, यहीं से जांच शुरू हुई तो पता चला कि ऐसे एक नहीं कई सारे अकाउंट फर्जीवाड़े के लिए संचालित हो रहे हैं जिसके बाद पुलिस ने तुरंत उन सभी बैंकों में जानकारी देकर फर्जीवाड़े में इस्तेमाल हो रहे हैं करीब 23 बैंक अकाउंट फ्रीज करा दिए हैं।

बाइट- प्रदीप, फरियादी
बाइट- रुडोल्फ अल्वारेस, एसपी


Conclusion:
पूरे देश में इन दिनों बेरोजगारों की भीड़ बढ़ गई है ऐसे में भिंड के कुछ बेरोजगार युवक, चंद रुपयों के लालच में आकर इस फर्जीवाड़े के शिकार बन गए। बात दें कि इन युवकों ने कैनरा बैंक, ओबीसी बैंक और यूनियन बैंक सहित कई प्रवेट बैंको में अपने खाते खुलवाए। जिनमे करोड़ो रुपये के ट्रांजेक्शन होने की बात सामने आई है। वही युवकों से पूछताछ और मामले की जांच के दौरान भिंड में ऐसे करीब 45 बैंक खातों की जानकारी मिली है। अब पुलिस मामले की तह तक जाकर जल्द ही इस पूरे खेल के पीछे बैठे मास्टरमाइंड तक पहुचने की बात कह रही है

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