भिंड। भिंड में दो दिन पहले ही ETV भारत ने चंबल नदी के किनारे बसे गांव दिन्नपुरा में घड़ियालों के बीच जान जोखिम डाल कर पेयजल के लिए चम्बल नदी से पानी भरने की खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद भी भिंड ज़िले प्रशासन की अनदेखी ने दिन्नपुरा के आगे चम्बल नदी के किनारे ही बसे चिलौंगा घाट पर बड़े हादसे को अंजाम दिला दिया. यहां एक 10 साल का मासूम चम्बल नदी में घड़ियाल का निवाला बन गया.
नदी में नहाने उतरा था मासूम : अटेर क्षेत्र के चिलौंगा गांव से लगे चम्बल के चिलौंगा घाट पर गांव का छोटा सा मासूम शिवम ओझा उर्फ घंसे अपने मवेशी लेकर चराने गया था. इस दौरान मवेशियों को पानी पिलाने के बाद वह चम्बल नदी में नहाने उतर गया. इसी दौरान नदी में मौजूद घड़ियालों ने उसे अपना शिकार बना लिया और खींचकर नदी में ले गए, आसपास के ग्रामीणों को इस बात की भनक लगते ही उन्होंने सुरपुरा थाना पुलिस को घटना की जानकारी दी. मौके पर पहुँची पुलिस, रेस्क्यू में जुटी मौके पर पहुचे थाना प्रभारी आलोक तोमर ने बताया कि उन्हें घटना सुबह करीब 10 बजे के आसपास की है. जानकारी मिली थी जिस पर तुरंत टीम लेकर घटना स्थल पर पहुचे हैं. अभी प्राथमिकता बच्चे के रेस्क्यू की है. इसलिए टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है.
प्रशासन की अनदेखी का शिकार हुआ मासूम : गौरतलब है कि दो दिन पहले ही चिलौंगा से चम्बल के किनारे ही आगे 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे दिन्नपुरा में पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों की समस्या को उजागर किया था. यहां लोग प्रतिदिन पानी भरने के लिए घड़ियालों से भरी चम्बल नदी में उतारने को मजबूर होते हैं. खबर प्रकाशित होने के बावजूद जिला प्रशासन ने कोई कदम नही उठाया ऐसे में येघटना ने प्रशासन की उदासीनता और अनदेखी को उजागर कर दिया है.क्योंकि चिलौंगा घाट जैसी घटना कभी भी दिन्नपुरा गांव में भी घट सकती हैं. (Alligators dragged a innocent boy) (Alligators dragged a boy in Chambal river)