भिंड। सीएम कमलनाथ ने माफिया पर शिकंजा कसने जिला स्तरीय एंटी माफिया सेल गठित कर प्रदेश से हर रोज अवैध कब्जे छुड़ाए जा रहे हैं. भिंड में भी कलेक्टर की देखरेख में एंटी माफिया सेल का गठन कर कार्रवाई शुरू की गई है. अब तक एंटी माफिया सेल के तहत जिला प्रशासन ने 50 करोड़ से ज्यादा की सरकारी भूमि को मुक्त करा दिया है.
जिला प्रशासन ने जानकारी जुटाकर पहले जगह छोड़ने के लिए लीगल नोटिस जारी किए और कुछ दिन का समय दिया. समय सीमा पूरी होने के बाद उन जमीनों पर बनी बिल्डिंग और अन्य निर्माण तोड़कर जमींदोज कर दिए. इन कार्रवाइयों के बाद प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. भिंड शहर में हुई चार कार्रवाईयों में से तीन बीजेपी के पूर्व विधायक और सपा नेता नरेंद्र सिंह कुशवाहा के परिवार पर हुई हैं, इनमें गुड लक बीयर बार एंड लॉज पूर्व विधायक का महा मृत्युंजय कॉलेज और शहर के बीचों-बीच बनी राज ग्रुप की शराब की दुकान और आहाता जो कांग्रेस नेता संजय की जमीन पर संचालित था, इनको प्रशासन ने जमींदोज कर दिया है.
अहाते की जमीन कांग्रेस के नगर अध्यक्ष संजय भूता को लीज पर मिली थी, लेकिन किन्हीं कारणों से लीज रद्द कर दी गई थी. संजय गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट ने आदेश किया था कि, लीज रद्द होने के बाद भी इस जमीन से उन्हें बेदखल न किया जाए. ऐसे में इस जमीन को अवैध कब्जे में मानकर बिना न्यायालय को सूचित किए कार्रवाई की गई. संजय भूता का आरोप है कि कार्रवाइयों की आड़ में किसी एक व्यक्ति को टारगेट किया जा रहा है.
कार्रवाई को लेकर पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने भी प्रशासन पर राजनीतिक षड्यंत्र के तहत बिना जांच के कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. उन्होंने वर्तमान भिंड विधायक संजीव कुशवाह द्वारा टारगेट करने के साथ ही विधायक के पिता पूर्व सांसद राम लखन सिंह द्वारा सैकड़ों बीघा सरकारी जमीन हथियाने की बात कहते हुए प्रशासन से सवाल किया हैं, कि इन लोगों पर कार्रवाईयां क्यों नहीं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कांग्रेसी एक अच्छी मुहिम की आड़ में बीजेपी और उससे जुड़े लोगों को निशाना बनाकर आर्थिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
हालांकि मामले को लेकर भिंड कलेक्टर का कहना है कि, जो भी कार्रवाई हो रही हैं वे शासन के आदेश अनुसार की जा रही हैं, उनका किसी राजनीतिक पक्ष से सरोकार नहीं है.