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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी बिरखड़ी पंचायत, विकास के नाम पर शासन को लगाया चूना

भिंड जिले की बिरखड़ी ग्राम पंचायत में महिला सरपंच के साथ उसके पति पर ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच पति ने पंचायत में करोड़ों का गबन किया है.

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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी पंचायत
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Published : Feb 2, 2020, 11:01 PM IST

भिंड। जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर दूर स्थित बिरखड़ी ग्राम पंचायत आज भ्रष्टाचार का गढ़ बनी हुई है. चाहे शौचालय निर्माण हो या सड़क निर्माण. विकास कार्यों के नाम पर यहां सरकार को चूना लगाया जा रहा है. तालाबों की खुदाई के नाम पर तो लाखों डकार लिए गए हैं. सरपंच से परेशान ग्रामीणों ने गांव में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी पंचायत

सरपंच पति का रौब

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में महिला सरपंच है, लेकिन पूरा काम उसका पति संभालता है. सरपंच पति ने अपने लोगों के साथ मिलकर मनरेगा के तहत मजदूरों की जगह निर्माण कार्यों के लिए मशीनों का उपयोग किया और मस्टर पर लोगों के नाम चढ़ा कर उनके नाम पर फर्जी तरीके से पैसा निकाला गया. गांव के सैकड़ों लोग इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए जिन्हें एक पैसा नहीं मिला.ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच ने धोखे से बैंक खाते खुलवाए और अपने लोगों की मदद से पैसा निकाल लिया.

दो साल में उखड़ी सड़कें

ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच ने पहले तो कई सड़कें सेंक्शन कराईं, लेकिन बनाई नहीं वहीं जो कुछ सड़कें बनाई भी गई तो उनमें घटिया किस्म का मटेरियल उपयोग किया गया. नतीजा ये हुआ कि सड़कें 2 साल भी नहीं टिक पाईं. सड़कें चंद महीनों में उखड़ गई.

शौचालय के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार

ग्रामीणों ने बताया कि स्वच्छता मिशन के तहत बनाए गए शौचालय के नाम पर भी घोटाला किया गया है. गांव में कई घरों मे नाम के लिए शौचालय बना दिए गए हैं. ग्रामीण कहते हैं पानी की टंकी के नाम पर तो हद ही हो गई खानीपूर्ति करते हुए महज 2-2 ईंट की बनवा दी गई हैं. जिसमें बमुश्किल एक बाल्टी पानी आता है.

तालाब के नाम पर लाखों 'हजम'

ग्राम पंचायत बिरखड़ी पिछले पांच साल में 5 तालाब सेंक्शन हुए थे. जिनमें हर तालाब की लागत करीब 25 लाख से ऊपर थी. एक तालाब तो 42 लाख की लागत से बनवाया गया है. लेकिन सिर्फ कागजों में.

लोगों ने बताया कि सरपंच ने तालाब के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया है. कागजों में 5 तालाब का निर्माण दिखाया. लेकिन हकीकत में गांव में बने दो पुराने तालाबों की मरम्मत कर पैसा निकाल लिया है.

कलेक्टर ने जांच दल गठित करने के दिए निर्देश

सरपंच और उसके पति पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और गांव की हालत को लेकर जब भिंड कलेक्टर छोटे सिंह से बात की गई, तो उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द कार्रवाई की जाएगी. जिला पंचायत सीईओ को निर्देशित कर दिया गया है. साथ ही जांच दल भी गठित किया गया है. आरोपी सरपंच के खिलाफ दोष साबित होने पर जल्द कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

भिंड। जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर दूर स्थित बिरखड़ी ग्राम पंचायत आज भ्रष्टाचार का गढ़ बनी हुई है. चाहे शौचालय निर्माण हो या सड़क निर्माण. विकास कार्यों के नाम पर यहां सरकार को चूना लगाया जा रहा है. तालाबों की खुदाई के नाम पर तो लाखों डकार लिए गए हैं. सरपंच से परेशान ग्रामीणों ने गांव में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी पंचायत

सरपंच पति का रौब

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में महिला सरपंच है, लेकिन पूरा काम उसका पति संभालता है. सरपंच पति ने अपने लोगों के साथ मिलकर मनरेगा के तहत मजदूरों की जगह निर्माण कार्यों के लिए मशीनों का उपयोग किया और मस्टर पर लोगों के नाम चढ़ा कर उनके नाम पर फर्जी तरीके से पैसा निकाला गया. गांव के सैकड़ों लोग इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए जिन्हें एक पैसा नहीं मिला.ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच ने धोखे से बैंक खाते खुलवाए और अपने लोगों की मदद से पैसा निकाल लिया.

दो साल में उखड़ी सड़कें

ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच ने पहले तो कई सड़कें सेंक्शन कराईं, लेकिन बनाई नहीं वहीं जो कुछ सड़कें बनाई भी गई तो उनमें घटिया किस्म का मटेरियल उपयोग किया गया. नतीजा ये हुआ कि सड़कें 2 साल भी नहीं टिक पाईं. सड़कें चंद महीनों में उखड़ गई.

शौचालय के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार

ग्रामीणों ने बताया कि स्वच्छता मिशन के तहत बनाए गए शौचालय के नाम पर भी घोटाला किया गया है. गांव में कई घरों मे नाम के लिए शौचालय बना दिए गए हैं. ग्रामीण कहते हैं पानी की टंकी के नाम पर तो हद ही हो गई खानीपूर्ति करते हुए महज 2-2 ईंट की बनवा दी गई हैं. जिसमें बमुश्किल एक बाल्टी पानी आता है.

तालाब के नाम पर लाखों 'हजम'

ग्राम पंचायत बिरखड़ी पिछले पांच साल में 5 तालाब सेंक्शन हुए थे. जिनमें हर तालाब की लागत करीब 25 लाख से ऊपर थी. एक तालाब तो 42 लाख की लागत से बनवाया गया है. लेकिन सिर्फ कागजों में.

लोगों ने बताया कि सरपंच ने तालाब के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया है. कागजों में 5 तालाब का निर्माण दिखाया. लेकिन हकीकत में गांव में बने दो पुराने तालाबों की मरम्मत कर पैसा निकाल लिया है.

कलेक्टर ने जांच दल गठित करने के दिए निर्देश

सरपंच और उसके पति पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और गांव की हालत को लेकर जब भिंड कलेक्टर छोटे सिंह से बात की गई, तो उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द कार्रवाई की जाएगी. जिला पंचायत सीईओ को निर्देशित कर दिया गया है. साथ ही जांच दल भी गठित किया गया है. आरोपी सरपंच के खिलाफ दोष साबित होने पर जल्द कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:भिंड की बिरखडी पंचायत इन दिनों आईडल बनी हुई है क्योंकि अगर किसी पंचायत में सरपंच भ्रष्टाचार करना चाहते हैं तो उन्हें बिरखड़ी से सीखना चाहिए कि किस तरह सरकार को चूना लगाकर पंचायत का पैसा डकार आ जा सकता है क्योंकि जनता है से पहले अपनी जेब भरना भी तो जरूरी है क्या पता अगली पंचायत में मौका मिले ना मिले


Body:भिंड जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर दूर स्थित बिरखड़ी पंचायत आज भ्रष्टाचार का गढ़ बनी हुई है चाहे शौचालय निर्माण हो या सड़क निर्माण विकास कार्यों के नाम पर यहां सरकार को जमकर चुना लगाया जा रहा है तालाबों की खुदाई के नाम पर तो करोड़ों डकार लिए गए हैं आज इस ग्राम पंचायत के सरपंच से त्रस्त और आक्रोशित ग्रामीणों ने यह बातें बताई हैं

गांव में महिला सरपंच है लेकिन पूरा काम उसका पति संभालता है गांव के लोगों ने बताया कि समझ पति ने अपने लोगों के साथ मिलकर मनरेगा के तहत मजदूरों की जगह निर्माण कार्यों के लिए मशीनों का उपयोग किया लेकिन मास्टर पर लोगों के नाम चढ़ा कर उनके नाम पर फर्जी तरीके से पैसा निकाला गया गांव के सैकड़ों लोग इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए जिन्हें एक पैसा नहीं मिला उनके नाम पर सरपंच पति ने मजदूरी का पैसा निकाल लिया यहां तक कि ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच ने धोखे से बैंक के खाते खुलवाए करके उसमें पैसा आएगा और बाद में अपने लोगों की मदद से पैसा निकाल लिया गांव की एक महिला ने बताया कि कुछ समय पहले एक सड़क निर्माण के दौरान उसके खाते में पैसा आया था लेकिन सरपंच ने यह कहकर में पैसा वापस ले लिया किसी दूसरे का पैसा है जो उसके अकाउंट में आ गया है

2 साल में उखड़ी सड़कें
ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच द्वारा पहले तो कई सड़कें पेंशन की गई लेकिन बनाई नहीं गई वही जो कुछ सड़कें बनाई भी गई तो घटिया किस्म का मटेरियल उनमें उपयोग किया गया नतीजा यह हुआ कि सड़क 2 साल भी नहीं टिकी कई सड़कें तो चंद महीनों में उखड़ गई वहीं पिछली पंचायत में बनी रोड 7 साल बाद भी आज अच्छी हालत में है

शौचालय के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार
ग्रामीणों ने बताया कि स्वच्छता मिशन के तहत बनाए गए शौचालय के नाम पर भी घोटाला किया गया है गांव में कई घरों मैं नाम के लिए शौचालय बना दिए गए ग्रामीण कहते हैं किन शौचालय में ठीक से बैठा तक नहीं जा सकता गड्ढे के नाम पर मात्र 2 फीट का गड्ढा कराया और पानी की टंकी के नाम पर तो हद ही हो गई सरपंच द्वारा कराए गए निर्माण में शौचालयों के ऊपर बनवाई गई टंकियां 2-2 ईंट की बनवा दी गई हैं जिसमें बमुश्किल एक बाल्टी पानी आता है।

तालाब के नाम पर करोड़ों डकारे
ग्राम पंचायत बिरखडी में इस कार्यकाल में 5 तालाब सैंक्शन हुए थे जिनमें हर तालाब की लागत लगभग 25 लाख से ऊपर थी एक तालाब तो 42 लाख की कीमत से बनवाया गया लेकिन सिर्फ कागजों में लोगों ने बताया कि सरपंच ने तालाब के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया है उसने कागजों में 5 तालाब का निर्माण दिखाया लेकिन हकीकत में गांव में बने दो पुराने तालाबों की मरम्मत कर पैसा निकाल लिया है



Conclusion:कलेक्टर ने जांच दल गठित करने के दिए निर्देश
सरपंच और उसके पति पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और गांव की हालत को लेकर जब भिंड कलेक्टर छोटे सिंह से बात की गई तो उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द कार्रवाई होगी मामले की जानकारी लगते ही जिला पंचायत सीईओ को निर्देशित कर दिया गया है जांच दल भी गठित करा दिया गया है आरोपी सरपंच के खिलाफ दोष साबित होने पर जल्द कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- अजय पाल सिंह, ग्रामीण
बाइट- गीता, ग्रामीण
बाइट- ग्रामीण
बाइट- पवन सिंह जादौन
बाइट- बाबूराम, ग्रामीण
बाइट- पंकज, ग्रामीण
बाइट- छोटे सिंह, कलेक्टर, भिंड
पीटीसी- ओपनिंग, क्लोजिंग- पीयूष श्रीवास्तव, संवाददाता
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