भिंड। उप चुनाव खत्म होते ही जिले में एक बार फिर मरीजों की संख्या बढ़ना शुरू हो गई है, शुक्रवार को फिर 14 मरीज संक्रमित पाए गए हैं. इन मरीजों के सामने आने के बाद प्रशासन द्वारा संबंधित क्षेत्रों में कंटेनमेंट एरिया बना दिया गया है. साथ ही मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति के हिसाब से उन्हें होम आइसोलेट और जिला अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है.
पांच दिन में 46 नए संक्रमित
चुनाव के दौरान जहां मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज हुई तो वहीं छह नवंबर से 13 नवंबर तक 46 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, इनमें नौ नवंबर के दिन 12 मरीज, दस नवंबर को चार, 11 नवंबर को चार, 12 नवंबर को 12 मरीज और 13 नवंबर को 14 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. इन सभी का इलाज फिलहाल जारी है.
आज पॉजिटिव आए लोगों की जानकारी
भिंड जिले में आए ज्यादातर लोग अलग-अलग इलाकों से पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें गोहद वार्ड 13 में एक साथ चार लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, इनके अलावा भिंड शहर के झांसी मोहल्ला वार्ड 16 से एक बुजुर्ग पॉजिटिव पाया गया है, वहीं मीरा कॉलोनी इलाके से एक व्यक्ति, आर्य नगर वार्ड छह से एक बुजुर्ग महिला, बीटीआई रोड वार्ड 11 से एक बुजुर्ग, गोविंद नगर से एक युवक, मुखर्जी कॉलोनी से एक व्यक्ति, मेहगांव वार्ड 12 से एक महिला कोरोना पॉजिटिव है, इसके अलावा लहार सिविल हॉस्पिटल स्टाफ से भी एक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. वहीं गोहद चौराहा पुलिस थाने से भी एक पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित है.
नियमों का नहीं कर रहे लोग पालन
शासन प्रशासन द्वारा लगातार समझाइश और मीडिया द्वारा प्रचार प्रसार के बावजूद लोग कोरोना मनहामारी की गंभीरता को समझने को तैयार नहीं हैं, जिसकी वजह से अब लोग चेहरे पर मास्क का उपयोग तक नहीं कर रहे हैं ना ही सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन कर रहे. छूट की वजह से अब लोगों ने कोरोनावायरस को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया है. बाजार हो या अस्पताल कहीं भी इन नियमों का पालन होता अब दिखाई नहीं देता है. यही एक सबसे बड़ी वजह है कि इन दिनों एक बार फिर महामारी का शिकार हो रहे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
जिस तरह की लापरवाही लोग इन दिनों इस वैश्विक महामारी के दौरान दे रहे हैं. इसी का असर है कि भिंड जिले में भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लोगों को बीमारी की गंभीरता समझने की जरूरत है. क्योंकि इस लापरवाही की वजह से न सिर्फ वह अपनी बल्कि अपनों की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे में जब तक कोरोना की दवा उपलब्ध नहीं होती तब तक नियमों का पालन ही एकमात्र बचाव का विकल्प है, जिसे लोगों को अब गंभीरता से लेना चाहिए.